टनकपुर में घूमने की जगहें – Tanakpur Tourist Places की A to Z जानकारी
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टनकपुर में घूमने की जगहें – Tanakpur Tourist Places की A to Z जानकारी

टनकपुर एक टाउन है जो की उत्तराखण्ड राज्य के चम्पावत जिले में आता है यहाँ घूमने के लिये आपको माँ पूर्णागिरि मन्दिर , शारदा घाट , श्री पंचमुखी महादेव मन्दिर, श्री बालाजी धाम हनुमान गढ़ी मन्दिर मिलेंगे इसके अलावा टनकपुर से थोड़ी ही दूरी पर नेपाल के कंचनपुर जिले में ब्रम्हदेव नाम के स्थल पर बाबा सिद्धनाथ का मन्दिर है और घूमने की बात करे तो यहाँ से महज 40 किलोमीटर की दूरी पर सिखों का पवित्र स्थल श्री गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब है |

गुरुद्वारा श्री नानकमत्ता साहिब कैसे पहुँचे कहाँ रुके क्या-क्या देखे की जानकारी
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गुरुद्वारा श्री नानकमत्ता साहिब कैसे पहुँचे कहाँ रुके क्या-क्या देखे की जानकारी

नानकमत्ता ये नाम सुना था लेकिन यहाँ की ज्यादा जानकारी नहीं थी तो पहले हमने जानकारी एकत्र की फिर यह पोस्ट लिखी आज आपको इस पोस्ट में बताएँगे कि गुरुद्वारा श्री नानकमत्ता साहिब कहाँ है यहाँ कैसे जाया जय यहाँ कहाँ रुके क्या खाये और यहाँ दर्शन करने के लिये क्या क्या विकल्प है | सबसे पहले आप यह जान लो कि Nanakmatta Sahib उत्तराखण्ड के उधमसिंहनगर के खटीमा के समीप एक बहुत ही प्रसिद्ध सिखों का धार्मिक स्थान है जहाँ आपको दर्शन करने के लिये पवित्र गुरुद्वारा मिलेगा इसके अलावा यहाँ एक झील है जो की बस देखते ही बनती है |

Maa Purnagiri Yatra ki Jankari – माँ पूर्णागिरि मन्दिर कैसे जाये कहाँ रुके
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Maa Purnagiri Yatra ki Jankari – माँ पूर्णागिरि मन्दिर कैसे जाये कहाँ रुके

Maa Purnagiri 108 शक्ति पीठो में से एक है और हिन्दू धर्म में अत्यधिक पूज्यनीय है यह स्थल उत्तराखण्ड राज्य के चम्पावत जिले के टनकपुर शहर में है , यहाँ हम आपको माँ पूर्णागिरी के दर्शन से जुड़ी हुई हर एक बात बतायेंग जैसे यहाँ तक कैसे पहुंचे , यहाँ कहाँ ठहरे , क्या क्या दर्शन करे , प्रसाद कहाँ ले , चढ़ाई का रास्ता कैसा है , भोजन की क्या व्यवस्था है , दर्शन की टाइमिंग क्या है , टनकपुर से यहाँ जाने का रास्ता , माता रानी के अलावा अन्य देखने वाली जगहे आदि |

Uttarakhand me Ghumne Ki jagah  – उत्तराखण्ड में घूमने की जगह
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Uttarakhand me Ghumne Ki jagah – उत्तराखण्ड में घूमने की जगह

Uttarakhand me Ghumne Ki jagah की बात करे तो देव भूमि उत्तराखण्ड में घूमने के लिए आपके पास ढेर सारे विकल्प मौजूद है इस प्रदेश में आप प्रकृति की अद्भुत सुन्दरता देखने को पाओगे इसके अलावा यहाँ पर तमाम जाने माने मन्दिर , गुरुद्वारा , चर्च , मस्जिद , पार्क , ट्रेक , रोमांच भी पाओगे |

History of Kedarnath Temple in Hindi | केदारनाथ मंदिर का इतिहास

History of Kedarnath Temple in Hindi | केदारनाथ मंदिर का इतिहास

केदारनाथ एक ऐसा नाम जिससे भारत का रहने वाला लगभग हर व्यक्ति परिचित है यह पवित्र स्थल उत्तराखंड में है और 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है और यहाँ जाकर शिवजी के दर्शन करना किसी सौभाग्य से कम नहीं है यह मंदिर काफी उंचाई पर बना है , वैसे इस पोस्ट में हम केदारनाथ धाम की पौराणिक कथा History of Kedarnath Temple in Hindi की बात करेंगे |

History of Badrinath Temple in Hindi – बद्रीनाथ की कथा , इतिहास

History of Badrinath Temple in Hindi – बद्रीनाथ की कथा , इतिहास

इस पोस्ट में में हम जानेंगे कि बद्रीनाथ धाम का नाम बद्रीनाथ क्यों पड़ा और बद्रीनाथ धाम की समस्त पौराणिक कथाये पढिये

दक्ष महादेव मन्दिर कनखल की पौराणिक कथा – यही है शिवजी की ससुराल

दक्ष महादेव मन्दिर कनखल की पौराणिक कथा – यही है शिवजी की ससुराल

दक्ष महादेव मन्दिर की पौराणिक कथा से आप लोग जानेंगे आखिर हर सावन में ही क्यों निवास करते है शिवजी कनखल में , कनखल शिव जी की ससुराल है

Pilot Baba Ashram Haridwar – भक्ति और देशभक्ति का एक अनूठा संगम

Pilot Baba Ashram Haridwar – भक्ति और देशभक्ति का एक अनूठा संगम

Pilot Baba Ashram Haridwar का एक ऐसा आश्रम है जहाँ आपको भक्ति के साथ साथ देशभक्ति की भी झलक देखने को मिल जाएगी , यहाँ की एक से बढ़कर एक मूर्तियाँ आपको अचंभित करेंगी आप कभी भी हरिद्वार दर्शन को आये तो पायलट बाबा के आश्रम जरूर जाइये |

Panch Prayag of Uttarakhand – उत्तराखण्ड के पञ्च प्रयाग की जानकारी
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Panch Prayag of Uttarakhand – उत्तराखण्ड के पञ्च प्रयाग की जानकारी

जब आप हरिद्वार या ऋषिकेश से बद्रीनाथ यात्रा वाले मार्ग पर आगे बढोगे तो बद्रीनाथ पहुचने से पहले आपका सामना इन पञ्च प्रयाग से हो जायेगा क्यूंकि Panch Prayag बद्रीनाथ यात्रा वाले मार्ग पर ही स्थित है | अब पञ्च प्रयाग को और भी अच्छे से समझते है देखिये उत्तराखंड की पवित्र नदियाँ अलकनन्दा , भागीरथी , मन्दाकिनी , पिंडर , नंदाकिनी और विष्णुगंगा या धौलीगंगा है और बद्रीनाथ से अलकनंदा नदी निकलती और आगे बढ़ती जाती है और बाकी की नदियाँ एक एक करके इस अलकनन्दा नदी में मिलती जाती है और जिस स्थल पर नदिया मिलती है वही प्रयाग कहलाता है |

भारत माता मन्दिर हरिद्वार जो है भारत के महापुरुषों को समर्पित

भारत माता मन्दिर हरिद्वार जो है भारत के महापुरुषों को समर्पित

Bharat Mata Mandir Haridwar की यह पोस्ट आज देवभूमि हरिद्वार के एक अनोखे मन्दिर के बारे में है जिसका दूसरा नाम मदर इण्डिया टेम्पल भी है , हरिद्वार दर्शन करते समय इस मन्दिर को देखना न भूले यहाँ आकर आप अपने देश से भली भान्ति परिचित होंगे इस मन्दिर का उद्घाटन श्रीमती इंदिरा गांधीजी ने किया था यह एक बहुमंजिला मन्दिर है इस तरह का मन्दिर शायद ही आपने पहले कही देखा हो , इस मन्दिर का निर्माण आध्यात्मिक गुरु स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि जी ने करवाया था और स्वामी जी का आध्यात्मिक जीवन में आने से पहले नाम श्री अम्बिका प्रसाद पाण्डेय था , यह मन्दिर भारत माता के सम्मान में बनाया गया है |