Sunasir Nath Mandir Mallawan | बाबा सुनासीर नाथ मन्दिर मल्लावां हरदोई
Sunasir Nath Mandir Mallawan : उत्तर प्रदेश में हरदोई जिले के मल्लावां में स्थित है एक शिव मन्दिर जो की लगभग दो सौ साल पुराना है और दूर दूर से श्रद्धालु यहाँ पर अपने आराध्य के दर्शन हेतु आते है इस शिव मंदिर का नाम बाबा सुनासीर नाथ है , यहाँ के स्थानीय लोगो की माने तो यह इस मंदिर के शिवलिंग पर औरंगजेब ने आरा चलवाया था |
Sunasir Nath Mandir Mallawan Hardoi
बाबा सुनासीर नाथ मन्दिर को छोटा काशी भी कहा जाता है यह एक ऐतिहासिक मंदिर है इस मंदिर को लोग सुनासी नाथ नाम से भी जानते है हालाँकि इस मंदिर का सही नाम बाबा सुनासीर नाथ मंदिर है जो की भोलेनाथ का ही एक नाम है , इस मंदिर में सोमवार के दिन अत्यधिक भीड़ देखने को मिलती है |
श्रावण मास में तो श्रद्धालु दूर दूर से यहाँ आते है और शिवलिंग पर गंगा जल अर्पण करते है तो श्रावण मास में यहाँ पर अत्यधिक भीड़ रहती है , बाबा सुनासीर नाथ मंदिर मल्लावां एक ऐतिहासिक मंदिर है और मुगलकालीन शासक औरंगजेब की बर्बरता का प्रतीक है |
बाबा सुनासीर नाथ मन्दिर कैसे पहुंचे | How to reach Sunasir Nath Mandir Mallawan
दोस्तों पवित्र बाबा सुनासीर नाथ मंदिर मल्लावां में है और यह हरदोई जनपद में है , हरदोई मुख्यालय से इस मंदिर की दूरी लगभग 52 किलोमीटर होगी , इस मंदिर तक आने के लिए सबसे पहले आप कही भी हो आपको मल्लावां आना पड़ेगा |
मल्लावां आप आराम से आ सकते है यहाँ रोड की कनेक्टिविटी बढ़िया है निकटवर्ती शहरों की बात करे तो लखनऊ से मल्लावां की दूरी लगभग 100 किलोमीटर है और कानपुर से मल्लावां की दूरी लगभग लगभग 85 किलोमीटर है |
अब आप मल्लावां आ गये तो मल्लावां से सुनासीर नाथ मंदिर महज ५ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है ऑटो टेम्पो आदि आपको मिल जायेंगे , लोकेशन की बात करे तो यह मंदिर मल्लावां राघवपुर मार्ग फिर तेजीपुर गाँव वाले मार्ग पर स्थित है |
Sunasir Nath Mandir Mallawan जाने का बेस्ट तरीका वाया रोड ही है और बेहतर होगा कि आप कोई गाडी बुक कर ले लेकिन यदि आप गाडी नहीं बुक कर सकते है मल्लावां से आपको ऑटो टेम्पो मिल जायेंगे |
कहाँ रुके
यहाँ पर आपको बहुत ज्यादा एक दो घंटे में भोले बाबा के दर्शन हो जायेंगे और सम्पूर्ण मंदिर परिसर भी आप देख लोगे तो यहाँ पर मेरे हिसाब से रुकने की आवश्यकता नहीं है फिर भी श्रद्धालु यदि यहाँ पर रुकने के उत्सुक है तो मन्दिर परिसर में बनी धर्मशाला में आप रूक सकते है और यदि आपको सुविधाये चाहिए तो आप हरदोई शहर में रुक सकते है |
बाबा सुनासीर नाथ मन्दिर परिसर के बारे
वर्तमान में Sunasir Nath Mandir Mallawan का परिसर बहुत ही सुन्दर बन गया है इस मंदिर का सबसे प्रमुख आकर्षण यहाँ की शिवलिंग है मंदिर तक आने के लिये बाकायदा रास्ता बनाया गया जिससे श्रद्धालु लाइन से मंदिर तक आये मंदिर का मुख्य द्वार बहुत ही सुन्दर और भव्य है इस द्वार में सबसे ऊपर भगवान शिव की एक बहुत ही दिव्य प्रतिमा बनी है , द्वार पर मंदिर का नाम लिखा हुआ है |
इस प्रवेश द्वार से आप मंदिर परिसर में प्रवेश करते है सामने ही मुख्य मंदिर है और आसपास अन्य मन्दिर बने हुए है अन्य मंदिरों में आप श्री पञ्च मुखेश्वर महादेव मंदिर , संतोषी माता मन्दिर , श्री गुलावेश्वर महादेव मन्दिर , श्री दुर्गा माता मन्दिर , श्री राधा कृष्ण मंदिर , श्री भैरव नाथ मन्दिर के भी दर्शन अवश्य करे हालाँकि परिसर में साफ़ सफाई का अभाव दिखाई देता है |
आइये बात करते है Sunasir Nath Mandir Mallawan के मुख्य शिवलिंग की तो जहाँ पर यह शिवलिंग स्थापित है वह भी एक मंदिर नुमा बना है इसके द्वार पर मंदिर का नाम प्राचीन प्रसिद्ध मंदिर जय बाबा सुनासीर नाथ लिखा हुआ है अप इस द्वार से गर्भगृह में प्रवेश करिए और बाबा के शिवलिंग सुन्दर दर्शन करिये बेल पत्र जल आदि अर्पण करिये |
मंदिर परिसर में ही एक यज्ञ शाला बनी हुई है एक बात और आपको बता दे बाबा सुनासीर नाथ मंदिर में हिन्दुओ के रीति रिवाज वाले कार्यक्रम भी होते है आस पास के लोग ट्राली भर भर कर यहाँ पर आते है , परिसर में ही एक नंदी जी की बेहद भव्य प्रतिमा बनी हुई है जिसकी भी श्रद्धालु पूजा करते है |
यह तो बात हो गई Sunasir Nath Mandir Mallawan परिसर के अन्दर की अब बात करते है परिसर के बाहर की दोस्तों बाहर भगवान शिव और माता सती की एक बहुत ही दिव्य प्रतिमा बनी है इस प्रतिमा में भगवान शिव माता सती को अपने हाथो से उठाये है यह वही द्रश्य है जब माता सती ने खुद को यज्ञ में समर्पित कर दिया था और इस दुःख में शिवजी ने माता सती के शरीर को उठा कर विलाप कर रहे थे |
हरदोई जनपद के मल्लावां में स्थित बाबा सुनासीर नाथ मन्दिर की यह सुन्दर प्रतिमा अत्यधिक विशाल और भव्य है और इसी प्रतिमा के नीचे एक बहुत ही छोटी सी गुफा बनी है जिसमे आप जा सकते है खासकर बच्चो को यह सब पसंद आता है |
बाहर ही आपको प्रसाद की तमाम दुकाने दिखाई देंगी जहाँ से आप प्रसाद ले सकते है बाहर ही पीने के पानी की व्यवस्था है यह मन्दिर गाँव की तरफ है यहाँ पर पार्किंग की कोई भी समस्या नहीं है |
20+ हरदोई में घूमने की जगह – हरदोई के पर्यटन स्थल की समस्त जानकारी
माँ पूर्णागिरि टनकपुर ट्रिप का यात्रा वृतान्त
बाबा सुनासीर मन्दिर मल्लावां की पौराणिक कहानी और इतिहास
पोस्ट में अब Sunasir Nath Mandir Mallawan के इतिहास पर नजर डालते है यहाँ के स्थानीय लोगो ने बताया कि इस मंदिर को मुग़ल शासक औरंगजेब ने लूटा था और शिवलिंग को नष्ट करने की कोशिश की थी , 16वी शताब्दी में मुग़ल शासक औरंगजेब कई मंदिरों को नष्ट करते हुए मल्लावां तक आ गया था इस मंदिर में सोना लगा हुआ था तो मुग़ल शासक इसे तुडवाना चाहता था |
इस बात की जानकारी किसी तरह से गौरखेड़ा के वीरो को हो गई फिर मुगल सेना और गौरखेड़ा के वीरो के बीच जंग हुई जिसमे गौरखेड़ा के वीर पराजित हुए क्यूंकि गौरखेड़ा के वीरो के पास संसाधनो की कमी थी अब औरग्जेब मंदिर तक आ गया था और अब उसे मढिया के गोस्वामियो ने ललकारा परन्तु फिर से मुग़ल शासक की जीत हुई |
फिर औरंगजेब ने अपने सैनिको को आदेश दिया की मन्दिर को लूट लिया जाय मंदिर में सोने का कलश था वो निकाल लिया गया फिर सोने की घंटिया निकाल ली कहने का तात्पर्य मंदिर में सोने से निर्मित सारी वस्तुओ को लूटकर औरंगजेब ने मंदिर को नष्ट करने को बोल दिया |
सैनिको ने मंदिर को ध्वस्त किया फिर शिवलिंग को नष्ट करने हेतु पहले तो उसे खोदा जब खोदकर शिवलिंग को निकाल नहीं पाए तब आरा से बाबा सुनासीर नाथ मंदिर की शिवलिंग को काटने का प्रयास किया |
एक अद्भुत घटना घटित हुई औरंगजेब की सेना पर अनगिनत बर्रैया, मधुमक्खीयो ने आक्रमण किया और इसका कोई जवाब सेना के पास नहीं था विवश होकर औरंगजेब की सेना को वापस आना पड़ा आप जब कभी Sunasir Nath Mandir Mallawan आये तो आपको यहाँ के शिवलिंग पर आरे के निशान आज भी दिखाई देंगे |
पौराणिक कथा को माने तो कहते है बाबा सुनासीर नाथ मंदिर में स्थित शिवलिंग की स्थापना देवराज इंद्र ने की थी , मन्दिर के पुजारी पण्डित राम गोविन्द शास्त्री ने बताया की यहाँ पर जो भक्त अपार श्रद्धा भाव से भोले बाबा के दर्शन करते है उनकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है |
कभी भी आपको इधर से निकलना हो या आप नजदीक रहते हो तो एक बार आप Sunasir Nath Mandir Mallawan आये और भोले बाबा के दर्शन अवश्य करे |