Banaras Me Ghumne ki Jagah
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Banaras Me Ghumne ki Jagah – कैसे पहुंचे कहाँ रुके शापिंग की जानकारी

बनारस में घूमने की प्रमुख जगहों में श्री काशी विश्वनाथ मन्दिर , माँ अन्नपूर्णा मन्दिर , दशाश्वमेध घाट , मणिकर्णिका घाट , असी घाट , तुलसी घाट , श्री काल भैरव मन्दिर , पशुपतिनाथ मन्दिर ( नेपाली मन्दिर ) , न्यू काशी विश्वनाथ मन्दिर , बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय , श्री तुलसी मानस मन्दिर , त्रिदेव मन्दिर , दुर्गा कुण्ड , दुर्गा मन्दिर , संकट मोचन हनुमान मन्दिर , रामनगर का किला , सारनाथ , रत्नेश्वर महादेव मन्दिर ( टेढ़ा मन्दिर ) , श्री दिगंबर जैन मन्दिर , गिरिजाघर , गौदोलिया , मृत्युन्जय मन्दिर , जंतर मंतर , भारत माता मन्दिर , माँ विशालाक्षी शक्तिपीठ आदि प्रमुख है |

Nanak Sagar Near tanakpur tourist places
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टनकपुर में घूमने की जगहें – Tanakpur Tourist Places की A to Z जानकारी

टनकपुर एक टाउन है जो की उत्तराखण्ड राज्य के चम्पावत जिले में आता है यहाँ घूमने के लिये आपको माँ पूर्णागिरि मन्दिर , शारदा घाट , श्री पंचमुखी महादेव मन्दिर, श्री बालाजी धाम हनुमान गढ़ी मन्दिर मिलेंगे इसके अलावा टनकपुर से थोड़ी ही दूरी पर नेपाल के कंचनपुर जिले में ब्रम्हदेव नाम के स्थल पर बाबा सिद्धनाथ का मन्दिर है और घूमने की बात करे तो यहाँ से महज 40 किलोमीटर की दूरी पर सिखों का पवित्र स्थल श्री गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब है |

Maa Purnagiri Mandir ke do Raste
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Maa Purnagiri Yatra ki Jankari – माँ पूर्णागिरि मन्दिर कैसे जाये कहाँ रुके

Maa Purnagiri 108 शक्ति पीठो में से एक है और हिन्दू धर्म में अत्यधिक पूज्यनीय है यह स्थल उत्तराखण्ड राज्य के चम्पावत जिले के टनकपुर शहर में है , यहाँ हम आपको माँ पूर्णागिरी के दर्शन से जुड़ी हुई हर एक बात बतायेंग जैसे यहाँ तक कैसे पहुंचे , यहाँ कहाँ ठहरे , क्या क्या दर्शन करे , प्रसाद कहाँ ले , चढ़ाई का रास्ता कैसा है , भोजन की क्या व्यवस्था है , दर्शन की टाइमिंग क्या है , टनकपुर से यहाँ जाने का रास्ता , माता रानी के अलावा अन्य देखने वाली जगहे आदि |

नैना देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश बिलासपुर
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नैना देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश दर्शन की समस्त जानकारी कैसे पहुंचे कहाँ रुके

Shri Naina Devi Temple 51 शक्तिपीठो में से एक है और यह पवित्र मन्दिर हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में है यहाँ के बारे में यह कहा जाता है कि यह वही स्थल है जहाँ पर माता सती के नेत्र गिरे थे , नवरात्र में इस स्थान पर अत्यधिक भीड़ हो जाती है |

Vindhyachal Dham

विंध्यवासिनी मन्दिर की मेरी यात्रा का वृतान्त पढिये

dhyachal Dham जाने का विचार अचानक ही बना था चलिये शुरू करते है विन्ध्याचल धाम का यात्रा वृतांत , मै अपने गृह जनपद हरदोई में अपने मित्र लैपटॉप के साथ बैठा हुआ था वही कोई शाम के 7 बज रहे थे मई का महिना था मेरे एक जानने वाले है पेशे से वो टीचर है और लखनऊ के रहने वाले है तो उनका फ़ोन आया की कल बनारस चलोगे मै तो घूमने के लिये हमेशा तैयार ही रहता हु तो मैंने हां बोल दी तो उन्होंने बताया की कल शाम 6 बजे वरुणा एक्सप्रेस से चलना है मैंने कहा ठीक मै पहुच जाऊंगा अगले दिन मैंने बैग पैक किया और त्रिवेणी एक्सप्रेस से लखनऊ पहुच गया मई शाम को ४:20 बजे चारबाग रेलवे स्टेशन लखनऊ में था |

इंडिया टेम्पल हरिद्वार दर्शन
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हरिद्वार दर्शन की सम्पूर्ण जानकारी कैसे पहुंचे कहाँ रुके कहाँ घूमे

हरिद्वार दर्शन करना सच में एक दिव्य अनुभव है इस शहर के लिए कई बाते है जैसे हरिद्वार सप्तपुरियो में से एक है , हरिद्वार चार धाम यात्रा का प्रवेश मार्ग है , हरिद्वार में शक्तिपीठ भी है , हरिद्वार का प्राचीन नाम मायापुरी था , हरिद्वार में कुम्भ के मेले का आयोजन होता है , यह पवित्र शहर भगवान विष्णु और भगवान शिव की नगरी है जब यहाँ पहुचे तो हमने जो समझा उस हिसाब से हरिद्वार आधुनिक मन्दिर प्राचीन मन्दिर एक से बढ़कर एक गंगा घाट और भव्य आश्रमों का मिश्रण है |

ललिता देवी

ललिता देवी मन्दिर नैमिषारण्य जहाँ पूरी होती है हर मनोकामना

ललिता देवी मन्दिर नैमिषारण्य एक ऐसा मन्दिर है जहाँ पर हर एक भक्त की मनोकामना पूरी होती है , यह पावन स्थल उत्तर प्रदेश राज्य के सीतापुर जिले से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर है , माँ को माता सती के 108 शक्तिपीठो में से एक शक्तिपीठ भी माना गया है | इस स्थल के बारे में प्रसिद्ध है कि यहाँ जो भी श्रद्धालु एक बार मत्था टेकने जाता है उसकी मनोकामना को माता रानी पूरा करती है

आज़ाद पार्क कम्पनी बाग एल्फ्रेड पार्क प्रयागराज इलाहाबाद
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20+ इलाहाबाद प्रयागराज में घूमने की जगह की जानकारी – कैसे पहुंचे कहाँ रुके क्या घूमे

प्रयागराज शहर अपने आप में एक गौरवमय इतिहास को बयां करता है जैसे नेहरु जी का पुराना मकान यही है और श्री चन्द्रशेखर आज़ाद जी ने इसी शहर में अपने प्राणों की आहूति दी थी , यह वही शहर है जहां ब्रम्हा जी ने सृष्टि के निर्माण के बाद प्रथम यज्ञ किया था तब से ये तीर्थराज कहलाया , ऋषि भारद्वाज ऋषि दुर्वासा ऋषि पन्ना का भी सम्बन्ध प्रयागराज से रहा है , चन्द्रवंशी राजा पुरुरव का भी प्रयाग से सम्बन्ध है देखा जाय तो प्रयागराज अति पावन शहर है , Triveni Sangam Allahabad को समस्त तीर्थो का राजा कहा गया है |

Maa Vindhyavasini Devi mandir

विंध्याचल मंदिर की सम्पूर्ण जानकारी

विंध्याचल मंदिर उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित मिर्ज़ापुर जिले के एक कस्बे में है जिसकी मिर्ज़ापुर शहर से दूरी लगभग 7 किलोमीटर है विन्ध्याचल एक धार्मिक पर्यटन स्थल है जहां आपको माता दुर्गा के कई मंदिर देखने को मिल जायेंगे Maa Vindhyavasini Devi Mandir यहाँ का प्रमुख मंदिर है जो की एक शक्तिपीठ भी है इसके आलावा विन्ध्याचल में आप अष्टभुजी देवी मंदिर , काली खोह मन्दिर , सीता कुण्ड , विन्ध्याचल के गंगाघाट के भी दर्शन कर सकते है |

chandrika devi mandir lucknow
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चन्द्रिका देवी मंदिर लखनऊ और 51 शक्तिपीठ मन्दिर लखनऊ घूमने की जानकारी

आज की पोस्ट में हम आपको रूबरू कराएँगे उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के दो अत्यंत जाने माने मंदिरों से जिसमे से एक है Maa Chandrika Devi Mandir और दूसरा है 51 Shaktipeeth Mandir, दोनों मन्दिरों की अपनी अलग अलग महिमा है , एक और जहां माँ चन्द्रिका देवी मंदिर अत्यंत प्राचीन है वही 51 शक्तिपीठ मन्दिर अभी नया ही बना हुआ है हालाँकि 51 शक्तिपीठ के प्रांगण में आदिशक्ति माता भुइयां देवी मंदिर काफी पुराना है |

पर्यटन के लिहाज से लखनऊ जिला भी किसी से कम नहीं है इस शहर में अनेको पर्यटन स्थल है जो की देखने लायक है परन्तु आज हम लोग लखनऊ शहर से बाहर स्थित सीतापुर रोड के दो मन्दिरों के बारे में बात करने वाले है , लखनऊ वासियों के लिए माँ चन्द्रिका देवी धाम अनेको सालो से आस्था का पर्याय बना हुआ है |