Maa Purnagiri Yatra ki Jankari – माँ पूर्णागिरि मन्दिर कैसे जाये कहाँ रुके
Maa Purnagiri 108 शक्ति पीठो में से एक है और हिन्दू धर्म में अत्यधिक पूज्यनीय है यह स्थल उत्तराखण्ड राज्य के चम्पावत जिले के टनकपुर शहर में है , यहाँ हम आपको माँ पूर्णागिरी के दर्शन से जुड़ी हुई हर एक बात बतायेंग जैसे यहाँ तक कैसे पहुंचे , यहाँ कहाँ ठहरे , क्या क्या दर्शन करे , प्रसाद कहाँ ले , चढ़ाई का रास्ता कैसा है , भोजन की क्या व्यवस्था है , दर्शन की टाइमिंग क्या है , टनकपुर से यहाँ जाने का रास्ता , माता रानी के अलावा अन्य देखने वाली जगहे आदि |
तो दोस्तों कुल मिलकर मैंने बहुत की मेहनत करके यह पोस्ट तैयार की है जिससे की यदि आपको भविष्य में कभी भी Maa Purnagiri माँ पूर्णागिरि मंदिर आना हो तो आप को इस पोस्ट से काफी सहूलियत होगी |
माँ पूर्णागिरि मन्दिर ( Maa Purnagiri ) के बारे में
उत्तराखण्ड राज्य के चम्पावत जिले के टनकपुर नाम के शहर में अन्नपूर्णा शिखर पे माता रानी का यह पवित्र धाम स्थित है यह नेपाल की सीमा से समीप है इस मन्दिर की आराध्य देवी महाकाली माँ है कहने का तात्पर्य यह है की पूर्णागिरि मन्दिर में देवी महाकाली की पूजा अर्चना की जाती है |
इसके अलावा आपको बता दे यही से काली नदी भी निकलती है जो की आगे जाकर शारदा नदी के नाम से जानी जाती है तो देखा जाय तो यह क्षेत्र धार्मिक के साथ साथ मनमोहक प्राकृतिक द्रश्यो से आच्छादित है |
आप थोडा सा समय निकालकर यहाँ अवश्य आये और आकर माँ पूर्णागिरी के दर्शन करे और प्रकृति की ख़ूबसूरती को बेहद ही नजदीक से जाने Maa Purnagiri Darshan से सम्बन्धित समस्त जानकारी आपको यहाँ मिल जाएगी तो आइये शुरू करते है |
कैसे पहुंचे पूर्णागिरि मन्दिर – How to reach Maa Purnagiri Mandir in Hindi
आप कही भी जाते हो सबसे पहले आपके मन में यही आता है आखिर जाए कैसे बस का क्या रूट है ट्रेन का क्या है हवाई जहाज का क्या है इसके बाद उस स्थल का लोकल ट्रांसपोर्ट कैसा है तो आप निश्चिन्त रहे आपकी सभी समस्याओ का समाधान नीचे है |
माता पूर्णागिरि के दिव्य दर्शन हेतु आपको उत्तराखण्ड में स्थित टनकपुर नाम की जगह पर आना होगा और फिर टनकपुर से मुख्य मन्दिर दूरी लगभग 22 किलोमीटर की है जिसमे से आपको लगभग 3 किलोमीटर की चढ़ाई पैदल करनी होगी तो आइये सबसे पहले जान लेते है टनकपुर पहुचने के तरीके –
हवाई मार्ग से
यदि आप हवाई मार्ग मतलब हवाई जहाज से माँ पूर्णागिरि के दर्शन करना चाहते हो तो आप जान लो यहाँ का निकटतम एअरपोर्ट पन्तनगर है जो की टनकपुर से लगभग 100 किलोमीटर दूर होगा और पन्तनगर से आपको टनकपुर के लिए टैक्सी आदि मिल जाएँगी |
रेल मार्ग से
यदि आप ट्रेन द्वारा Maa Purnagiri के दर्शन करना चाहते हो आप को बता दे की टनकपुर में एक रेलवे स्टेशन है जिसका कोड TPU है इस रेलवे स्टेशन पे कई ट्रेन है एक ट्रेन दिल्ली से भी टनकपुर आती है बाकी एक है वो लखनऊ बरेली होते हुए टनकपुर जाती है |
आप देख ले आपके शहर से यहाँ की कोई सीधी ट्रेन है या नहीं है तो कोई दिक्कत ही नहीं यदि नहीं है तो आप के आसपास के किसी शहर जैसे दिल्ली , लखनऊ , पीलीभीत , बरेली , प्रयागराज , गाजियाबाद , मुरादाबाद आदि तक अगर ट्रेन हो आप यहाँ आ जाये फिर यहाँ से आप टनकपुर की ट्रेन ले सकते है |
सड़क मार्ग से
टनकपुर बहुत ही अच्छी तरह से भारत के लगभग सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है दिल्ली लखनऊ जैसे शहरो से तो आपको सीधी बस मिल जाएगी और आप अपने साधन से भी बड़ी ही आसानी से यहाँ आ सकते है |
अब ये तो बात हो गई टनकपुर तक आने की अब ये जानिए कि टनकपुर से माँ पूर्णागिरि मन्दिर तक कैसे जाया जाय –
टनकपुर से माँ पूर्णागिरि मन्दिर तक कैसे पहुंचे – How to reach Maa Purnagiri Temple from Tanakpur
अब आप टनकपुर आ गए तो आपको टनकपुर रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड से बड़ी ही आसानी से शेयर्ड जीप मिल जायेगी जो आपको ठूलीगाड नाम की जगह तक ले जाएगी उसके बाद आपको दूसरी जीप मिलेगी जो आपको टुन्यास तक लेकर आएगी अब टुन्यास वही जगह है जहाँ से माँ पूर्णागिरि की लगभग 3 किलोमीटर की चढ़ाई शुरू होती है कभी कभी आपको टनकपुर से टुन्यास की सीधी जीप भी मिल सकती है इन जीप से जाने का किराया लगभग 60-70 रूपये प्रति व्यक्ति हो सकता है |
इसके अलावा आप अपने साधन से भी टुन्यास तक आ सकते हो रोड सही है कही कही पे थोड़ी सी गड़बड़ है यदि आप एक कुशल ड्राईवर है तो आप आ सकते है | ठूलीगाड से टुन्यास (यही से आपको पैदल चढ़ाई करनी है ) की दूरी लगभग 6 किलोमीटर है |
अब जो ये 3 किलोमीटर की चढ़ाई है इसमें भी थोड़ी दूर जाकर आपको दो रास्ते दिखाई देंगे दोनों ही बढ़िया है बस एक रास्ते में सीढियां ज्यादा है दूसरे में कम और दोनों ही रास्ते आगे जाकर एकमे मिल जाते है |
माँ पूर्णागिरी मन्दिर तक आने का बेस्ट तरीका
सबसे पहले ट्रेन या बस या अपने साधन से टनकपुर आ जाओ अब टनकपुर से बेहतर रहेगा की आप शेयर्ड जीप के माध्यम से ठूलीगाड फिर टुन्यास आओ फिर यहाँ से पैदल चढ़ाई करो और आगे जाकर कम सीढियों वाले रास्ते को चुने जो की आपके दाहिनी तरफ होगा |
माता पूर्णागिरि मन्दिर यात्रा में रुके कहाँ – Where to stay in Mata Purnagiri Tanakpur in Hindi
देखिये रुकने की यहाँ बहुत सारी जगहे है आप टनकपुर में ही रुक सकते हो टनकपुर में ढेर सारी धर्मशालाये होटल उपलब्ध है इसके अलावा आप ऊपर जाकर माता रानी के समीप भी रुक सकते है जब आप चढ़ाई शुरू करेंगे तो रस्ते में आपको ढेर सारी प्रसाद की दुकाने दिखाई देंगी और हर एक प्रसाद की दुकान में आपको रुकने की , स्नान करने की सेवा निशुल्क मिल जाएगी इसके बदले आप उसी दुकान से प्रसाद खरीदना होगा जिसकी कीमत 50 रूपये से शुरू हो जाएगी वैसे यहाँ आपको 151 , 250 , 500 , 2100 ऐसे रेट बतायेंग लेकिन आप मोलभाव करके अपने हिसाब से प्रसाद ले लीजिये |
पूर्णागिरी मन्दिर यात्रा में भोजन की व्यवस्था
देखिये टनकपुर तो टाउन है वहा आपको हर प्रकार का भोजन मिल जायेगा लेकिन हम यहाँ पे बात कर रहे ऊपर भोजन की व्यवस्था के बारे में तो आप निश्चिन्त रहे आपको पैदल चढाई के दौरान ढेर सरे होटल मिल जायेंगे जहाँ आप भोजन कर सकते हो |
यहाँ की एक औसत थाली की कीमत लगभग 70-80 रूपये होती है जिसमे आपको चार रोटी दाल सब्जी चावल मिल जायेगा इसके अलावा आपको जगह जगह पे और भी खाने पीने जैसे चाय मैगी कोल्डड्रिंक जैसे अन्य विकल्प भी मिल जायेंगे |
Maa Purnagiri Mandir ke Raste Ke Anya Mandir – पूर्णागिरि मन्दिर के रस्ते में पड़ने वाले अन्य प्रसिद्ध मन्दिर
अब आपको दर्शन करते है माँ पूर्णागिरि रास्ते में पड़ने वाले ऐसे मन्दिरों के बारे में जिनके बिना आपकी यात्रा अधूरी मानी जायेगी –
टुन्यास का भैरव मन्दिर
टुन्यास जी ये वही जगह जहाँ से आपको यात्रा प्रारंभ करनी है यही पे भैरव बाबा का एक मन्दिर है जिसके आपको दर्शन करने है और हा जब Maa Purnagiri के दर्शन कर ले उसके बाद जब आप वापसी करे तब भैरव बाबा के दर्शन अवश्य करे |
झूठे का मन्दिर
जो भी भक्त माँ पूर्णागिरी के दर्शन हेतु आता है उसे झूठे का मन्दिर में दर्शन करने हेतु अवश्य जाना चाहिए यह आपको चढ़ाई करते समय रास्ते में ही दिखेगा यहाँ पे रुककर दर्शन कर ले , झूठे का मन्दिर के पास से ही चढ़ाई के दोनों रास्ते एक में मिल जाते है और यही से सिर्फ एक ही रास्ता ऊपर की और जाता है |
काली मन्दिर रामबाड़ा
रामबाड़ा नाम की जगह पे स्थित है माँ काली का मन्दिर यहाँ से मुख्य मंदिर लगभग एक किलोमीटर ही रह जाता है आप यहाँ रुके और माता महाकाली के दर्शन करे फिर आप ऊपर की और जाए , यहाँ मैंने देखा प्रसाद स्वरुप काले वस्त्र में लिपटी हुई खिचड़ीऔर नारियल गोला लोग माँ काली को अर्पण कर रहे थे |
देखिये पूर्णागिरि माँ के रस्ते में आपको ये तीन मन्दिर पड़ेंगे भैरव मन्दिर , झूठे का मन्दिर , काली मन्दिर आपको इन तीनो मन्दिर के दर्शन करने है इसके अलावा की जगह-जगह पर रास्ते में भगवान की प्रतिमाये बनी है दान पेटी रखी है आप का मन हो तो आप दर्शन कर सकते है |
माता रानी के धाम की यात्रा से सम्बन्धित अन्य उपयोगी जानकारियां
सबसे पहले यह जान ले की जो Maa Purnagiri की चढ़ाई का रास्ता है बेहद ही मनमोहक है आप जैसे जैसे ऊपर चढ़ेंगे तो आपको बहुत ही हरे भरे पेड़ दिखाई देंगे जो निश्चित तौर से आपको तरोताजा कर देंगे आप चढ़ाई कम सीढ़ी वाले रास्ते से करे तो आपको बहुत ही अच्छे प्राकृतिक व्यू देखने को मिलेंगे यहाँ आपके फोटो वगैरह भी बहुत ही बेहतरीन आयेंगे और आपको यात्रा का मजा भी आएगा , रास्ता में धूप से बचाव हेतु टिन शेड है और किसी प्रकार के हादसे से बचाव हेतु जालियां लगी हुई है |
आपको चढ़ाई के दौरान रास्ते में जगह जगह में धर्मशालाए , प्रसाद की दुकाने , होटल , खिलौनों की दूकान , सिन्दूर कड़े चूड़ी कंगन लैया भगवान की फोटो प्रतिमाये ब्रेसलेट माला जैसी सैकड़ो दुकाने मिलेंगी जहाँ आपको यदि शॉपिंग करनी हो तो आप कर सकते है |
आपको दर्शन नंगे पैर करने होते अब इसका ये मतलब नहीं कि आपको पूरी 3 किलोमीटर की चढ़ाई नंगे पैर करनी है देखिये मुख्य मन्दिर से थोड़ी ही दूरी पे हमको अपने चप्पल जूते उतार देने होते है यही से एकदम खड़ी चढ़ाई शुरू हो जाती है |
यदि आपके पास बैग है तो बैग लेके यात्रा करने में आप परेशान हो सकते हो इसका विकल्प यही है आप चढ़ाई शुरू कर दो जब आपको बैग से दिक्कत महसूस हो तो वही पे जो भी प्रसाद की दूकान हो वही पे विश्राम करे नहा धो ले बैग जमा करके प्रसाद लेके अपने जूते चप्पल वही पे उतार के अपनी आगे की यात्रा माँ के जयकारो के साथ आरंभ करे |
दोस्तों सबसे पहले आप Maa Purnagiri के दर्शन करे फिर वापसी करते समय माता महाकाली के दर्शन करे फिर झूठे का मंदिर के दर्शन टुन्यास स्थित भैरव बाबा के दर्शन जोकि यात्रा का अन्तिम पड़ाव है | यदि आप भीड़ भाड़ से डरते हो तो आप रात में ही दर्शन कर ले रात में भीड़ कम रहती है |
Mata Vaishno Devi Ki Kahani – History of Vaishno Devi Temple
Shri Naina Devi Temple Himachal Pradesh Ki Jankari
ललिता देवी मन्दिर नैमिषारण्य जहाँ पूरी होती है हर मनोकामना
आपको रास्ते में काली नदी भी दिखाई देगी जैसे ठूलीगाड में आपको काली नदी और हरे भरे पहाड़ एक साथ दिखाई देते है जो की बहुत ही मनोरम लगता है निसन्देह प्रकृति से सुन्दर कुछ भी नहीं होता है | शारदीय नवरात्रि में यहाँ पर एला लगता है जिसमे अत्यधिक भीड़ होती है |
श्री सिद्धबाबा मन्दिर ब्रम्हदेव कंचनपुर नेपाल
ऐसी मान्यता की Maa Purnagiri दर्शन के लाभ तभी मिलते है जब आप माँ के दर्शन के बाद नेपाल के कंचनपुर जिले में स्थित श्री सिद्धबाबा के दर्शन न कर ले तो अब आप का अगला पड़ाव श्री सिद्धबाबा मन्दिर होना चाहिए यहाँ आने के लिए आपको टनकपुर से शारदा बैराज आना होगा जो की आप ई रिक्शा से आ सकते है फिर आपको बैराज को पैदल ही पार करना होगा इसके बाद पड़ेगी नेपाल की चेक पोस्ट जहाँ आप आधार कार्ड या अन्य कोई आईडी दिखाके आगे जाओगे |
अब आग आप चाहो तो श्री सिद्धबाबा मन्दिर तक पैदल जाओ या तो फिर वही आपको मोटसाइकिल वाले मिल जाते है जो प्रति व्यक्ति 10 रूपये लेकर आपको मुख्य बाजार तक छोड़ देते है वहां से मन्दिर पास में ही है रास्ते में नेपाल के लोगो के होटल है दुकाने है |
यहाँ अपनी भारतीय करेन्सी भी चलती है आप इस बाजार को देखते हुये आ जाइये श्री सिद्धबाबा मन्दिर परिसर में जहाँ आप विष्णु मन्दिर , प्राचीन अखण्ड सिद्ध धुना , प्राचीन कुवां , श्री सिद्ध बाबा मन्दिर के दर्शन करिए और परिसर में हरा भरा पार्क है आप वहा बैठ सकते है |
कब जाए माँ पूर्णागिरी धाम
देखिये यहाँ आप दर्शन हेतु कभी भी आ सकते है लेकिन गर्मियों में यहाँ भी गर्मी ही पड़ती बस ऊपर जहाँ माता का मुख्य मन्दिर है वहा हलकी सी ठण्ड लगती है बाकी टनकपुर में गर्मी ही रहती है बरसात में यहाँ जाने से आप बचाव करे क्यूंकि पहाड़ बरसात में थोडा खतरनाक हो जाते है यदि आपको ज्यादा भीड़ भाद पसन्द नहीं है तो यहाँ आप नवरात्र के समय ना जाए क्यूंकि उस समय यहाँ भीड़ होती है मेरे हिसाब से तो बरसात में यहाँ जरूरी न हो तो जाने से बचे बाकि कभी भी जाए |
माता पूर्णागिरि मंदिर टनकपुर से सम्बन्धित प्रश्न –
उत्तराखण्ड राज्य के चम्पावत जिले के टनकपुर नाम के शहर में अन्नपूर्णा शिखर पे माता पूर्णागिरि का यह पवित्र धाम स्थित है |
माँ पूर्णागिरि मन्दिर की आराध्य देवी महाकाली माँ है |
काली नदी जो आगे जाकर शारदा नदी कहलाती है |
टनकपुर से माँ पूर्णागिरि का मुख्य मन्दिर की दूरी लगभग 22 किलोमीटर की है |
आपको लगभग 3 किलोमीटर की चढ़ाई पैदल करनी होगी |
Maa Purnagiri Uttarakhand rajy me hai
आपको टनकपुर रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड से बड़ी ही आसानी से शेयर्ड जीप मिल जायेगी जो आपको ठूलीगाड नाम की जगह तक ले जाएगी उसके बाद आपको दूसरी जीप मिलेगी जो आपको टुन्यास तक लेकर आएगी अब टुन्यास वही जगह है जहाँ से माँ पूर्णागिरि की लगभग 3 किलोमीटर की चढ़ाई शुरू होती है कभी कभी आपको टनकपुर से टुन्यास की सीधी जीप भी मिल सकती है |
Tunyas ka Bhairav Mandir
Jhuthe ka Mandir
Kali Mandir Rambada
टनकपुर में जहाँ से माता पूर्णागिरि की पैदल यात्रा शुरुहोती है उसी जगह का नाम टुन्यास है और वही पर भैरव मंदिर है |
झूठे का मंदिर माँ पूर्णागिरि के पैदल मार्ग में पड़ता है यहाँ आप दर्शन जरूर करे |
यहाँ अप बरसात में ना जाये तो बेहतर है बाकी किसी मौसम में जा सकते है बेस्ट की बात करे तो हलकी सर्दी वाले महीने बेस्ट होते है |
तो दोस्तों मैंने ऊपर आपको टनकपुर स्थित माँ पूर्णागिरि मन्दिर यात्रा की ढेर सारी जानकारी दी इसके अलावा भी आपके मन में कोई भी सवाल हो तो आप मुझसे पूछ सकते है , Maa Purnagiri अप सभी को स्वस्थ रखे |
बहुत बेहतरीन और लाभदायक जानकारी। आपका आभार।
धन्यवाद सर
अति सुंदर आपका आभार आपकी जानकारी अच्छी लगी मैं बारिश में जाने वाला था लेकिन अब बारिश के बाद ही जाऊंगा
धन्यवाद सरजी
Very nice post
Thanks ?
Thanks Sir
Anurag ji 17th April,2024 me abhi kitni bhid he
सर भीड़ तो रहती ही है लेकिन दर्शन हो ही जाते है ज्यादा गर्मी में दिक्कत हो सकती है
Sir. Tanakpur se mata ke darbaar tak road ka Map dekhna he . Mil Jaye to Badi kripa Hogi.
road ka map samjhe nahi sir
बहुत अच्छे से समझाया है
जी धन्यवाद
Sep me ja sakte hai?
jee ja sakte hai
Mandir ke kapat kab tak khule rahte hain
सर हमने तो रात के ११-१२ के मध्य दर्शन किये थे शायद रात को भी कपाट खुले रहते है
नवरात्रि के बाद अप्रैल में भीड़ ज्यादा रहती है या कम और छोटे बच्चों को ले जाने की कोई सुविधा है।
कृपया जानकारी दे ??
सर भीड़ तो यहाँ रहती ही है लेकिन नवरात्र के बाद बहुत ज्यादा भीड़ नै होगी और छोटे बच्चों के लिए यहाँ कोई विशेष सुविधा नहीं है आप ये कर सकते है कि जो पोस्ट में दो रास्ते बताये है एक सीधी वाला दूसरा कम सीधी वाला तो दूसरा रास्ता चुनियेगा
Thanku for information
thanks
Nicely presented the information, good luck to you
Thanks Sir
अति सुंदर आपका आभार आपकी जानकारी अच्छी लगी मैं बारिश में जाने वाला था लेकिन अब बारिश के बाद ही जाऊंगा
अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में जा सकते हैं कोई परेशानी तो नहीं होगी
jee nahi sir koi dikkat nahi
मैं अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में पूर्णागिरि जा सकता हूं
jee sir ja sakte h
Anurag ji October me abhi kitni bhid he
navrtara me bheed rhti hai sir