Hardoi Tourism Prahlad Kund
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20+ हरदोई में घूमने की जगह – हरदोई के पर्यटन स्थल की समस्त जानकारी

हरदोई जिला उत्तर प्रदेश राज्य की राजधानी लखनऊ से लगभग 110 किलोमीटर की दूरी पर है और यह शहर हरदोई अपने गौरवशाली इतिहास और पौराणिक कथाओ के लिये जाना जाता है इस शहर को हरिद्रोही और हरिदवेई नामो से भी जाना जाता है जिसमे हरिद्रोही का मतलब भगवान हरी का विरोधी से है जबकि हरिद्वेई का मतलब दो भगवान से है दो भगवान मतलब इस शहर में भगवान के दो अवतार हुये एक नरसिंह भगवान दूसरा वामन अवतार |

Vindhyachal Dham

विंध्यवासिनी मन्दिर की मेरी यात्रा का वृतान्त पढिये

dhyachal Dham जाने का विचार अचानक ही बना था चलिये शुरू करते है विन्ध्याचल धाम का यात्रा वृतांत , मै अपने गृह जनपद हरदोई में अपने मित्र लैपटॉप के साथ बैठा हुआ था वही कोई शाम के 7 बज रहे थे मई का महिना था मेरे एक जानने वाले है पेशे से वो टीचर है और लखनऊ के रहने वाले है तो उनका फ़ोन आया की कल बनारस चलोगे मै तो घूमने के लिये हमेशा तैयार ही रहता हु तो मैंने हां बोल दी तो उन्होंने बताया की कल शाम 6 बजे वरुणा एक्सप्रेस से चलना है मैंने कहा ठीक मै पहुच जाऊंगा अगले दिन मैंने बैग पैक किया और त्रिवेणी एक्सप्रेस से लखनऊ पहुच गया मई शाम को ४:20 बजे चारबाग रेलवे स्टेशन लखनऊ में था |

Lord Ayyappa Temple Lucknow
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Lord Ayyappa Temple Lucknow ki Samast Jankari

भगवान अयप्पा शिवजी के पुत्र थे और भारत में अयप्पा स्वामीजी का सबसे प्रसिद्ध मन्दिर केरल के सबरीमाला नामक जगह पर है अच्छा उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी लार्ड अयप्पा का एक मन्दिर दक्षिण भारतीय शैली में बना हुआ है , लखनऊ स्थित लार्ड अयप्पा स्वामी मन्दिर बहुत ही साफ़ सुथरा पावन स्थल है यहाँ का माहोल आपको यहाँ बार बार आने पर विवश कर देगा इस , इस मन्दिर प्रांगण में एक अद्भुत देवीय उर्जा है जो आपको सकारात्मकता के साथ तरोताज़ा कर देगी |

Iskcon Temple in Lucknow
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Iskcon Temple in Lucknow Ki Samast Jankari

Iskcon Temple Lucknow का एक ऐसा मन्दिर जो शहर के शोर शराबे से दूर बना हुआ है यहाँ के स्वस्थ वातावरण में आप घंटो बैठ सकते है आप सब जानते होंगे कि इस्कान एक संस्था है जिसने भारत एवं भारत के बाहर अनेको श्री कृष्ण के भव्य मन्दिर बनवाये हुये है , यह एक अन्तराष्टीय संस्था है इसी क्रम में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी एक भव्य इस्कॉन मन्दिर का निर्माण करवाया गया है जहाँ श्रद्धालु पहुच कर भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन करते है |

ललिता देवी

ललिता देवी मन्दिर नैमिषारण्य जहाँ पूरी होती है हर मनोकामना

ललिता देवी मन्दिर नैमिषारण्य एक ऐसा मन्दिर है जहाँ पर हर एक भक्त की मनोकामना पूरी होती है , यह पावन स्थल उत्तर प्रदेश राज्य के सीतापुर जिले से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर है , माँ को माता सती के 108 शक्तिपीठो में से एक शक्तिपीठ भी माना गया है | इस स्थल के बारे में प्रसिद्ध है कि यहाँ जो भी श्रद्धालु एक बार मत्था टेकने जाता है उसकी मनोकामना को माता रानी पूरा करती है

आज़ाद पार्क कम्पनी बाग एल्फ्रेड पार्क प्रयागराज इलाहाबाद
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20+ इलाहाबाद प्रयागराज में घूमने की जगह की जानकारी – कैसे पहुंचे कहाँ रुके क्या घूमे

प्रयागराज शहर अपने आप में एक गौरवमय इतिहास को बयां करता है जैसे नेहरु जी का पुराना मकान यही है और श्री चन्द्रशेखर आज़ाद जी ने इसी शहर में अपने प्राणों की आहूति दी थी , यह वही शहर है जहां ब्रम्हा जी ने सृष्टि के निर्माण के बाद प्रथम यज्ञ किया था तब से ये तीर्थराज कहलाया , ऋषि भारद्वाज ऋषि दुर्वासा ऋषि पन्ना का भी सम्बन्ध प्रयागराज से रहा है , चन्द्रवंशी राजा पुरुरव का भी प्रयाग से सम्बन्ध है देखा जाय तो प्रयागराज अति पावन शहर है , Triveni Sangam Allahabad को समस्त तीर्थो का राजा कहा गया है |

राम की पैड़ी अयोध्या

अयोध्या में घूमने की जगह – कहाँ रुके खानपान खरीददारी

राम जन्मभूमि अयोध्या की सम्पूर्ण जानकारी है इस पोस्ट में आप अयोध्या में क्या क्या देखे कहा रुके कैसे पहुचे सब बताया गया है

chandrika devi mandir lucknow
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चन्द्रिका देवी मंदिर लखनऊ और 51 शक्तिपीठ मन्दिर लखनऊ घूमने की जानकारी

आज की पोस्ट में हम आपको रूबरू कराएँगे उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के दो अत्यंत जाने माने मंदिरों से जिसमे से एक है Maa Chandrika Devi Mandir और दूसरा है 51 Shaktipeeth Mandir, दोनों मन्दिरों की अपनी अलग अलग महिमा है , एक और जहां माँ चन्द्रिका देवी मंदिर अत्यंत प्राचीन है वही 51 शक्तिपीठ मन्दिर अभी नया ही बना हुआ है हालाँकि 51 शक्तिपीठ के प्रांगण में आदिशक्ति माता भुइयां देवी मंदिर काफी पुराना है |

पर्यटन के लिहाज से लखनऊ जिला भी किसी से कम नहीं है इस शहर में अनेको पर्यटन स्थल है जो की देखने लायक है परन्तु आज हम लोग लखनऊ शहर से बाहर स्थित सीतापुर रोड के दो मन्दिरों के बारे में बात करने वाले है , लखनऊ वासियों के लिए माँ चन्द्रिका देवी धाम अनेको सालो से आस्था का पर्याय बना हुआ है |

रुद्रावर्त महादेव तीर्थ Rudravart Mahadev Naimisharanya

Rudravart Mahadev यहाँ भोलेनाथ स्वतः फल-बेलपत्र स्वीकार कर खुद से देते है प्रसाद

भगवान् शिव का रुद्रावर्त तीर्थ एक छोटा सा कुण्ड है जो की बिलकुल गोमती नदी से सटा हुआ है ज्यादा पानी होने पर आप जान ही नहीं पाओगे की यहाँ पर कोई कुण्ड भी है चलिए अब रूबरू कराते है इसके चमत्कार से रुद्रावर्त महादेव Rudravart Mahadev के इस पावन कुण्ड में हमको शिवलिंग दिखाई नहीं देती है परन्तु यहाँ के स्थानीय लोगो का कहना है कि जब जल कम होता है गोमती नदी का तो यहाँ पर शिवलिंग का अरघा दिखाई देता है बाकि इस कुण्ड में हमको शिवलिंग नहीं दिखाई देता |

Naimisharanya History Neemsaar Tirth Sitapur

नैमिषारण्य तीर्थ की सम्पूर्ण जानकारी कैसे पहुंचे कहाँ रुके क्या-क्या देखे

स्वागत है आपका वैष्णव क्षेत्र नैमिषारण्य में यह पावन भूमि यज्ञ , पूजा-पाठ , जप-तप के लिए समूचे हिन्दुस्तान में विख्यात है , उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के समीप सीतापुर जनपद में गोमती नदी के किनारे यह पवित्र धार्मिक स्थल है जिसको हम सब कई नामो से जानते है जैसे नैमिषारण्य , नीमसार , नैमिष , Naimisharanya Neemsaar Tirth Sitapur यज्ञ अनुष्ठानो के लिए प्रसिद्ध है , जहां पर ललिता देवी Lalita devi, चक्रतीर्थ Chakratirth,ऋषि दधीचि कुण्ड मिश्रिख Rishi Dadhichi आदि स्थलों की काफी मान्यता है |