नैमिषारण्य तीर्थ की सम्पूर्ण जानकारी कैसे पहुंचे कहाँ रुके क्या-क्या देखे
नैमिषारण्य तीर्थ Naimisharanya Neemsar Travel Guide
नैमिषारण्य वैष्णव क्षेत्र में आपका स्वागत है यह पावन भूमि यज्ञ , पूजा-पाठ , जप-तप के लिए समूचे हिन्दुस्तान में विख्यात है , उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के समीप सीतापुर जनपद में गोमती नदी के किनारे यह पवित्र धार्मिक स्थल है जिसको हम सब कई नामो से जानते है जैसे नैमिषारण्य , नीमसार , नैमिष , Neemsar Tirth यज्ञ अनुष्ठानो के लिए प्रसिद्ध है , जहां पर ललिता देवी Lalita devi, चक्रतीर्थ Chakratirth,ऋषि दधीचि कुण्ड मिश्रिख Rishi Dadhichi आदि स्थलों की काफी मान्यता है |
प्राचीन समय से हम अपने शास्त्रों में नीमसार के बारे में पढ़ते आये है कहा जाता है की इस पावन धाम के दर्शन करने से सारे पापो से छुटकारा मिल जाता है और इंसान को मोक्ष मिल जाता है , गोस्वामी तुलसीदास जी की बात माने तो उन्होंने कहा था कि जितने भी तीर्थ है उन सबमे नैमिषारण्य तीर्थ दुल्हा है और नैमिषारण्य को नाभि कहा गया है यहाँ पर नाभि का तात्पर्य पेट है इसीलिए यहाँ पर पिण्ड दान से माता पिता का पेट भरता है तो पिण्ड दान के लिए भी यह पवित्र स्थल जाना जाता है |
आइये एक छोटी सी कहानी भी जान लेते है नैमिषारण्य के बारे में , एक बार सारे ऋषि मुनि लोग परेशान हुए ये समझने के लिए की आखिर पूजा पाठ अनुष्ठान के लिए सबसे उपयुक्त स्थल कोन सा है तो इसका उत्तर पाने के लिए 84 हजार ऋषि पहुच गए ब्रम्हाजी के पास और उनसे अपना प्रश्न पूछा , अब ब्रम्हा जी ने एक चक्र निकाला और उसे फेंक दिया और बोले जहां पर यह पवित्र चक्र गिरेगा वही स्थान यज्ञ अनुष्ठान ध्यान योग के लिए सबसे उपयुक्त होगा तो यह चक्र गिरा जाकर नीमसार में और वह स्थान चक्रतीर्थ Chakratirth नाम से हो गया |
हम आज आपको अपने इस लेख में नैमिष के बारे में विस्तार से बताएँगे , नीमसार के प्रमुख धार्मिक स्थलों में चक्रतीर्थ Chakratirth , ललिता देवी मन्दिर Lalita devi Temple, ऋषि दधीचि कुण्ड मिश्रिख Rishi Dadhichi Kund है, वैसे मेरे हिसाब से पूरा का पूरा नैमिषारण्य ही मन्दिरों और पवित्र स्थलों से भरा पड़ा है |
How to reach Naimisharanya Neemsar Tirth Sitapur – कैसे पहुंचे नैमिषारण्य तीर्थ सीतापुर
नैमिषारण्य तीर्थ उत्तर प्रदेश राज्य के सीतापुर जिले में स्थित है , नीमसार सीतापुर से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर है , लखनऊ से इसकी दूरी वही 80-84 किलोमीटर लगभग होगी नीमसार के निकट ही हरदोई जनपद भी है हरदोई से नीमसार की दूरी 40 किलोमीटर है तो यहाँ पहुचने के कई सारे रास्ते है –
- यदि आप वायुमार्ग से जाना चाहते है तो नैमिषारण्य का सबसे निकटवर्ती हवाई अड्डा लखनऊ का अमौसी एअरपोर्ट है तो आप सबसे पहले अमौसी एअरपोर्ट आइये फिर वहा से आपको तमाम साधन मिल जायेंगे |
- यदि आप रेलवे मार्ग से जाना चाहते है तो दोस्तों यहाँ का रेलवे स्टेशन बहुत ही छोटा है फिर भी मै आपको बताना चाहूँगा की कानपुर और बालामऊ के रेलवे स्टेशन से नीमसार के लिए पैसेंजर ट्रेन उपलब्ध है , अच्छा बालामऊ हरदोई से 40 किलोमीटर आगे है और बालामऊ के लिए आपको कई ट्रेन मिल जाएँगी |
- यदि आप सड़क मार्ग से आना चाहते है तो आपको लखनऊ , सीतापुर , हरदोई से आपको बड़ी आसानी से साधन मिल जायेंगे |
नीमसार तीर्थ में कहा रुके – Naimisharanya Hotel , Dharamshala
देखो भैया नैमिषारण्य में रुकने के लिए कई धर्मशालाए कई होटल आपको मिल जायेंगे यहाँ ठहरने की कोई भी समस्या नहीं है आप जाइये नैमिषारण्य और आराम से रूककर वहाँ का सारा क्षेत्र देखिये , यदि आप ऑनलाइन बुकिंग करना चाहते तो आप इस वेबसाइट http://namisharanya.com पर जाकर कर सकते हो |
Naimisharanya Hotel बुकिंग के लिये आप ऑनलाइन होटल बुकिंग वेबसाइट का सहारा ले सकते या फिर आप नीमसार पहुँच के भी होटल बुक कर सकते है |
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वैसे तो पूरा का पूरा नैमिष-मिश्रिख क्षेत्र मन्दिरों व अन्य धार्मिक स्थलों से भरा पड़ा है आप जैसे ही इस जगह पहुचेंगे हर गली हर मोहल्ले में बस आपको मंदिर ही दिखाई पड़ेंगे सच में बहुत ही धार्मिक क्षेत्र है नैमिषारण्य , चलिए जान लेते है नीमसार के कुछ प्रमुख स्थलों के बारे में –
Chakratirth – चक्रतीर्थ
पौराणिक मान्यताओंनुसार ब्रम्हा जी द्वारा छोड़ा गया चक्र इसी स्थल पर गिरा था यह एक एक गोलाकार चक्रनुमा कुण्ड है और चक्र के अन्दर बाहर दोनों तरफ़ जल है लेकिंन स्नान करने की व्यवस्था बाहर ही है लोग स्नान करने के साथ साथ इस चक्र की परिक्रमा भी करते है |
पूरी दुनिया में इस चक्रतीर्थ की मान्यता है कहते है की इस पावन चक्रतीर्थ के जल में स्नान करने से मनुष्य समस्त पापो से छुटकारा पा जाता है खैर जब भी आप नैमिषारण्य आओ सबसे पहले चक्रतीर्थ स्नान करे , अच्छा एक और बात इस चक्रतीर्थ के आसपास कई छोटे छोटे मंदिर बने है जहां भी आप दर्शन हेतु जा सकते है |
चक्रतीर्थ के पास बाबा भूतेश्वर नाथ महादेव मंदिर , श्री बद्रीनारायण धाम , श्री राधा बिहारी मंदिर , श्री सत्य नारायण मंदिर , श्री श्रृंगी ऋषि तपस्थान आदि मंदिर है |
ललिता देवी मन्दिर – Lalita Devi Mandir
देखिये चक्रतीर्थ में स्नान करने के बाद आप ललिता देवी मन्दिर अवश्य जाय इस मंदिर में साल भर भक्तो का तन्ता लगा रहता है , ललिता देवी का मंदिर बहुत पुराना मंदिर है कुछ लोग इस पवित्र मन्दिर को लिंगधारिणी भी कहते है , इस मन्दिर का आधार काफी सुन्दर बना हुआ है अच्छा यहाँ थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है क्यूंकि यहाँ लूट खसोट बहुत ही चरम पर है|
इस मन्दिर के बारे में दो कथाये है एक तो है कि भगवान विष्णु ने माता सती के 108 टुकड़े किये थे तो एक टुकड़ा नैमिषारण्य में गिरा इसी स्थान पर त्रिपुर सुन्दरी माता ललिता देवी का मंदिर है , दूसरी कथानुसार जब देव-दानव का युद्ध हो रहा था तो ब्रम्हा जी के कहने पर ललिता देवी दानवो के संहार के लिए इस स्थान पर प्रकट हुई थी |
पंचप्रयाग नाम का एक छोटा सा पवित्र कुण्ड ललिता देवी मंदिर के समीप ही है कुछ लोग यहाँ भी स्नान या यहाँ के जल का आचमन करते है |
हनुमान गढ़ी और पाण्डव किला
दोस्तों आपने ललिता देवी मंदिर के दर्शन कर लिए चलिए अब फिरसे चक्रतीर्थ की और चलते है चक्रतीर्थ के समीप ही हनुमान गढ़ी और पाण्डव किला है |
पहले पाण्डव किला पड़ जायेगा चलिए इसी पवित्र स्थल के दर्शन कर लिए जाए गोमती नदी के तट पर यह किला बना हुआ है , कहा जाता है कि वनवास के समय पाण्डव इसी स्थान पर रुके थे यहाँ श्री कृष्णा और पांडवो की मुर्तिया बनी हुई है |
चलिए अब दो कदम आगे जाते है और करते है दर्शन दक्षिण मुखी संकट मोचक हनुमान जी के इस स्थान पर हनुमान जी की काफी विशाल मूर्ती बनी हुई है राम लक्ष्मण हनुमान जी के कन्धो पर बैठे हुए है , हनुमान गढ़ी भी नैमिषारण्य का प्राचीन मंदिर है यहाँ पर श्रद्धालु भारी संख्या में आते है |
दोस्तों जब आप चक्रतीर्थ से हनुमान गढ़ी के रास्ते पर जाओगे तो यदि आपके पास समय हो तो एक और मन्दिर के दर्शन कर लीजिये जिसका नाम है ख्याटू श्याम मंदिर यह नीमसार का अत्यंत भव्य मंदिर है इसकी सुन्दरता देखते ही बनती है हम जब वहां गए थे मंदिर में भजन बज रहे थे सच मानिये ख्याटू श्याम जी के मंदिर में वो भजन सुनना आनंददायक था इसी मंदिर के प्रांगड में श्री सत्य नारायण मंदिर भी है इन मंदिरों का निर्माण हनुमान गढ़ी संस्थान ने करवाया है |
श्री देवदेवेश्वर धाम
श्री देवदेवेश्वर धाम भगवान शंकर का अति प्राचीन मंदिर है यह नैमिषारण्य के प्रमुख शिवालयो में से एक है बिलकुल शान्त वातावरण में बना यह छोटा सा मन्दिर अपने आस्था के चलते सम्पूर्ण भारत में जाना जाता है इस मन्दिर का वर्णन वायु पुराण में मिल जाता है इस मंदिर के बाहर ही आपको प्रसाद, धतूरा , बेलपत्र आदि वस्तुये मिल जाएँगी आप यहाँ अवश्य जाये और इस महान शिवलिंग के दर्शन करके खुद को धन्य बनाइये |
बाबा भूतेश्वरनाथ
एक और अति प्राचीन शिवलिंग जिसको भक्तगण बाबा भुतेश्वरनाथ से जानते है मान्यता है की ये नीमसार के 33 करोड़ देवी देवताओ और 88 हजार ऋषियों के रक्षक है बाबा भूतेश्वर नाथ , चक्रतीर्थ परिसर में बने इस प्राचीन बाबा भूतेश्वर नाथ महादेव मंदिर में सुबह और शाम को भव्य आरती का आयोजन होता है |
देवपुरी मन्दिर
108 हिन्दू देवी देवता को यदि आप एक ही स्थल पर देखना चाहते है तो शायद इससे बढ़िया और कोई जगह नहीं देवपुरी में आप पाएंगे 108 देवी देवताओ की मूर्तिया अद्भुत स्थल है यह , विशाल प्रांगड फिर एक विशाल मंदिर सच में एक ही मंदिर में इतने सारे भगवानो के दर्शन पाकर हम तो धन्य हो गए |
देवपुरी मंदिर के थोडा ही आगे श्री बाँके रमण बिहारी चार धाम मंदिर है |
व्यास गद्दी
पौराणिक कथा के अनुसार वेद व्यास जी ने नैमिषारण्य के इस पावन स्थल पर पुराणों का निर्माण किया और वेदों का विस्तार और विभाजन किया इस तपस्थल पर एक वट का वृक्ष है मान्यता ऐसी है कि इसी वट वृक्ष के नीचे बैठकर वेद व्यास जी ने अपने शिष्यों को पुराण और वेदों का ज्ञान दिया था |
सूत गद्दी
यह पौराणिक स्थल नीमसार में एक एक टीले पर बना हुआ है यहाँ पर महर्षि सूत जी महाराज ने 88000 ऋषियों को पुराणों और शास्त्रों का ज्ञान दिया था तभी से यह जगह सूत गद्दी नाम से जानी जाती है |
श्री बालाजी मंदिर और श्री त्रि शक्ति धाम मंदिर
ये दोनों भव्य मन्दिर नैमिषारण्य के सबसे सुन्दर मंदिरों में से है श्री बालाजी मन्दिर अभी निर्माणाधीन है और पूरा बन जाने के बाद अत्यंत उत्कृष्ट होगा वैसे अभी आप इस मंदिर में दर्शन हेतु जा सकते है |
त्रिशक्ति धाम मंदिर सच में इतना शानदार बना हुआ है और इतनी शांति है इस स्थान पर कि पूछिए मत , इस सुन्दर मंदिर को आन्ध्र आश्रम संस्थान ने बनवाया है ये आंध्र प्रदेश की ही एक संस्था है , इस मन्दिर में भगवान श्री विष्णु जी की एक विराट मूर्ति बनी हुई है और माँ दुर्गा की भी एक बड़ी सी मूर्ति बनी है दोनों मुर्तिया वास्तव में बेजोड़ है अपनी नीमसार यात्रा में आप त्रि शक्ति धाम मंदिर अवश्य जाय |
ये दोनों मंदिर आसपास ही है और थोडा सा और आप आगे बढ़ेंगे तो गोमती घाट आपको दिखाई देगा इस पावन घाट पर भी भक्त श्रद्धा भाव से डुबकी लगाते है |
रुद्रावर्त धाम
अब हम लोग चलते है नैमिषारण्य एक चमत्कारिक मंदिर की और जिसका नाम है रुद्रावर्त धाम यह शिव जी का धाम नैमिषारण्य महज 5 किलोमीटर की दूरी पर एक छोटे से गाँव में स्थित है यहाँ कोई भी भव्य मंदिर तो नहीं है परन्तु इस रुद्रावर्त धाम की बड़ी विशेषता है जिसने भी यहाँ का चमत्कार सुना वो यहाँ दर्शन हेतु अवश्य आता है |
गोमती नदी के किनारे पर एक छोटा सा कुण्ड है मान्यता है की इस कुण्ड में भगवान शिव की बालू की शिवलिंग बनती है सबसे बड़ी जो चमत्कार की बात है कि यहाँ आप जो भी पांच फल इस कुण्ड में डालोगे वो सीधा महादेव के पास पहुच जायेगा और प्रसाद स्वरुप पांच में से एक या दो फल ऊपर आ जायेंगे तो यदि आपको मौका मिले तो रुद्रावर्त धाम को भी देख आइयेगा |
रुद्रावर्त धाम की और अधिक जानकारी के लिये यहाँ क्लिक करे |
दधीचि कुण्ड मिश्रिख
यह पावन स्थल नैमिषारण्य से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर मिश्रिख नामक स्थान पर है , इस स्थल पर एक सुन्दर सा कुण्ड बना हुआ है और कुण्ड के समीप ही भगवान महर्षि दधीचि जी का मंदिर है यहाँ भक्त महर्षि दधीधि के दर्शन का लाभ उठाते है , पौराणिक मान्यताओंनुसार दधीचि कुण्ड में समस्त तीर्थो का पवित्र जल मिला हुआ है इसीलिए इसे मिश्रित दधीचि कुण्ड कहा जाता है |
CONCLUSION – निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश में नैमिषारण्यअपने पौराणिक धार्मिक महत्त्व के चलते आज पूरी दुनिया में जाना जाता है , दूर दूर से तमाम पुजारी लोग यहाँ पर होने वाले विशाल यज्ञ , अनुष्ठान आदि में शामिल होने आते है , उत्तर प्रदेश के पर्यटन के मानचित्र पर नीमसार का एक महत्वपूर्ण स्थान है |
मैंने इस लेख में आपको नैमिषारण्य के बारे में थोडा बहुत बताने का प्रयास किया है यहाँ पर इतने ज्यादा मंदिर है कि सबके बारे में बताना संभव नहीं हो पाया तो उसके लिए क्षमा मांगता हू , यह लेख कैसा लगा कमेन्ट करके अवश्य बताये |
mai naimisharanya tirth sthal se bahut hi brabhavit hun mai aksar vahan ata hun
Thanks Shubham sach me Neemsaar ek sundar dharmik sthal hai
आप द्वारा दी गई जानकारी नैमिषारण्य दर्शन में सहायक व उपयोगी है। धन्यवाद।
सर बहुत बहुत आभार आपका
पहली बार सुना और जिज्ञासा रोक नहीं पाया और धdarshan के लिए पहुंच गए nemishararan जय nemsar
धार्मिक जगह है
mujhe vaha bhagwat katha mool path karwana hai..
iske samband me koi jankari ho aur kisi ka refernce number mile pandit ji ka.. jo ye karva sake to apki badi kripa hogi..
my number is – 9877672263
सर इस विषय में ज्यादा जानकारी नहीं है एक नंबर इन्टरनेट से मिला वो आपको मेल कर दिया है
https://youtu.be/2bdoR_5eSA8 is youtube video ke creater ne apka pura material copy kiya huwa hai…aap dwara di gayi jankari acchi hai.
जी सर कोई बात नहीं आपका धन्यवाद
Lakhnow se naisharanya ke leye ky sadhan h?
सर आप अपनी गाडी बुक कर सकते है या फिर बस से जा सकते बस हो सकता है आपको सीधे न मिले तो आप लखनऊ से सिन्धोली जाइये फिर सिंधौली से नीमसार अब शायद ई बस भी नीमसार जाती है एक बार आप केसरबाग बसड्डे पर फोन करके कन्फिर्म कर ले
Kya Naimisaranya mai bhagwat katha hoti hai
jee sir
Adbhut Article Anurag bhaiya.
Bahut bahut dhanywaad.
thanks