20+ इलाहाबाद प्रयागराज में घूमने की जगह की जानकारी – कैसे पहुंचे कहाँ रुके क्या घूमे
इलाहाबाद प्रयागराज में घूमने की जगह में सबसे प्रमुख तीर्थराज प्रयाग है , यह अति प्राचीन शहर अलाहाबाद , प्रयागराज , इलाहाबाद आदि नामो से जाना जाता है वैसे आधिकारिक रूप से इसका नाम अब प्रयागराज है यह शहर उत्तर प्रदेश जिले में है और अपनी शिक्षा के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है |
इलाहाबाद प्रयागराज में घूमने की जगह
भारत की तीन नदियों गंगा , यमुना और सरस्वती के इस संगम पर अनेको तीर्थ स्थान मौजूद है प्रयागराज के पर्यटन स्थल जैसे आनंद भवन , अक्षय वट, अकबर का किला , खुसरो बाग , सैंट कैथेड्रल चर्च , अलोपी देवी मंदिर , त्रिवेणी संगम , लेटे हनुमान मन्दिर आदि प्रमुख है |
प्रयागराज शहर अपने आप में एक गौरवमय इतिहास को बयां करता है जैसे नेहरु जी का पुराना मकान यही है और श्री चन्द्रशेखर आज़ाद जी ने इसी शहर में अपने प्राणों की आहूति दी थी , यह वही शहर है जहां ब्रम्हा जी ने सृष्टि के निर्माण के बाद प्रथम यज्ञ किया था तब से ये तीर्थराज कहलाया |
ऋषि भारद्वाज ऋषि दुर्वासा ऋषि पन्ना का भी सम्बन्ध प्रयागराज से रहा है , चन्द्रवंशी राजा पुरुरव का भी प्रयाग से सम्बन्ध है देखा जाय तो प्रयागराज अति पावन शहर है , त्रिवेणी संगम प्रयागराज को समस्त तीर्थो का राजा कहा गया है |
Tourist Places in Prayagraj in Hindi
कुम्भ मेला और माघ मेला यहाँ के दो बड़े सांस्कृतिक मेले है कुम्भ मेला तो हर बारहवे साल लगता है जो की विश्व का सबसे बड़ा सांस्कृतिक मेला है वही माघ मेला हर वर्ष जनवरी के महीने में आयोजित होता है यह भी एक बड़ा धार्मिक सांस्कृतिक मेला है |
प्रयागराज कैसे पहुचे – How to Reach Prayagraj in Hindi
अच्छा इलाहाबाद प्रयागराज में घूमने की जगह जानने से पहले यहाँ कैसे पहुंचे यह जान ले, आपको यहाँ पहुचने में किसी भी तरह की समस्या नहीं होगी क्यूंकि यह शहर भारत के सभी शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हहा है , प्रयागराज इलाहाबाद उतर प्रदेश राज्य में है इसकी उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से दूरी लगभग 195 किलोमीटर है |
~ यदि आप सड़क मार्ग से प्रयागराज पहुचना चाहते है तो आपको बता दे की यह शहर राष्टीय राज्यमार्ग से जुड़ा हुआ है , एन एच 2 और एन एच 27 और एन एच 76 और एन एच 96 आदि राजमार्ग से प्रयागराज जुड़ा हुआ है तो आप बड़ी आसानी से सड़क मार्ग से यहाँ पहुच सकते है |
~ यदि आपको रेलवे मार्ग से यहाँ पहुचना है तो हम बता दे कि प्रयागराज मध्य उत्तर जोन का मुख्यालय है यहाँ पर कई रेलवे स्टेशन है जैसे प्रयाग , प्रयागघाट , इलाहाबाद सिटी , नैनी , इलाहाबाद जंक्शन आदि भारत के लगभग समस्त शहरो से यहाँ के लिए आपको ट्रेन मिल जाएगी |
~ यदि आप वायुमार्ग से प्रयागराज इलाहाबाद आना चाहते है तब भी आपको किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं होगी क्यूंकि इलाहाबाद शहर से 12 किलोमीटर की दूरी पर बमरौली एअरपोर्ट है जहा से लखनऊ , देलही , मुम्बई , कोलकात्ता आदि शहरो से सीधी फ्लाइट है यहाँ का IATA कोड IXD है , आप देख ले की क्या आप के शहर से प्रयागराज के लिए कोई फ्लाइट है अथवा नहीं |
अच्छा मै दो और विकल्प बताये दे रहा हु एक तो प्रयागराज से महज 150 किलोमीटर की दूरी पर वाराणसी में लाल बहादुर शास्त्री हवाई अड्डा है और दूसरा विकल्प अलाहाबाद से लगभग 200 किलोमीटर की दूरी पर लखनऊ में चौधरी चरण सिंह हवाई अड्डा है आप यहाँ से भी जा सकते है |
प्रयागराज इलाहाबाद में कहा ठहरे – Where to Stay in Prayagraj in Hindi
वैसे तो देखा जाय तो प्रयागराज आप एक दिन में भी घूम सकते है लेकिन फिर रुकने के बारे में जानकारी तो होनी ही चाहिए क्यूंकि किसी की ट्रेन दोपहर 2 बजे प्रयागराज पहुची तब तो वो एक दिन में नहीं घूम पायेगा उसे रूम लेना ही पड़ेगा |
तीर्थराज प्रयाग एक बड़ा शहर है जो की होटलों से भरा पड़ा है लेकिन एक बात का ध्यान दे प्रयागराज के अधिकतम होटल आपको इलाहाबाद जंक्शन रेलवे स्टेशन सिविल लाइन में ही मिलेंगे यहाँ आपको सस्ते महंगे हर प्रकार के होटल मिल जायेंगे |
यदि आप धर्मशाला में रुकना चाहते है तो प्रयागराज इलाहाबाद में कई धर्मशालाये भी है जैसे बांगड़ धर्मशाला जो की संगम के पास ही है और भी है आप गूगल कर सकते है आप अपने बजट के अनुसार कोई होटल या लॉज या धर्मशाला देखकर बुक कर सकते है |
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इलाहबाद प्रयागराज के पर्यटन स्थल – Tourist Places in Prayagraj in Hindi
प्रयागराज ( इलाहाबाद ) में घुमने के लिए आपके पास बहुत कुछ है आप चाहे है पवित्र त्रिवेणी संगम में स्नान कर सकते है चाहे तो मन्दिरों के दर्शन कर सकते है एतिहासिक पर्यटन की भी यहाँ झलक दिखाई देती है –
त्रिवेणी संगम – Triveni Sangam Tourist Place in Prayagraj in Hindi
गंगा यमुना सरस्वती नदियों के मिलने से बना है तीर्थराज प्रयाग यहाँ आपको गंगा जी का जल और यमुना जी का जल दो अलग अलग रंगों में दिखाई देगा आप स्पष्ट रूप से बीच संगम में दो रंग का पानी देख सकते है जबकि कहा जाता है की सरस्वती जी यहाँ गुप्त है |
श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में स्नान करके अपने जीवन को धन्य बनाते है , बहुत ही अच्छा लगता है जब हम नाव पर बैठे बैठे त्रिवेणी संगम के दर्शन करते है | त्रिवेणी संगम प्रयागराज में ही भारतीय संस्कृति का सबसे बड़ा धार्मिक मेला कुम्भ हर १२वे साल आयोजित होता है और प्रयागराज का कुम्भ सच में अद्वितीय है |
अच्छा यदि आप संगम में स्नान करना चाहते है तो आपको वहां तक पहुचने के लिए एक नाव चाहिए होगी जो आपसे कम से कम 30 रूपये प्रति सवारी लेगा आपको संगम वाले स्थान पर ले जायेगा वहा दो नावो के बीच में एक तखत डालकर प्लेटफ़ॉर्म सा बनाये है जहां आप स्नान कर सकते हो |
आप इतमिनान से तीर्थराज प्रयाग के त्रिवेणी संगम का स्नान करे चाहे तो नारियल फूल भी चढ़ा सकते है आपको वही नाव पे ही मिल जायेंगे फिर आप अपनी नौका में बैठ के संगम को निहारते हुए वापस लौट आइये |
किला – Ilahabad Fort Tourist Place in Prayagraj in Hindi
जैसे ही आप संगम में स्नान करके किनारे पर आओगे सामने आपको किला दिखाई देगा जो की प्रयागराज इलाहाबाद की एक एतिहासिक धरोहर है यहाँ की उत्कृष्ट बनावट आपको इसे देखने पर मजबूर कर देगी , अकबर ने इस किले का निर्माण संगम तट पर करवाया था |
वैसे इस किले के कुछ ही भाग हम देख सकते है बाकी पूरा किला देखना प्रतिबंधित है |
अलाहाबाद किले के अन्दर आप अशोक स्तम्भ भी देख सकते है |
आपको किले के अन्दर ही अक्षय वट दिखेगा आप इस अलौकिक वृक्ष के दर्शन अवश्य करे कहा जाता है की यह अक्षय वट अमर है , यहाँ मान्यता है की जब प्रलय आएगी सब कुछ नष्ट हो जायेगा तब भी यह अक्षय वट बच जायेगा तो आप इस वृक्ष को देखे इसकी परिक्रमा करे |
अक्षय वट के आसपास जमीन के अन्दर एक बेहद प्राचीन मन्दिर स्थित है जिसमे हिन्दू देवी देवताओ की मूर्तिया स्थापित है इसे पातालपुरी मंदिर कहा जाता है और इस पातालपुरी मंदिर में आपको अक्षय वट की जड़े भी दिखाई देती है इस मंदिर के दर्शन अवश्य करे
लेटे हनुमान मन्दिर – Prayagraj Ilahabad ka Famous Mandir
देखिये वैसे तो आजकल आपको लेटे हुए हनुमान जी के कई मंदिर मिल जायेंगे लेकिन पुराणों में लेटे हनुमान मंदिर के लिये प्रयागराज इलाहाबाद शहर का ही जिक्र किया गया है यह मन्दिर प्रयागराज का सबसे प्रसिद्ध मन्दिर है यहाँ भक्तो का ताँता लगा रहता है |
यह भी संगम तट के समीप ही है लेटे हनुमान मन्दिर में हनुमान जी की एक विशाल प्रतिमा लेटे हुई मुद्रा में है संगम में स्नान पश्चात इस मन्दिर के दर्शन करे , लेटे हनुमान मन्दिर के प्रांगड़ में ही श्री राम जानकी मन्दिर भी है आप यहाँ भी मत्था टेक सकते है |
अब लेटे हनुमान मन्दिर और संगम तट के आसपास कई और भी मंदिर बने हुए है जैसे नवलक्खा मन्दिर यदि आपके पास समय है तो आप अन्य मन्दिरों के दर्शन हेतु भी जा सकते है |
आनन्द भवन , स्वराज भवन , तारामंडल – Anand Bhavan Tourist Place in Prayagraj in Hindi
प्रयागराज में घूमने की जगह में अब चलते है आनंद भवन यह विख्यात पर्यटन स्थल नेहरु-गांधी परिवार का पुस्तैनी घर है आप यहाँ आइये और मोतीलाल नेहरु जी द्वारा बनवाया गया मकान देखिये यहाँ आने से आपको काफी जानकारी मिलेगी |
अच्छा आनंद भवन का एक और बड़ा आकर्षण है यहाँ चंद्रशेखर आजाद की वो गन रखी है जिससे उन्होंने अपने आपको गोली मारी थी |
यहाँ के टिकट बात करे तो प्रथम तक का टिकल रूपये 20 है और दोनों तलो का 70 रूपये है वही विदेशी नागरिको के लिए टिकल का मूल्य रूपये 200 है वैसे यदि आप आज़ाद जी की गन देखना चाहते हो तो आपको दोनों तलो का टिकट लेना होगा |
जवाहर तारामंडल भी इसी आनंद भवन में स्थित है यहाँ आप चाँद , तारो को महसूस कर सकते है यहाँ एक शो चलता है जिसमे आपको ये सब चीजे दिखाई जाती है आप कभी भी पेयाग्राज इलाहाबाद जाए तो आनंद भवन के जवाहर तारामंडल का शो जरूर देखे |
स्वराज भवन नाम से जो ईमारत बनी हुई है उसमे इंदिरा गांधी जी से जुडी हुई जानकारियां मिलती है यह भी बहुत बढ़िया जगह यहाँ आपको नेहरु -गाँधी परिवार की दुर्लभ तस्वीरे इसके आलावा इस परिवार के जीवन के तमाम तथ्य यहाँ मौजूद है |
भारद्वाज पार्क , भारद्वाज आश्रम , वेणी माधव का मन्दिर
देखिये ये दोनों पर्यटन स्थल अलग अलग है और दोनों ही आनंद भवन से महज 5-10 मिनट की दूरी पर है भारद्वाज पार्क में ऋषि भारद्वाज की एक विशाल मूर्ति बनी है जो की देखते ही बनती और हरा भरा पार्क भी आकर्षण का केंद्र है |
इस पार्क से जब आप आनंद भवन की तरफ जाओगे तो मूषिक से 200 मीटर की दूरी पर एक रास्ता भारद्वाज आश्रम की तरफ जाता है आप वहा भी जा सकते है |
आप वेणी माधव के प्राचीन मंदिर के भी दर्शन कर लीजिये यह आनंद भवन के समीप ही है प्रयागराज के पर्यटन स्थल में श्री वेणी माधव मंदिर की अपनी एक अलग पहचान है |
आज़ाद पार्क , कम्पनी बाग , अल्फ्रेड पार्क
आज़ाद पार्क , कम्पनी बाग , अल्फ्रेड पार्क ये तीनो एक ही जगह के नाम है यह पार्क यह वही स्थान है जहां चंद्रशेखर आज़ाद जी ने अंग्रेजो द्वारा घेरे जाने पर अपने आप को गोली मारी थी और शहीद हुए थे |
इस स्थल को तो हर भारतीय को जरूर देखने आना चाहिए अच्छा आज़ाद पार्क में आपको अलाहाबाद संग्रहालय और अलाहाबाद पब्लिक लाइब्रेरी भी मिल जाएगी इन दोनों जगहों पर भी आप जा सकते है |
अमर शहीद चंद्रशेखर आज़ाद पार्क में एक सिंथेटिक जॉगिंग पार्क भी बना हुआ है जो की जॉगिंग का एक अलग ही एहसास कराता है यह पार्क काफी हरा भरा है अच्छा इसमें भी 5 रूपये का टिकट है , कम्पनी बाग में एक खेल ग्राउंड भी है |
मिन्टो पार्क , मनकामेश्वर मन्दिर , सरस्वती घाट – Allahabad me Ghumne ki Jagah
लार्ड मिन्टो के नाम पर इस पार्क का नाम मिन्टो पार्क पड़ा था परन्तु अब इसका नाम बदलकर मदन मोहम मालवीय पार्क कर दिया गया है यहाँ एक पत्थर से बना हुआ स्मारक है जिसके सबसे ऊँचे हिस्से पर चार सिंह बने हुए है इस पार्क में बच्चो के लिए झूलो और बोटिंग की भी व्यवस्था है |
मिन्टो पार्क एक हरा भरा पार्क है जहां आप अपना समय बिता सकते है |
यही पास में ही मनकामेश्वर मंदिर भी है स्थानीय लोगो का मानना है कि सोमवार को जल का अभिषेक करने से भगवान शिव अपने भक्तो की मनोकामना को पूरा करते है |
सरस्वती घाट भी मिन्टो पार्क के नजदीक ही है यह भी एक अच पर्यटन स्थल है जहां आप कुछ वक़्त गुज़ार सकते है |
अलोपी देवी मन्दिर – Alopi Devi Mandir Allahabad me Ghumne ki Jagah
मैंने अपने जीवन काल में ऐसा कोई भी मंदिर नहीं देखा जहां कोई देवी देवता न हो जी हां सही बता रहा हू अलोपी देवी का मंदिर यहाँ किसी भी देवी देवता की प्रतिमा नहीं है अपितु इस मंदिर में एक झूले की पूजा की जाती है |
मान्यता है यह वही स्थान है जहां पर माता सती के शरीर का आखिरी अंग गिरा था और यही से माता का शरीर लुप्त हो गया था यह एक शक्तिपीठ भी है यह अद्भुत मंदिर प्रयागघाट जंक्शन रेलवे स्टेशन के पास ही है इसे भी आप जरूर देखे |
खुसरो बाग
हरे भरे पेड़ो से अच्छादित इतिहास को समेटे हुए उत्कृष्ट शिल्पकला से सुसज्जित खुसरो बाग में जहाँगीर के पुत्र खुसरो का मकबरा है , शाह बेगम का मकबरा है , खुसरो की बहन का मकबरा है |
यह पर्यटन स्थल आपको भारत की बेजोड़ वास्तुकला से परिचित कराता है यह मशहूर खुसरो बाग इलाहाबाद जंक्शन रेलवे स्टेशन के समीप ही बना हुआ है यदि आप इतिहास के शौखीन है तो यहाँ अवश्य जाए |
सैंट कैथेड्रल चर्च
यह यहाँ का सबसे बड़ा गिरिजाघर है इसका निर्माण 19वी शताब्दी में किया गया था सच मानिये यह चर्च इतना सुन्दर है कि पर्यटकों को यहाँ ठहरने के लिए यह विवश कर देता है एकदम शांत वातावरण , बेजोड़ शिल्पकला का नमूना चाहे आप इस गिरिजाघर को बाहर से देखे चाहे अन्दर से दोनों तरफ से ही सैंट कैथेड्रल चर्च शानदार दिखाई देता है |
जब भी प्रयागराज आना हो आप इस स्थल को इगनोर नहीं कर सकते है , यह चर्च भी आपको इलाहाबाद जंक्शन रेलवे स्टेशन के समीप ही है |
प्रयागराज इलाहाबाद के अन्य दर्शनीय स्थल
इलाहाबाद प्रयागराज के पर्यटन स्थल में बहुत कुछ है मैंने ऊपर कुछ महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल की जानकारी दे दी है इनके आलावा भी यहाँ कई स्थल है जिनको भी हम अनदेखा नहीं कर सकते है चलिए संक्षिप्त में इनको भी जान लेते है –
- नागवासुकी मंदिर जो की प्रयागराज घाट जंक्शन के समीप स्थित है प्रयागराज इलाहाबाद में मान्यता है की तीर्थराज प्रयाग में जब तक आप नागवासुकी मन्दिर के दर्शन नहीं कर लेते तब तक आपकी तीर्थ यात्रा अधूरी है यहाँ नागो के राजा वासुकी नाग स्थापित है |
- शंकर विमान मंडपम त्रिवेणी संगम प्रयागराज के समीप ही है और एक धार्मिक पर्यटन स्थल है यहाँ कई हिन्दू देवी देवताओ की मूर्तिया राखी हुई है |
- इलाहाबाद विश्वविद्यालय भी देखने जा सकते है यह भी एक बेहतरीन शिल्पकला का उदहारण है |
- ललिता देवी मन्दिर जो की 51 शक्तिपीठ में से एक है इसका भी एक अलग महत्त्व है इस मंदिर में आपको सही राम , लक्ष्मण , सीता जी और हनुमान जी की मूर्तिया है वाही दूसरी तरह नव गृह शुशोभित है , राधा -कृष्णा की मुर्तिया भी इस मंदिर में स्थापित है |
- नया यमुना ब्रिज एक बेहद ही खूबसूरत ब्रिज है जो प्रयागराज की सुन्दरता में चार चाँद लगा देता है इसे नैनी ब्रिज भी कहा जाता है मौका मिले तो इस ब्रिज पर भी जाए |
इलाहाबाद प्रयागराज में घूमने की जगह का यात्रा कार्यक्रम – Itinerary
- Allahabad me Ghumne ki Jagah की शुरुवात आप गंगा यमुना सरस्वती संगम से करे पहले संगम में स्नान करे फिर संगम के समीप ही किला जाये वहा अक्षय वट और पातालपुरी मन्दिर और अशोक स्तम्भ देखे फिर बाहर आकर लेटे हनुमान मन्दिर के दर्शन करे इसके बाद यदि समय है तो संगम के आसपास कई मन्दिर है आप देखे |
अब आप आनंद भवन , स्वराज भवन , जवाहर तारामंडल जो की एक ही ईमारत में है देखे इसके बाद समीप में ही बेनी माधव मन्दिर , भारद्वाज आश्रम और पार्क भी देख ले | - इसके बाद आप आज़ाद पार्क जाये वहा आपको इलाहाबाद म्यूजियम और पब्लिक लाइब्रेरी देखे पार्क में ही है |
- आप मिन्टो पार्क , सरस्वती घाट और मनकामेश्वर मंदिर देखे टीनो स्थाल पास में ही है |
खुसरो बाग , सैंट कैथेड्रल चर्च , हनुमान निकेतन मन्दिर ये तीनो दर्शनीय स्थल इलाहाबाद जुन्व्तिओं रेलवे स्टेशन के इर्द गिर्द ही है | - प्रयागराज इलाहाबाद के प्रयागघाट जंक्शन के पास आपको अलोपी देवी मंदिर , नाग वासुकी मंदिर , शंकर विमान मंडपम मिल जायेंगे |
यदि आपके पास समय बहुत ही कम है तो Allahabad me Ghumne ki Jagah में सबसे ज्यादा त्रिवेणी संगम को महत्त्व दे क्यूंकि संगम के पास आपको और भी कई पर्यटन स्थल मिल जायेंगे |
प्रयागराज इलाहाबाद जाने का बेस्ट सीजन
यहाँ जाने का उपयुक्त समय अक्टूबर से मार्च है क्यूंकि यहाँ गर्मी बहुत पड़ती है तो हो सके तो गर्मी के महीनो में यहाँ जाने से बचे
इलाहाबाद प्रयागराज में घूमने की जगह से सम्बन्धित प्रश्न
प्रयागराज इलाहाबाद में सबसे ज्यादा फेमस त्रिवेणी संगम है |
प्रयागराज इलाहाबाद में गंगा यमुना और सरस्वती नदियों का संगम हुआ है जिसमे से हम गंगा और यमुना के जल के अलग अलग रंग को साफ़ देख सकते है सरस्वती नदी को अद्रश्य बताया जाता है |
प्रयागराज में गंगा यमुना सरस्वती का संगम होता है यह सभी तीर्थो का राजा है और यहाँ कुम्भ मेले का आयोजन होता है इसलिये यह प्रसिद्ध है |
इलाहाबाद शहर का नाम अब प्रयागराज है प्रयागराज मतलब सभी तीर्थो में सर्वश्रेष्ठ तीर्थ |
बहुत से विकल्प है कई धर्मशालाये है और होटल तो अनगिनत है हर बजट में आपको यहाँ होटल मिल जायेंगे ऊपर मैंने रुकने के बारे मे बताया है |
आप अपने बजट के अनुसार ऑटो या कार बुक कर ले और आराम से घूमिए |
इलाहाबाद प्रयागराज आप एक दिन में भी घूम सकते है जैसे आप सुबह प्रयागराज आ गए तो शुरुआत कीजिये त्रिवेणी संगम से फिर वही लेटे हनुमान के दर्शन कर कुछ अन्य जगहों को घूम ले और यदि आपके पास समय है तो आप दो तीन दिन रुककर इलाहबाद को महसोस कीजिये |
त्रिवेणी संगम , लेटे हनुमान , अलोपी देवी मन्दिर , आनन्द भवन , आजाद पार्क , खुसरो बाग़ आदि है पोस्ट पढिये ऊपर एक एक पॉइंट के बारे में बताया है |
Conclusion – निष्कर्ष
हम प्रयागराज इलाहाबाद में प्रयाग जंक्शन रेलवे स्टेशन पर उतरे काफी सफाई थी और दीवारों पर भारतीय संकृति को दर्शाते चित्र देखते ही बनते है शहर की रोड के किनारे भारतीय संस्कृति के चित्र ,जगह जगह बने सुन्दर शिवलिंग आपका मन मोह लेते है |
यह शहर हमारे भारत के गौरवमय इतिहास का गवाह है और धार्मिक पहलु से देखे तो इसे तीर्थराज कहा जाता है मतलब समस्त तीर्थो का राजा , कई मंदिर , चर्च इलाहाबाद प्रयागराज में घूमने की जगह (Tourist Places in Prayagraj in Hindi) के धार्मिक महत्त्व को बढ़ाते है |
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