Banaras Me Ghumne ki Jagah – कैसे पहुंचे कहाँ रुके शापिंग की जानकारी
Banaras Me Ghumne ki Jagah बनारस में घूमने की प्रमुख जगहों में श्री काशी विश्वनाथ मन्दिर , माँ अन्नपूर्णा मन्दिर , दशाश्वमेध घाट , मणिकर्णिका घाट , असी घाट , तुलसी घाट , श्री काल भैरव मन्दिर , पशुपतिनाथ मन्दिर ( नेपाली मन्दिर ) , न्यू काशी विश्वनाथ मन्दिर , बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय , श्री तुलसी मानस मन्दिर , त्रिदेव मन्दिर , दुर्गा कुण्ड , दुर्गा मन्दिर , संकट मोचन हनुमान मन्दिर , रामनगर का किला , सारनाथ , रत्नेश्वर महादेव मन्दिर ( टेढ़ा मन्दिर ) , श्री दिगंबर जैन मन्दिर , गौदोलिया , मृत्युन्जय मन्दिर , जंतर मंतर , भारत माता मन्दिर , माँ विशालाक्षी शक्तिपीठ आदि प्रमुख है |
वाराणसी एक ऐसा शहर है जहाँ द्वादश ज्योतिर्लिंग में से एक बाबा विश्वनाथ है 51 शक्तिपीठ में से एक माता विशालाक्षी शक्तिपीठ है बनारस खुद एक सप्तपुरी है मतलब सात पुरियो में एक पुरी बनारस है तो देखिये बनारस में ज्योतिर्लिंग है शक्तिपीठ है यह सप्तपुरी है और माँ गंगा अपने पवित्र जल से इस शहर के महत्त्व को और बढ़ा देती है |
Banaras Me Ghumne ki Jagah – बनारस में घूमने की जगहे
बनारस कहिये या बोलिए काशी या फिर वाराणसी कह लीजिये अगर न समझ आये कुछ भी तो बाबा की नगरी बोल दीजिये बनारस भारत का एक अति प्राचीन शहर है यह एक धार्मिक शहर है आज मै कोशिश करूँगा की आपको बनारस शहर में घूमने की जगहों के बारे में बताऊ वैसे सच कहू तो यह पूरा का पूरा शहर ही घूमने वाला है वैसे काशी घूमने की जगह नहीं महसूस करने की जगह है |
वाराणसी उत्तर प्रदेश का एक शहर है जो की माँ गंगा के किनारे पर बसा हुआ है इस शहर के घाट अत्यधिक सुन्दर है धार्मिक और ऐतिहासिक महत्त्व को सहेजे हुये है अच्छा सर हिन्दू धर्म ही नहीं जैन धर्म बौद्ध धर्म के लिये भी वाराणसी एक पवित्र नगरी है बहुत से लोग इस शहर को उत्तर भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक राजधानी भी बोलते है |
वाराणसी में आपको बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय , सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय , महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ जैसे जाने माने विश्वविद्यालय है तो वही वाराणसी ने संगीत के क्षेत्र में भी एक विशेष योगदान दिया है अपने देश के कई जाने माने महान व्यक्ति जैसे कबीर दास जी , गुरु रविदास जी , गोस्वामी तुलसी दास जी , स्वामी रामानन्द , वल्लभाचार्य , जयशंकर प्रसाद , मुंशी प्रेमचन्द्र , रामचंद शुक्ल , पंडित हरी प्रसाद चौरसिया , उस्ताद बिस्मिल्लाह , गौतम बुद्ध आदि का सम्बन्ध इस शहर से रहा है |
खैर अब ज्यादा क्या ही बनारस के बारे में लिखू आते है मुख्य मुद्दे पर की Banaras Me Ghumne ki Jagah कौन कौन सी है लेकिन सुनिए घूमने की जगहों की जानकारी से पहले हम आपको बताएँगे बनारस कैसे जाया जाए बनारस में कहाँ रुकना सही रहेगा बनारस के अन्दर लोकल ट्रांसपोर्ट के साधन क्या है बनारस में खाने पीने की क्या व्यवस्था है क्यूंकि यह सभी जानकारी भी घुमक्कड़ी से ही सम्बन्धित है तो आइये शुरू करते है –
कैसे पहुंचे बनारस
देखिये वाराणसी बनारस भारत का एक जाना माना शहर है और यहाँ तक आने के लिये आपके पास तीनो ही साधन ( सड़क मार्ग , रेल मार्ग , वायु मार्ग ) आसानी से उपलब्ध है
अब यदि आप वायु मार्ग से यहाँ तक आना चाहते है तो आपको बता दू वाराणसी में शहर से लगभग 22 किलोमीटर दूर बाबतपुर में लाल बहादुर शास्त्री एअरपोर्ट है और इस एअरपोर्ट से घरेलू और विदेशी दोनों सेवाए उपलब्ध है दिल्ली , लखनऊ , मुम्बई , आगरा जयपुर , बंगलौर , गोवाहाटी , हैदराबाद , भुवनेश्वर , चेन्नई , कोलकत्ता जैसे शहरों से बनारस के लिये फ्लाइट आती है वही विदेशी उड़ानों की बात करू तो शारजाह , काठमांडू , बैंकाक , कोलम्बो के लिए सेवाए है |
अब यदि आप रेल मार्ग से वाराणसी आना चाहते हो तो आपको बता दू यह शहर भारत के लगभग सभी बड़े शहरों से रेल मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है वाराणसी एक रेल जंक्शन है वाराणसी का सबसे प्रमुख रेलवे स्टेशन वाराणसी जंक्शन है जिसका कोड bsb है और दूसरा प्रमुख रेलवे स्टेशन बनारस है जिसे पहले मंडुआडीह कहते थे इसका कोड bsbs है इसके अलावा भी कई रेलवे स्टेशन है लेकिन प्रमुख यह दोनों ही है आपके शहर से यहाँ तक के लिये कोई न कोई ट्रेन जरूर मिल जायेगी |
यदि आप सड़क मार्ग से आ रहे हो तो बता दे यह शहर सड़क मार्ग से बहुत ही बढ़िया तरीके से जुड़ा हुआ है यहाँ बस स्टैंड भी है तो आप बस के माध्यम से भी यहाँ आ सकते है यदि आप अपनी कार या बाइक से आना चाहते तो आपका वेलकम है सड़के बढ़िया है किसी प्रकार की कोई भी दिक्कत आपको नहीं होगी |
बनारस के अन्दर घूमने के साधन
अब आप यह तो जान गए की आपको अपने शहर से भोले बाबा की नगरी काशी तक आना कैसे है अब बात करेंगे काशी के अन्दर घूमने के लिए क्या क्या विकल्प है दोस्तों हर एक प्रकार का साधन यहाँ पर मौजूद है आप के पास बजट बढ़िया है तो कोई चार पहिये की गाडी बुक करकर बनारस घूमो या फिर ऑटो , ई रिक्शा बुक करकर घूमिये |
बनारस में आपको हाथ वाले रिक्शे भी मिल जायेंगे हा एक बात और बनारस में ह्रदय स्थल गौदोलिया जहाँ काशी विश्वनाथ मंदिर है मार्किट है घाट है वहां भीड़ न होने पाए इसलिए टेम्पो ई रिक्शा कार आदि की अनुमति नहीं होती इधर आपको पैदल ही घूमना होगा |
बनारस में कहाँ रुके – Where to Stay in Banaras in Hindi
यह एक बड़ा पर्यटन स्थल है तो इस शहर में रुकने के विकल्प की कोई कमी नहीं है हर तरह के विकल्प मतलब होटल , धर्मशाला आदि उपलब्ध है और हर तरह के बजट में आपको यहाँ ठहरने की व्यवस्था दिखाई देगी वाराणसी रेलवे स्टेशन के पास आपको तमाम सस्ते महंगे होटल मिल जायेंगे आप अपना बजट देखकर बुक कर सकते है |
यहाँ पर रुकने के लिये आप वाराणसी रेलवे स्टेशन कैंट में रुक सकते है असी घाट की तरफ रुक सकते है गौदोलिया की तरफ रुक सकते है गंगा घाट के किनारे रुक सकते है लेकिन यदि आप घूमने बनारस आये है तो रुकने की बेस्ट लोकेशन है गौदोलिया आप गौदोलिया के आसपास रूम ले क्यूंकि यह एक ऐसी जगह है जहाँ से सभी टूरिस्ट पॉइंट मार्किट नजदीक है और आपको कही भी जाने के लिये यहाँ से साधन भी मिल जायेंगे काशी विशानाथ मन्दिर और मार्किट यहाँ से नजदीक है |
लेकिन यदि आप का मन है की रूम ऐसा हो की रूम से ही गंगा जी दिखे तो आप घाट के नजदीक वाले होटल लीजिये हा यहाँ मतलब गंगा घाट के किनारे वाले होटल आने के लिए आपको पैदल चलना होगा हो सकता है सीढियां चढ़नी पड़े और फिर यदि आप इन होटल से कही घूमने जाओगे तो आपको दुबारा सीढियां पैदल सब करना पड़ेगा |
स्ट्रीट फ़ूड का मजा लेना हो मार्किट का मजा लेना हो काशी विश्वनाथ के दर्शन हो प्रसिद्ध दशाश्वमेध घाट तक जाना हो या किसी ऐसी जगह के लिए ऑटो टेम्पो स्टैंड जाना हो तो आपके लिए जो जगह रुकने की बेस्ट है वो है गौदोलिया |
बनारस का खानपान – Banaras Food in Hindi
कोई भी किसी प्रकार की बनारस में आपको खाने पीने की दिक्कत नहीं होगी इस शहर में जगह जगह पर आपको रेस्टोरेन्ट दिखाई देंगे जहाँ आप जो मन करे खा सकते है वैसे बनारसी स्ट्रीट फ़ूड जैसे कचोडी सब्जी जलेबी , सर्दियों में मलाईयो , लस्सी , ठण्डाई , चाय , टमाटर चाट , पान , बाटी चोखा आदि तो फेमस है जिसकी ज्यादा जानकारी आप मेरी यह Banaras Famous Food – बनारस आये तो खाने पीने के इन ठियो पर जरूर जाये पोस्ट से ले सकते है |
इसके अलावा हम यहाँ बात करेंगे खाने की देखिये यदि आप किसी ठीक ठाक होटल में रुके है तो आपको उस होटल में ही खाने की सभी व्यवस्थाये मिल जाएँगी ज्यादातर लोग यहाँ थाली खाते है और यदि आप बाहर खाना चाहते हो तो इस शहर में तमाम रेस्टोरेंट और भोजनालय है जहाँ आपको चाइनीज , साउथ इन्डियन के साथ साथ बहुत कुछ मिल जायेगा और रेस्टोरेंट में आप थाली भी लेकर खा सकते है |
बनारस में घूमने की जगहे – Banaras Me Ghumne ki Jagah
अब हम लोग इस शहर में आ गए होटल धर्मशाला ले ली खाने को समझ गये अब गुरु आओ घुमाते है आपको बनारस देखो इस पोस्ट में हम आपको जाने माने फेमस जगहों के बारे में बतायेंगे वैसे सच बताऊ तो बनारस एक ऐसा शहर है जहाँ घूमने के लिये अनगिनत पॉइंट है यह इतना सुन्दर शहर है की आप यहाँ आओगे इसे महसूस करोगे तो बस बनारस के कायल हो जाओगे आइये अब शुरू करते है –
काशी विश्वनाथ मन्दिर
12 ज्योतिर्लिंग में से एक बाबा विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग यही पर है जिसके दर्शन करने दूर दूर से लोग आते है भगवान शिव जी को समर्पित यह मन्दिर हिन्दुओ में एक विशेष महत्त्व रखता है यह पतित पावन माँ गंगा के किनारे पर बना हुआ है यहाँ तक आने के लिए सबसे पहले आपको गौदोलिया तरफ आना होगा फिर वहां से कई गेट है जिनसे आप बाबा विश्वनाथ के दर्शन हेतु जा सकते है |
आजकल ज्यादातर लोग मुख्यता तीन तरफ से इस मंदिर में आते है सबसे पहले गेट नंबर एक से जिसके लिये विश्वनाथ गली से होकर जाना होता है यह गेट आपको गौदोलिया से दशाश्वमेद्य घाट की तरफ चलने पर पड़ेगा इसे सिंह द्वार कहते है दूसरा रास्ता है गोडोलिया से मैदागिन की तरफ जाओ और आपको मिलेगा गेट नंबर 4 तीसरा रास्ता है ललिता घाट के सामने से ललिता घाट मणिकर्णिका घाट और दशाश्मेद्य घाट के मध्य है |
यदि आप ललिता घाट से जाते हो तो आप सीधे जो कारीडोर बन रहा है उसमे प्रवेश करोगे घाट पर से ही सीढियां बनी हुई है अच्छा बाबा विश्वनाथ मन्दिर परिसर में कई देवी देवताओ के अन्य मन्दिर भी जहाँ भी आप दर्शन जरूर करे इसके अलावा आपको जानकारी दे दू की बाबा विश्वनाथ मंदिर परिसर में आप मोबाइल इत्यादि नहीं ले जा सकते है तो या तो आप मोबाइल वगैरह होटल रूम में रखकर आइये या मन्दिर से पहले तमाम लाकर है जहाँ आप प्रसाद ले वही अपना मोबाइल और सामान रख दे |
इस मंदिर में अत्यधिक भीड़ होती है तो बाबा की शिवलिंग के दर्शन हेतु आपको कुछ सेकंड्स ही मिलते है तो बिलकुल भी आप अपना ध्यान इधर उधर न करे और बाबा विश्वनाथ के दर्शन करे कही कही मैंने पढ़ा है काशी विश्वनाथ मन्दिर को गोल्डन टेम्पल या स्वर्ण मंदिर भी कहा जाता है शायद वो इसलिये क्यूंकि मंदिर के ऊपर बने गुम्बद में सोना लगा हुआ है तो Banaras Me Ghumne ki Jagah में काशी विश्वनाथ सबसे पड़ाव होना चाहिए या फिर पहले गंगा स्नान फिर बाबा के दर्शन करे |
माँ अन्नपूर्णा मन्दिर बनारस का एक मन्दिर
अन्नपूर्णा देवी मंदिर बाबा विश्वनाथ मन्दिर के समीप ही है यदि आप विश्वनाथ गली से जाओगे तो आपको पहले माँ अन्नपूर्णा देवी का मंदिर दिखाई देगा इस मंदिर में आपको दर्शन हेतु अबश्य आना चाहिए जैसा की नाम से ही समझ आ रहा है यह मन्दिर मुख्य रूप से अन्न की देवी माँ अन्नपूर्णा को समर्पित है इस मन्दिर परिसर में भी कई देवी देवताओ की सुन्दर प्रतिमाये है आप सभी के दर्शन करे माँ अन्नपूर्णा का आशीर्वाद ले ध्यान दे कि जब आप काशी विश्वनाथ मन्दिर दर्शन हेतु आये तो साथ में ही माँ अन्नपूर्णा देवी के दर्शन कर ले |
खिचड़ी बाबा का मन्दिर बनारस का दर्शनीय स्थल
खिचड़ी बाबा का मन्दिर आपको काशी विश्वनाथ मन्दिर के गेट नंबर 1 सिंह द्वार के ठीक सामने दिखाई देगा यहाँ खिचड़ी का भंडारा सा चला करता है आप यही से निकल रहे हो तो आप इस मन्दिर में भी दर्शन अवश्य कर ले |
श्री गुरु देव ब्रहस्पति मन्दिर
सिंह द्वार काशी विश्वनाथ गेट नंबर 1 से जब आप दशाश्वमेध घाट की तरफ आओगे तो रास्ते में आपको श्री गुरु देव ब्रहस्पति का मन्दिर दिखाई देगा यहाँ आपको भीड़ नहीं मिलेगी आप सकून से इस मन्दिर में जाकर दर्शन लाभ ले |
मान सिंह वेद्यशाला जंतर मंतर बनारस का पर्यटन स्थल
दशाश्वमेध घाट से समीप ही मान मंदिर घाट बोलो या डाक्टर राजेंद्र प्रसाद घाट के समीप ही बना हुआ है मान सिंह वेधशाला इसी में है जंतर मंतर यह एक ऐतिहासिक पर्यटन स्थल है जिसे महाराजा जय सिंह दृतीय ने बनवाया था यहाँ आपको पुराने समय के तमाम यंत्र दिखाई देंगे जिनसे पहले समय सूर्य की गति का हिसाब लगाया जाता था एक बात और इस स्थल से गंगा नदी का बहुत ही प्यारा व्यू मिलता है |
इसमें आपको एक राजमहल देखने को मिलेगा जिसकी बनावट अति उत्कृष्ट है यहाँ रखे कुछ खगोलीय उपकरण ठीक ठाक स्थिति में है तो आप यहाँ भी जाये यहाँ का टिकट है मतलब इस ऐतिहासिक धरोहर को देखने के लिये आपको टिकट लेना होगा |
माँ विशालाक्षी मन्दिर बनारस का एक शक्तिपीठ
51 शक्तिपीठ में से एक शक्तिपीठ बनारस में स्थित है जिसका नाम विशालाक्षी शक्तिपीठ है यह शक्तिपीठ काशी विश्वनाथ मन्दिर के समीप ही है यदि आप यहाँ पर घाट की तरफ से जायेंगे तो आपको बता दू मीर घाट से जो सीढियां बनी है आप उन्ही सीढियों से होते हुए आगे माँ विशालाक्षी मन्दिर तक जाते हो यहाँ प्रसाद स्वरुप बहुत से लोग साड़ी चढाते है कुछ लोग मंदिर के पुजारी को रूपये देकर चढ़ी हुई साड़ी खरीदते भी है खैर आप यहाँ भी दर्शन कर ले |
नेपाली मन्दिर – Nepali Mandir Banaras Me Ghumne ki Jagah
मीर घाट के पास ही है ललिता घाट और यही पर बना है नेपाली मन्दिर जो की नेपाल के पशुपतिनाथ मन्दिर ली तरह ही दिखाई देता है और इसका निर्माण भी नेपाल के राजा ने करवाया था इस नेपाली मन्दिर में शिवलिंग है और मंदिर की बनावट बहुत ही सुन्दर तरीके से की गई है तो |
रत्नेश्वर महादेव मन्दिर टेढ़ा मन्दिर
ललिता घाट से आप जब मणिकर्णिका घाट की और आओगे तो आपको मणिकर्णिका घाट पर ही दिखाई देगा एक मन्दिर जो दिखने में टेढ़ा है इसीलिए इसका नाम टेढ़ा मंदिर है वैसे इस मंदिर को रत्नेश्वर महादेव मंदिर कहते है टेढ़ा मन्दिर देखकर आपको एक बार आश्चर्य जरूर होगा की आखिर यह मन्दिर टेढ़ा कैसे है वहां के लोकल की माने तो यह मंदिर श्रापित है इसीलिये यहाँ पर पूजा नहीं होती है |
दशाश्वमेध घाट बनारस का दर्शनीय स्थल
बनारस शहर का सबसे ज्यादा प्रसिद्ध घाट है दशाश्वमेध घाट यहाँ की गंगा आरती बहुत ही भव्य होती है यह घाट काशी विश्वनाथ मन्दिर और गौदोलिया के समीप ही है और बहुत ही सुन्दर और पवित्र घाट है आप बनारस आये तो इस घाट पर गंगा स्नान जरूर करे और यहाँ की गंगा आरती जरूर देखे पौराणिक कथा के अनुसार भगवान ब्रह्मा ने इस घाट का निर्माण शिवजी के स्वागत के लिये किया था दूसरी कथा के अनुसार इस जगह दस अश्वमेध यज्ञ किये गए थे जो भी हो यह एक पवित्र गंगा घाट है यहाँ आप स्नान जरूर करे |
मणिकर्णिका घाट बनारस का पर्यटन स्थल
चौबीसों घंटे मणिकर्णिका घाट पर दाह संस्कार हुआ करता है इसे महाशमसान भी कहते है जीवन के अंतिम सत्य मृत्यु को दिखाता यह घाट देखने योग्य है यहाँ आप देखोगे हर 5-10 मिनट में कोई न कोई शव आ रहा है इस घाट पर आपको हिन्दू धर्म के दाह संस्कार की सभी विधियाँ देखने को मिलेंगी सुना है की यहाँ मुर्दे का आग देने का काम डोम राजा ही करते है यहाँ पर सबसे पहले शव को अर्थी सहित ही गंगा में डुबुकी लगवा दी जाती है खैर आप यहाँ आकर भी थोडा समय दे |
माता संकठा मन्दिर सिंधिया घाट बनारस में घूमने की जगह
यह मंदिर देवी संकटा को समर्पित मंदिर है और बनारस में सिंधिया घाट के पास है इस मंदिर परिसर में शेर की एक विशाल प्रतिमा बनी हुई है कहते है इस मंदिर में दर्शन करने से बड़े ही चमत्कारिक लाभ मिलते है इस मंदिर परिसर में संकठा माँ की एक सुन्दर प्रतिमा बनी हुई है धार्मिक कथा की माने तो यहाँ पर भगवान शिव ने माँ संकठा की पूजा की थी और पांडवो ने भी यही पर माँ संकठा की पूजा की थी सिंधिया घाट मणिकर्णिका घाट से समीप ही स्थित है |
श्री काशी कामकोटेश्वर मन्दिर बनारस का एक मन्दिर
बनारस में हरीशचंद घाट के समीप ही एक मंदिर है कामकोटेश्वर जो की दक्षिण भारतीय शैली में बना एक सुन्दर मन्दिर है आप इस मंदिर में आकर दर्शन कर सकते है |
आदि केशव मन्दिर बनारस का एक मन्दिर
आदि केशव मंदिर बनारस का एक बहुत ही सुन्दर मन्दिर है वरुणा नदी और गंगा नदी के संगम पर यह पावन मंदिर बना हुआ है शहर का प्रसिद्ध आदि केशव घाट भी यही पर है इस मन्दिर में आपको विष्णु जी और शिवजी दोनों के ही दर्शन का सौभाग्य मिलता है तो Banaras Me Ghumne ki Jagah में आप आदि केशव मन्दिर को भी शामिल कर सकते है |
श्री काल भैरव मन्दिर बनारस का दर्शनीय स्थल
बनारस का बाबा विश्वनाथ के बाद सबसे प्रमुख मंदिर है काल भैरव मंदिर यह बनारस के कोतवाल है बनारस में बाबा कालभैरव की अनुमति के बिना कुछ भी नहीं होता श्री काल भैरव मन्दिर विशेश्वरगंज में है जो की गौदोलिया से डेढ़ दो किलोमीटर होगा मै यहाँ हाथ वाले रिक्शे से ५० रूपये में गौदोलिया से आया था इस मंदिर में भी अच्छी खासी भीड़ होती है यहाँ आपको लम्बी लाबी कतारे दिखाई देंगी गलियों में प्रसाद की दुकाने है आप अपने चप्पल जूते किसी भी प्रसाद की दुकान पर रखकर काल भैरव के दर्शन करे|
मृत्युंजय महादेव मन्दिर
श्री काल भैरव मंदिर के समीप ही स्थित है बनारस जिले का एक और शिव मंदिर जिसका नाम मृत्युंजय मन्दिर है यह मंदिर मुख्य रूप से शिवजी को समर्पित है वैसे तो इस मंदिर प्रांगण में कई देवी देवताओ के दर्शन का लाभ मिलेगा लेकिन गर्भगृह में शिवलिंग यहाँ का मुख्य स्थल है बनारस में घूमने की जगह में आप इस मन्दिर को भी शामिल कर सकते है |
श्री दिगम्बर जैन मन्दिर
बनारस शहर में मैदागिन क्रासिंग के पास स्थित है श्री दिगंबर जैन मन्दिर यह एक साफ़ सुथरा शांत जैन मन्दिर है आपको एक बात और बता दू बनारस में जैन धर्म के कुछ और भी जाने माने मंदिर है जिनके नाम नीचे दिये दे रहा हु –
पार्श्वनाथ जैन मन्दिर , भेलूपुर
ग्यारहवे तीर्थंकर श्री श्रेयांसनाथ , सारनाथ
आंठ्वे तीर्थंकर चन्द्र प्रभु , चन्द्रावती
भारत माता मन्दिर बनारस में घूमने की जगह
स्वंत्रतता सेनानी बाबू शिव प्रसाद गुप्ता द्वारा दो मंजिले भारत माता मन्दिर का निर्माण करवाया गया था यह मंदिर मुख्य रूप से भारत माता को समर्पित है इस मन्दिर में आपको कोई भी देवी देवता के दर्शन नहीं होंगे अरे एक बात और इसका उद्घाटन महात्मा गांधीजी ने किया था इस भारत माता मन्दिर में मार्बल से बना हुआ भारत का एक नक्शा हो जो की अत्यंत भव्य है सॉरी भारत का नक्शा नहीं यहाँ पर अखण्ड भारत का नक्शा बना हुआ है यह मन्दिर कैंट रेलवे स्टेशन के समीप ही है |
श्री तिलभांडेश्वर महादेव मन्दिर
बनारस के भेलूपुर में स्थित श्री तिलभांडेश्वर महादेव मन्दिर काफी लोकप्रिय मन्दिर है यहाँ ऐसी मान्यता की इस मन्दिर का शिवलिंग हर साल मकर सक्रान्ति के दिन तिल के बराबर बढ़ जाता है इस मन्दिर में कालसर्प दोष वाली पूजाए हुआ करती है इसके नाम के पीछे कई किद्वंती है एक तो यह की तिल तिल करके शिवलिंग बढ़ रहा है दूसरी यह की यह मन्दिर जहाँ पर है वहां पहले तिल की खेती होती थी तभी किसानो ने यह शिवलिंग देखा बस तबसे इसका नाम श्री तिलभांडेश्वर महादेव मन्दिर हो गया |
मारकंडेय महादेव मन्दिर कैथी
वाराणसी के कैथी नाम की जगह पर स्थित है शिव जी का मन्दिर जिसका नाम मारकंडेय महादेव मन्दिर है यह एक पुराना मन्दिर है और शहर में अत्यधिक लोकप्रिय है यहाँ मन्दिर से थोड़ी दूरी पर गंगा जी भी है आप इस मन्दिर में भी आ सकते है |
असी घाट
असी घाट बनारस का एक प्रमुख गंगा घाट है जहाँ आपको जरूर जाना चाहिये और यहाँ की गंगा आरती और सुबह -ए बनारस कार्यक्रम को जरूर देखना चाहिये यकीन मानिये इस घाट पर आपको काफी सकून मिलेगा मै यहाँ शाम को गया तो देखा यही आसपास कुछ लड़के लडकिय पेंटिंग बना रहे कही कोई ग्रुप म्यूजिक में व्यस्त है कुल मिलाकर एक अलग किस्म का सकारात्मक वातावरण आपको असी घाट पर मिलेगा आप चाहो तो यहाँ नौका विहार भी कर सकते हो |
यहाँ पर असी नदी आकर गंगा में मिलती है इसीलिये इसे असी घाट कहा जाता है यह एक बहुत बड़ा घाट है यहाँ से सूर्यास्त और सूर्योदय का नजारा बहुत ही सुन्दर होता है इस घाट पर होने वाली गंगा आरती में दशाश्वमेध घाट की अपेक्षा भीड़ कम होती है |
रानी लक्ष्मीबाई जन्मस्थली अस्सी घाट और तुलसी घाट के पास
जी यह एक ऐतिहासिक स्थल है जो बनारस के शिवाला में है अरे अस्सी घाट या तुलसी घाट से मुश्किल से 250 मीटर की दूरी पर है बनारस में ही रानी लक्ष्मीबाई का जन्म हुआ था इस स्थल पर रानी की एक प्रतिमा बनी हुई है और तमाम रानी लक्ष्मीबाई से जुड़ी हुई तस्वीरे यहाँ पर आप देख सकते है यहाँ एक हरा भरा गार्डन भी है देखिये यदि आप अस्सी घाट की तरफ आ रहे हो और इतिहास प्रेमी हो तो तो आपको रानी लक्ष्मीबाई जन्मस्थली पर जरूर आइयेगा |
लोलार्क कुण्ड
लोलार्क कुण्ड Banaras Me Ghumne ki Jagah है इसकी लोकेशन की बात करे तो यह आपको अस्सी घाट तुलसी घाट के आगे मिलेगा भदैनी इलाके में लोलार्क कुण्ड बना हुआ है लोलार्क कुण्ड स्थित लोलार्केश्वर महादेव का बड़ा ही महत्त्व है श्रद्धालु यहाँ दर्शन हेतु आते है ऐसी मान्यता है कि लोलार्क कुण्ड में स्नान करने से निसंतान महिलाओ को भी संतान की उत्पत्ति होती है |
तुलसी घाट पर ही गोस्वामी तुलसीदास जी का कमरा है जहाँ वो रहा करते थे आपका मन हो तो आप यहाँ भी देख ले और यही पर कही अखाड़ा भी है हालाँकि अखाड़ा मै गया नहीं था |
नया काशी विश्वनाथ मन्दिर बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय
बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय जो बीएचयू के नाम से जानी जाती है इस यूनिवर्सिटी परिसर में नया काशी विश्वनाथ मन्दिर स्थित है जो की देखने में बड़ा ही भव्य है मन्दिर के सामने ही खाने पीने के कई स्टाल है इस मन्दिर के चारो तरह एक सुन्दर सा गार्डन है इस मन्दिर में आकर आपको अच्छा लगेगा और मै यही कहूँगा की आप नये काशी विश्वनाथ मन्दिर जरूर आये और आकर इस भव्य मन्दिर की भव्यता को देखे मन्दिर परिसर में नंदी जी की भी एक आकर्षण प्रतिमा बनी हुई है |
बनारस हिन्दू विश्विद्यालय में ही भारत कला भवन है जो की एक संग्रहालय है यदि आप कला प्रेमी है तो इस जगह भी आप आ सकते है |
संत रविदास पार्क बनारस का पर्यटन स्थल
यदि आप हरियाली पसंद करते है और थोडा रिलैक्स करना चाहते है तो आप संत रविदास पार्क आ सकते है यहाँ रविदास जी की एक प्रतिमा बनी हुई है पार्क के समीप ही गंगा घाट है इस पार्क में आपको टिकट भी लेनी होगी जो शायद वयस्कों के लिये 15 रूपये है तो आप रिलैक्स करके के लिहाज से यहाँ आ सकते है |
रामनगर का किला बनारस में घूमने की जगह
वाराणसी के लंका से थोड़ी ही दूरी पर स्थित है रामनगर का किला यह किला गंगा नदी के किनारे पर बना हुआ एक सुन्दर किला है यदपि यहाँ रख रखाव का अभाव है लेकिन आप यहाँ जरूर जाये काशी नरेश बलवंत सिंह ने इस किले का निर्माण कार्य करवाया था यहाँ की टाइमिंग सुबह १० बजे शाम 5 बजे तक की है इस किले में एक संग्रहालय है जो की एक इतिहास प्रेमी को अवश्य देखना चाहिए संग्रहालय देखने की टिकट 75 रूपये है |
किले के अन्दर आपको तोपे रखी हुई दिखाई देंगी किले के अन्दर ही आपको वेद व्यास मंदिर , दक्षिण मुखी हनुमान मन्दिर के दर्शन का सौभाग्य मिलेगा गंगा किनारे से इस किले का व्यू बहुत ही प्यारा दीखता है |
पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री लाल बहादुर शास्त्री जी का पैत्रक आवास
रामनगर किले से थोड़ी ही दूरी पर हमारे देश के ईमानदार प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी का पैत्रक आवास है जिसे अब एक संग्रहालय में बदल दिया गया है यहाँ पर आपको शास्त्री जी के जीवन से जुड़ी हुई बहुत सी वस्तुये देखने को मिलेंगी यहाँ आप जरूर जाए |
अधिक जानकारी के लिये रामनगर वाराणसी घूमने की जानकारी – रामनगर का किला, शास्त्री जी का पैतृक आवास पोस्ट को पढ़े |
संकट मोचन हनुमान मन्दिर
संकट मोचन हनुमान मन्दिर वाराणसी का एक प्रसिद्ध मन्दिर है आपकी बनारस की यात्रा बिना इस मन्दिर दर्शन के अधूरी है इस मन्दिर परिसर में मोबाइल वगैरह मतलब फोटोग्राफी मना है तो आपको मन्दिर के प्रवेश मार्ग पर ही अपना मोबाइल जमा कराना होगा जैसा की नाम से ही समझ आ रहा है कि यह मंदिर हनुमान जी को समर्पित है यदि आपके पास समय हो तो इस मन्दिर में आकर हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करे मन्दिर परिसर के अन्दर ही प्रसाद मिलता है |
ध्यान दे की मंगल और शनिवार के दिन संकट मोचन हनुमान मन्दिर में आपको लम्बी लम्बी लाइन दिखाई देंगी यहाँ इन दो दिनो में बहुत ही ज्यादा भीड़ होती है ऐसी मान्यता है की संकट मोचन हनुमान मन्दिर में हनुमान जी के दर्शन मात्र से आपके जीवन के समस्त संकट मिट जाते है यह मंदिर लंका नाम की जगह से थोड़ी ही दूरी पर स्थित है |
त्रिदेव मन्दिर
संकट मोचन हनुमान मन्दिर से थोड़ी ही दूरी पर स्थित है त्रिदेव मन्दिर जिसकी बनावट और भव्यता देखते ही बनती है यहाँ सबसे पहले आप अपने जूता चप्पल उतार के मन्दिर के अन्दर प्रवेश करे मंदिर के अन्दर की साफ सफाई बहुत ही बढ़िया है मंदिर परिसर के अन्दर का रख रखाव बनावट प्रतिमाये सभी उत्कृष्ट है शाम के समय लाइटिंग में इस मन्दिर की सुन्दरता और भी ज्यादा बढ़ जाती है यह मंदिर मुख्य रूप से रानी दादी सती देवी , खाटू श्याम और हनुमान जी को समर्पित है |
श्री सत्यनारायण तुलसी मानस मन्दिर
त्रिदेव मंदिर के पास ही स्थित है बनारस का एक और प्रसिद्ध मन्दिर जिसे हम श्री सत्यनारायण तुलसी मानस मन्दिर के नाम से जानते है यह मन्दिर मुख्य रूप से भगवान राम को समर्पित है इस मन्दिर के अन्दर आपको एक अध्यात्मिक सी अनुभूति होगी इस मन्दिर की दीवारों पर राम चरित मानस लिखी हुई है यदि आप मन्दिर के ऊपरी मंजिल पर जाते हो तो वहां आपको रामायण के चित्र दिखाई देते है जो की बहुत ही सजीव लगते है इस मंदिर का नाम तुलसी दास के नाम पर श्री सत्यनारायण तुलसी मानस मन्दिर है |
इस मन्दिर में जैसे ही आप प्रवेश करोगे आपको राम भक्ति का एह्सास होगा बहुत ही शांत देवीय उर्जा से भरा हुआ यह मन्दिर Banaras Me Ghumne ki Jagah में काफी लोकप्रिय है इस मन्दिर में आप श्री राम के अलावा श्री कृष्ण के जीवन की कई पेंटिंग्स देख सकते है और यहाँ पर अन्य देवी देवताओ की प्रतिमाये भी है मंदिर के बाहर बना गार्डन भी आप देख सकते है मंदिर परिसर में आपको काल भैरव , रामजी लक्ष्मणजी सीताजी, राधा कृष्ण जी , भगवान शंकर जी , गणेश जी के दर्शन का लाभ मिलता है |
दुर्गा कुण्ड मन्दिर
श्री सत्यनारायण तुलसी मानस मन्दिर से थोड़ा सा आगे जाने पर आपको एक लाल रंग का मन्दिर दिखाई देगा यही बनारस का प्रसिद्ध दुर्गा मन्दिर है यहाँ पर भक्त माँ दुर्गा के दर्शन हेतु आते है इस मंदिर परिसर में माँ दुर्गा की एक दिव्य मूर्ति स्थापित है इस मन्दिर का निर्माण अठारवी शताब्दी में बंगाल की एक रानी ने करवाया था ऐसी मान्यता है कि इस मन्दिर में जो माँ दुर्गा की मूर्ति है वह अपने आप ही प्रकट हुई थी |
दुर्गा मंदिर में एक कुण्ड भी है जिसे दुर्गा कुण्ड कहते है और इस सम्पूर्ण मन्दिर परिसर में कई और भी मन्दिर है जैसे श्री सिद्ध हनुमान विष्णु कल्कि मन्दिर , शंकर जी का मन्दिर , राधा कृष्ण मन्दिर तो आप यहाँ आक्र माँ दुर्गा के दर्शन का लाभ जरूर ले |
विशेष नोट – संकट मोचन हनुमान मन्दिर , त्रिदेव मन्दिर , श्री सत्यनारायण तुलसी मानस मन्दिर , दुर्गा कुण्ड मन्दिर यह सभी मन्दिर एक लाइन से आस पास ही है |
खिड़किया घाट या नमो घाट – Banaras Me Ghumne ki Jagah
वाराणसी में राजघाट के समीप ही एक नए घाट का निर्माण कार्य गति पर है जिसका नाम खिड़किया घाट या नमो घाट है यह एक बेहद ही अलग तरीके का सुन्दर घाट है यह आदिकेशव घाट के समीप बना हुआ है खिडकिया घाट पर नमस्कार मुद्रा की तीन प्रतिमाये आकर्षण का केंद्र है यह घाट बनारस का उभरता हुआ पर्यटन स्थाल है तो यह गंगा घाट बनारस में घूमने की जगह में लोकप्रिय हो रहा है |
सारनाथ बनारस का पर्यटन स्थल
वाराणसी से लगभग 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है सारनाथ जो की एक बौद्ध स्थल है भगवान् बुद्ध के जीवन से सम्बंधित यह पावन क्षेत्र भी बनारस में एक बढ़िया पर्यटन स्थल है वैसे सारनाथ हिन्दू , बौद्ध और जैन धर्म का पवित्र स्थल है यहाँ पर सारंगनाथ महादेव का मन्दिर है और जैन धर्म के ग्यारहवे तीर्थंकर श्रेयांसनाथ जी की तपोस्थली है सारनाथ इसलिए यह जैन धर्म में भी लोकप्रिय है |
सारनाथ में आप तिब्बती मन्दिर , चौखंडी स्तूप , धमेख स्तूप , अशोक स्तम्भ , मूल्गंध कुटी विहार , धर्मराजिका , स्तूप , डियर पार्क , थाई मन्दिर आदि स्थल जरूर देखे कोशिश करे कि आप यहाँ समय लेकर आये सारनाथ घूमने की अधिक जानकारी के लिये नीचे क्लिक करके पढ़े –
सारनाथ में घूमने की समस्त जानकारी
यह तो हमने आपको Banaras Me Ghumne ki Jagah के जाने माने पर्यटन स्थलों के बारे में बताया इनके अलावा और भी जगहों पर जा सकते है जिनके नाम हम नीचे दिए दे रहे है –
अलमगीर मस्जिद पंचगंगा घाट के पास
काशी धाम संग्राहलय बूंदी परकोटा घाट के पास
लाल खान का मकबरा राजघाट
गुरुद्वारा श्री गुरु नानक देव जी गुरुबाग
सैंट मेरी केथेड्रल चर्च कैंट
बाबा कीनाराम
डाक्टर राजेन्द्र प्रसाद घाट
दरभंगा घाट
शीतला घाट
अहिल्याबाई घाट
भारतेन्दु हरिश्चंद उद्यान
गौदोलिया मार्केट
विश्वनाथ गली
वाराणसी फन सिटी वाटरपार्क
आनंद पार्क दुर्गाकुण्ड आनंदबाग भेलूपुर
नेहरु पार्क कैन्ट
शहीद उद्यान नगर निगम सिगरा
लिखते ही रहेंगे ऐसे तो Banaras Me Ghumne ki Jagah की लिस्ट बहुत बड़ी है हर घाट पर मन्दिर है बनारस की गलियों में मन्दिर है आप बस घूमते रहिये दर्शन करते रहिये |
वाराणसी की मार्केट क्या क्या ख़रीदे
देखिये अब बात करते है बनारस की जानी मानी बाजारों की और आप क्या क्या बनारस से खरीद सकते है
गौदोलिया से दशाश्वमेध घाट की तरफ की मार्किट
जब आप गौदोलिया से दशाश्वमेध की तरफ आयेंगे तो रास्ते में आपको साड़ी सूट , कंगन चूड़ियाँ , पूजा पाठ की सामग्री , सैडल आदि सामान आप खरीद सकते है और यही आप स्ट्रीट फ़ूड का मजा भी ले सकते है |
और इधर ही आपको विश्वनाथ गली भी मिलेगी जहाँ भी आप जाना न भूले |
ठठेरी बाज़ार
यदि आप साड़ियाँ खरीदना चाहते हो तो आप ठठेरी बाजार की और रुख कर सकते है यहाँ पर साड़ियो की होलसेल मार्किट है |
दालमंडी मार्किट
यह बनारस की एक ऐसी बाजार है जहाँ आपको जरूरत का हर एक सामान सही दाम पर मिल जायेगा यहाँ पर बहुत ही ज्यादा भीड़ होती है |
इनके आलावा वाराणसी में गोलघर , लहुराबीर, लंका की तरफ भी शापिंग कर सकते हो |
Things To Do In Varanasi – वाराणसी में क्या क्या करे
- दशाश्वमेध घाट या किसी अन्य घाट पर गंगा स्नान
- प्रमुख मन्दिरों जैसे बाबा विश्वनाथ मन्दिर , माँ अन्नपूर्णा मन्दिर , श्री काल भैरव मन्दिर , संकट मोचन हनुमान मन्दिर , दुर्गा मन्दिर , तुलसी मानस मन्दिर , नया काशी विश्वनाथ मन्दिर , रामनगर का किला , सारनाथ , भारत माता मन्दिर के दर्शन करे |
- दशाश्वमेध घाट या डाक्टर राजेन्द्र प्रसाद घाट की शाम की गंगा आरती और असी घाट की सुबह की गंगा आरती
- असी घाट पर सुबह ए बनारस
- नाव द्वारा घाट की सैर मतलब नौका विहार
- बनारसी फ़ूड का मजा
- बनारस की मार्किट में घूमना
- गंगा के घाट पर बैठना
हमने आपको Banaras Me Ghumne ki Jagah के बारे में बताया और बहुत सी घूमने वाली जगहे बता दी लेकिन यदि आप के पास समय कम है यह आप बनारस के प्रमुख प्रमुख टूरिस्ट स्पॉट ही देखना चाह रहे हो तो अब हम आपको नीचे प्रमुख प्रमुख टूरिस्ट पॉइंट के नाम दिये दे रहा हूँ जिन्हें आप जरूर घूमें –
- श्री काशी विश्वनाथ मन्दिर और सम्पूर्ण कारीडोर
- माँ अन्नपूर्णा देवी
- माँ विशालाक्षी शक्तिपीठ
- गौदोलिया मार्केट
- दशाश्वमेध घाट
- मणिकर्णिका घाट
- श्री काल भैरव मन्दिर
- नया काशी विश्वनाथ मन्दिर बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय
- संकट मोचन हनुमान मन्दिर
- दुर्गा कुण्ड मन्दिर
- असि घाट
- रामनगर
- सारनाथ
बनारस घूमने से सम्बन्धित महत्वपूर्ण प्रश्न
बनारस उत्तर प्रदेश राज्य में है |
वाराणसी बनारस भारत का एक पुराना शहर है यह अपनी संस्कृति के लिये प्रसिद्ध है गंगा नदी के लिये प्रसिद्ध है श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के लिए प्रसिद्ध है देखा जाय तो बनारस अपने गंगा घाटो और मंदिरों के लिये प्रसिद्ध है |
बनारस के एनी नाम वाराणसी और काशी है |
बेस्ट तो ठंडी ही है अक्टूबर से लेकर फरवरी मार्च तक |
वैसे तो आप बनारस को दिनों में बांध नहीं सकते है लेकिन फिर भी यदि आप बनारस के सिर्फ प्रमुख स्थलों को देखना चाहते है तो कम से कम दो दिन आप बनारस को जरूर दे |
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर , माँ विशालाक्षी मंदिर , श्री काल भैरव मंदिर , संकट मोचन हनुमान मंदिर , दुर्गा मंदिर , त्रिदेव मंदर , सत्यनारायण तुलसी मानस मंदिर , माँ अन्नपूर्णा मंदिर , नया वाला काशी विश्वनाथ मंदिर |
दशाश्वमेध घाट , मणिकर्णिका घाट , असि घाट |
श्री काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग |
मणिकर्णिका घाट पर स्थित रत्नेश्वर महादेव मंदिर है जिसकी बनावट टेढ़ी है इसीलिये इसे टेढ़ा मंदिर कहते है |
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के समीप ही माँ अन्नपूर्णा मंदिर है |
वाराणसी स्थित माता विशालाक्षी मंदिर एक शक्तिपीठ है |
मणिकर्णिका घाट को महाशमशान कहा जाता है क्यूंकि यहाँ दाह संस्कार हुआ करते है |
इसे महाशमशान कहा जाता है यहाँ दाह संकार बहुत ही ज्यादा होते है |
काल भैरव को बनारस का कोतवाल कहते है इनकी अनुमति के बिना बनारस में न कोई आता है न जाता है |
बनारस में आप यहाँ के मंदिर , गंगा घाट , यहाँ की गलियां घूम सकते है |
संकट मोचन हनुमान मन्दिर |
क्यूंकि भारत माता मन्दिर का उद्घाटन महात्मा गाँधीजी ने किया था , स्वंत्रतता सेनानी बाबू शिव प्रसाद गुप्ता ने इस मंदिर को बनवाया था इस मंदिर में बना भारत का नक्शा बड़ा ही भव्य है |
असि घाट पर सूर्यास्त और सूर्योदय देखना मन को लुभाता है इस घाट पर सुबह सुबह सुबह ए बनारस का कार्यक्रम होता है |
लोकार्क कुण्ड बनारस में असि घाट के आगे तुलसी घाट के समीप है |
बनारस के बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय कैम्पस में |
भगवन राम को |
खिडकिया घाट पर नमस्कार मुद्रा की तीन प्रतिमाये आकर्षण का केंद्र है |
बनारस से 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सारनाथ एक बौद्ध स्थल है |
गौदोलिया को |
गौदोलिया मार्किट , ठठेरी बाज़ार , दालमंडी मार्किट , गोलघर , लहुराबीर आदि |
हमने आपको बनारस शहर के पर्यटन से सम्बन्धित बहुत सी जानकारियां दी Banaras Me Ghumne ki Jagah की पोस्ट आपको कैसी लगी कमेन्ट करके अवश्य बताये |
nice article,
Such good information and very useful. I really enjoyed this article and also interested, Thanks for sharing the information with us.
आपने काफी अच्छा आर्टिकल लिखे है बनारस में घूमने के बारे में इससे मुझे आपने बनारस में घूमने की याद आ गए | इसपे एक शायरी लिख देता हूँ – हमने तेरे शहर की रौनत भी देखी है पर बनारसी ठाट के आगे सब फीका है |
बेहतरीन शायरी