नैना देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश दर्शन की समस्त जानकारी कैसे पहुंचे कहाँ रुके
नैना देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश 51 शक्तिपीठो में से एक है और यह पवित्र मन्दिर हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में है यहाँ के बारे में यह कहा जाता है कि यह वही स्थल है जहाँ पर माता सती के नेत्र गिरे थे , नवरात्र में इस स्थान पर अत्यधिक भीड़ हो जाती है |
नैना देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश बिलासपुर जिला – Naina Devi Ka Mandir
नयना देवी मन्दिर के बारे में मुझे सबसे अच्छी बात ये लगी कि यह हिन्दू धर्म और सिख धर्म दोनों के लिए ही पवित्र स्थल है यहाँ आप जब जाओगे तो देखोगे यहाँ हिन्दू और सिक्ख दोनों ही बहुतायत संख्या में आते है |
अच्छा नैना देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश की शिवालिक श्रंखला की एक पहाड़ी पर स्थित है इसलिये यहाँ के प्राकृतिक नज़ारे भी बड़े लुभावने है |
पौराणिक कथा के अनुसार जब माता सती ने अपना अंत कर लिया था तब भोलेनाथ अत्यधिक क्रोधित हो गये थे माता सती के शव को उठाकर ताण्डव करने लगे थे जिससे काफी नुक्सान हो रहा था |
इसीलिये विष्णु जी ने सुदर्शन चक्र से माता सती के शरीर को खंडित कर दिया था जिससे माता के शरीर के अंग प्रथ्वी पर कई जगह पर गिरे इस स्थान पर माँ के नेत्र गिरे थे इसीलिये Naina Devi Ka Mandir एक शक्तिपीठ भी है |
नैना देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश कैसे पहुंचे
जैसा की पहले ही बताया है कि यह मन्दिर बिलासपुर जिले में स्थित है जो की चंडीगढ़ से 110 किलोमीटर है , अम्बाला शहर से लगभग 140 किलोमीटर है |
- यदि आप वायुमार्ग से यहाँ आना चाहते है तो सबसे बढ़िया विकल्प चंडीगढ़ है आप पहले चंडीगढ़ पहुंचे फिर वहां से आप बस या टैक्सी करके नयना देवी तक पहुँच सकते है |
- यदि आप रेल मार्ग से आना चाहते है तो आपको बता दे यहाँ का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन आनन्दपुर साहिब है लेकिन हो सकता है की आपके शहर से आनंदपुर साहिब के लिए कोई सीधी ट्रेन न हो तो आप देख लीजिये कि क्या आपके शहर से चंडीगढ़ या अम्बाला के लिए कोई सीधी ट्रेन है जरूर होगी आप ट्रेन से चंडीगढ़ या अम्बाला पहुच जाए फिर वहां से अप बस या टैक्सी से नैना देवी मंदिर बिलासपुर आ सकते है |
- यदि आप सड़क मार्ग से आना चाहते है तो आपको बता दे की पंजाब और हिमांचल प्रदेश के लगभग सभी जगहों से यहाँ से लिए अच्छी सड़के उपलब्ध है |
बेस्ट और सस्ता तरीका – सबसे पहले आप चंडीगढ़ या अम्बाला पहुचो ट्रेन से फिर वहां से पैसेंजर ट्रेन आती है आनंदपुर साहिब तक आप आनंदपुर साहिब आ जाओ फिर आनंदपुर साहिब से आप बस या टैक्सी करके नयना देवी आ सकते है |
कहाँ रुके – Dharamshala in Naina Devi
आप नैना देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश में रुकने की जरा सी भी चिंता न करे पहले आपको बता दूँ की यहाँ आप जब भी दर्शन करने आये तो एक रात रुकिए जरूर क्यूंकि थकान काफी हो जाती है |
सबसे पहले आपको मुफ्त धर्मशाला Dharamshala in Naina Devi के बारे में बता दे धरमशाला को यहाँ सराय बोलते है , नयना देवी मन्दिर के समीप ही एक पटियाला धर्मशाला है जो की निशुल्ल्क है आप यहाँ रुक सकते है |
अब बात करते है नयना देवी मन्दिर ट्रस्ट की ऐसी सराय के बारे में जो की बहुत ही कम शुल्क पर आपको अच्छी सुविधाए देती है जिनके नाम है मात्री आंचल , मात्री छाया और मात्री शरण |
मात्री आंचल सराय में AC रूम 600 का NON AC रूम 400 का और साधारण रूम 250 का है वही मात्री शरण सराय में AC रूम में 600 का और Non AC 400 का है एक रूम में तीन लोग रुक सकते है और एक व्यक्ति एक्स्ट्रा भी रुक सकता है जिसका अलग से 50 रूपये और देना होगा |
श्री नयना देवी मन्दिर का लंगर
मन्दिर ट्रस्ट की तरफ से यहाँ लंगर की भी व्यवस्था है एक अलग से भवन बना हुआ है जिसमे एक साथ अधिकतम 500 व्यक्ति लंगर ग्रहण कर सकते है आप जब भी यहाँ आये एक बार लंगर अवश्य ग्रहण करे क्यूंकि इस प्रसाद में देवी माँ का आशीर्वाद होता है |
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About Shri Naina Devi Temple in Hindi – नयना देवी मन्दिर के बारे में
अब चलते है माँ के दर्शन करने देखिये मुख्य मन्दिर तक पहुँचने के लिए आपके दो विकल्प है एक सीढियों से चढ़कर दूसरा रोपवे से यदि आप पैदल जाना चाहते है तो निश्चिन्त रहिये ये रास्ता ज्यादा लम्बा नहीं है आप आराम से जा सकते है |
आप ध्यान रखे की कार पार्किंग जहा होती है उसके सामने से जाए तो आपको लगभग 200 सीढियां चढ़नी पड़ेंगी |
आप यहाँ रजिस्ट्रेशन काउंटर पर अपना रजिस्ट्रेशन करवा ले हालाँकि बहुत से लोग रजिस्ट्रेशन कराते ही नहीं |
नैना देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश में रोपवे की टाइमिंग
देखिये रोपवे का कुछ समय है चलिए देख लीजये अच्छा यहाँ रोपवे को रस्से का मार्ग या रज्जू मार्ग भी कहा जाता है –
मार्च से सितम्बर – सुबह 8 बजे शाम 7 बजे तक
अक्टूबर – सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक
दिसम्बर से फरवरी – सुबह 9 बजे से शाम 5:30 बजे तक
श्री नैना देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश में रोपवे का शुल्क
एक वयस्क का एक तरफ का जाने का टिकट 110 रूपये है और दोनों तरफ का 170 रूपये है , बच्चो का कुछ सस्ता टिकट है और विकलांग के लिए यह टिकट बिलकुल मुफ्त है |
नयना देवी मन्दिर परिसर की जानकारी
सच में नैना देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश पहुंचकर आपको एक देवीय उर्जा का एहसास होगा जैसे ही आप मन्दिर देखोगे बस देखते ही रह जाओगे अब आप चप्पल जूता स्टैंड पर अपने जूते चप्पल उतार दे |
प्रसाद आदि के लिये यहाँ पर कई दुकाने मिल जाएँगी और मंदिर के समीप ही एक मन्दिर न्यास द्वारा संचालित दुकान भी है जहाँ आपको काफी किफ़ायती पैसो में प्रसाद शुद्ध घी से बनी मिठाइयाँ , बेसन के लड्डू , नारियल , मेवा आदि मिल जायेगा |
संगमरमर से बने इस भव्य मन्दिर का मुख्य मार्ग चांदी से बना हुआ है जिसमे देवताओं की अत्यधिक सुन्दर नक्खाशी की गई है जो की देखते ही बनती है , मुख्य द्वार के दाहिनी तरफ आप देखोगे तो आपको भगवान हनुमान और गणेश जी की प्रतिमाये बनी दिखाई देंगी और शेर की दो प्रतिमाये भी बनी है |
मन्दिर के गर्भ मतलब मुख्य मन्दिर में तीन पिंडिया है जिनके आप दर्शन कर अपने जीवन को धन्य बनाइये दाहिनी और नयना देवी की मुख्य मूर्ती है जिसमे आप माँ के नेत्र के दर्शन कर सकते है |
बीच में नयना देवी दो नेत्र के रूप में है जो की सोने के बने है अब बाई और गणेश जी की प्रतिमा है , अब बाहर आकर मन्दिर की परिक्रमा जरूर करे |
माँ नयना देवी मन्दिर परिसर के अन्य धार्मिक स्थल
दोस्तों आप माँ के दर्शन करने के बाद कुछ अन्य स्थलों के भी दर्शन करे –
मन्दिर परिसर में बना पीपल का पेड़ यह अत्यधिक पवित्र माना जाता है इसके दर्शन भी जरूर करे कहाँ जाता है की इस वृक्ष की पूजा करने से आपकी मनोकामनाए पूरी होती है , पीपल के वृक्ष के समीप स्थित श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर के भी दर्शन करे |
यहाँ का प्राचीन हवन कुण्ड जिसके बारे में कहा जाता है की इस हवन कुण्ड की राख को कभी बाहर नहीं निकाला जाता अब यह राख कहा जाती है माँ नयना देवी ही जाने , गुरु गोविन्द सिंह जी ने इस हवन कुण्ड में हवन किया था |
हवन कुण्ड के समीप ही एक छोटा सा मन्दिर है जिसमे श्री गणेश और हनुमान जी की प्रतिमाये है |
अब आप श्री नैना देवी की गुफा के भी दर्शन कर ले यह गुफा 70 फिट की है यह एक प्राचीन गुआ है और बहुत ही संकरी है यहाँ अन्दर माँ नयना देवी की प्रतिमा है |
कोला वाला टोबा वैसे तो यह कमल के फूल के लिए जाना जाता है इसके अलावा यहाँ एक पवित्र तालाब है जिसमे लोग स्नान करके माँ नयना देवी के दर्शन करते है वैसे बहुत से लोग खप्पर महिषासुर नाम के स्थल ( जो की मुख्य मन्दिर के समीप ही है ) पर भी स्नान करते है |
ये सब तो मैंने आपको मन्दिर परिसर या समीप के कुछ धार्मिक स्थल बताये अब आपको बता दे की मुख्य मंदिर अत्यधिक ऊंचाई पर है तो वहां से बेहतरीन प्राकृतिक द्रश्य भी आप देख सकते है और गोविंदसागर झील भी ऊपर से काफी सुन्दर दिखाई देता है |
माता नैना देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश से सम्बन्धित प्रश्न
नैना देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में है |
नैना देवी मन्दिर में कार पार्किंग के पास से जाने पर आपको लगभग 200 सीढियां चढ़नी होंगी |
नैना देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में है |
चंडीगढ़ से नैना देवी मन्दिर की दूरी लगभग 105 किलोमीटर है |
सबसे पहले आप चंडीगढ़ आ जाओ फिर यहाँ से टैक्सी लेकर श्री नैना देवी मंदिर बिलासपुर आ जाओ या तप आप देख लो कि आनंदपुरसाहिब के लिये कोई ट्रेन हो तो आप सीधे आनंदपुर साहिब आ जाओ यहाँ से नैना देवी मंदिर महज 20 किलोमीटर है |
श्री नयना देवी मन्दिर बिलासपुर में रुकने की फिकर मत करिए आपको मन्दिर के समीप ही बजट में सराय मिल जाएगी यदि आप निशुल्क रुकना चाहते है तो पटियाला धर्मशाला में रुक सकते है |
श्री नयना देवी मन्दिर बिलासपुर जाने का बेस्ट टाइम अप्रैल से अक्टूबर का है |
आनंदपुर साहिब और Naina Devi Ka Mandir के बीच की दूरी लगभग 20 किलोमीटर है |
निष्कर्ष
श्री नयना देवी मन्दिर एक अद्भुत मन्दिर है यहाँ का वातावरण सच में अलौकिक है यहाँ से शिवालिक श्रंखला की पहाड़ियां देखो तो यही लगता है हम हिल स्टेशन पर है
हमने नैना देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश के बारे में लगभग सारी जानकारी जैसे यहाँ कैसे पहुचे , Dharamshala in Naina Devi आदि आप को दे दी है इसके अलावा यदि आपके पास कोई जानकारी हो तो कमेंट जरूर करे |
Thank you very much for this information.
Thanks