कोणार्क का सूर्य मन्दिर क्यों प्रसिद्ध है यहाँ कैसे पहुंचे कहाँ रुके क्या-क्या देखे
Konark Ka Surya Mandir कोणार्क के पर्यटन स्थल
कोणार्क का सूर्य मन्दिर क्यों प्रसिद्ध है Konark Ka Surya Mandir अपने ऐतिहासिक महत्त्व , बेजोड़ शिल्पकारी और पुरातात्विक कलाकृतियों के लिए दुनियाभर में मशहूर यह स्थान एक महत्वपूर्ण दार्शनिक स्थल है , कोणार्क सूर्य मन्दिर (Konark Sun Temple) को यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल की मान्यता प्रदान की हुई है , कोणार्क उड़ीसा राज्य के भुवनेश्वर जिले से लगभग 65 किलोमीटर की दूरी पर चंद्रभागा नदी के किनारे पर स्थित है और उड़ीसा के पुरी नमक जिले से मात्र 36 किलोमीटर की दूरी पर है |
कोणार्क का सूर्य मन्दिर क्यों प्रसिद्ध है
देखा जाय तो कोणार्क शब्द दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है कोना और अर्का यहाँ पर कोना शब्द का अर्थ कार्नर और अर्का का अर्थ सूर्य है मतलब “सन ऑफ़ द कार्नर “| कोणार्क में सबसे प्रमुख पर्यटन का केंद्र कोणार्क सूर्य मंदिर है परन्तु यहाँ पर Konark Ka Surya Mandir है और इसके आलावा भी कुछ जगहे है जहा आप घूम सकते हो जैसे की समुद्र तट और संग्रहालय |
कोणार्क कैसे पहुचे – How to reach Konark Ka Surya Mandir
- यदि आप वायुमार्ग से कोणार्क जाना चाहते हो तो यहाँ का सबसे नजदीकी एअरपोर्ट बीजू पटनायक इंटरनेशनल एअरपोर्ट भुवनेश्वर है और भुवनेश्वर से कोणार्क लगभग 65 किलोमीटर है इस एअरपोर्ट का IATA कोड BBI है |
- यदि आप रेल मार्ग से कोणार्क जाना चाहते है तो आपके पास दो विकल्प मौजूद है एक तो आप भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन से कोणार्क आ सकते हो दूसरा पुरी रेलवे स्टेशन है पुरी कोणार्क से लगभग 33 किलोमीटर की दूरी पर है, भुवनेश्वर का कोड BBS और पुरी का PURI है |
- कोणार्क सड़क मार्ग से भारत के लगभग सभी हिस्सों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है आप बड़ी आसानी से यहाँ पहुच सकते हो अच्छा एक और बात चाहे रेल मार्ग से जाओ चाहे वायुमार्ग से आपको भुवनेश्वर या पुरी आना पड़ेगा उसके बाद इन दोनों शहरो से पुरी के लिए राज्य निगम की बसे , टैक्सी आदि बहुतायत मात्र में चलती है |
देखा आपने कितना आसान है Konark Ke Surya Mandir जाना आप निश्चिन्त होकर जाइये |
कोणार्क में कहाँ रुके – Where to stay in Konark
अब आप पहुच तो गए कोणार्क परन्तु यदि आपको यहाँ रुकना पड़े तो आप भुवनेश्वर या पुरी में कही भी रुक सकते है इन दोनों जगहों पर तमाम धर्मशालाए और तमाम होटल है आप अपने बजट के अनुसार कुछ भी बुक कर सकते है वैसे यदि कोणार्क में ही रुकना पड़े तो आप यात्रीनिवास , पन्थानिवास आदि अच्छी जगहे है , यहाँ पर कुछ कोणार्क सरकार द्वारा अनुमोदित ठहरने के स्थल भी है जैसे पंथनिवास, यात्री निवास , इंस्पेक्शन बंगलो , ट्रेवलरस लॉज |
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Tourist Places to visit in Konark – कोणार्क पर्यटन स्थल
कोणार्क में कोई बहुत ज्यादा दर्शनिक स्थल तो नहीं है परन्तु हा इतने तो स्थल यहाँ है ही की आप एक दिन आराम से यहाँ गुजार सकते है ,कोणार्क सूर्य मन्दिर (Konark ka Surya Mandir) यहाँ का सबसे ज्यादा मुख्य पर्यटन का केंद्र है इसके आलावा यहाँ पर आपको समुद्र तट मिल जायेंगे और एक संग्रहालय, रामाचंडी मंदिर , कुरमा भी है |
कोणार्क सूर्य मंदिर – Konark Sun Temple
यह सूर्य मंदिर भारत के प्रमुख सूर्य मंदिरों में से एक है इस अद्वितीय Konark Ka Surya Mandir के दर्शन हेतु साल भर देश विदेश से लाखो की संख्या में भक्त आते रहते है इसके निर्माण के सम्बन्ध कोई भी साक्ष्य नहीं है कहावत है की इसे गंग वंश के राजा नरसिंहदेव ने बनवाया था इस मंदिर को बनवाने में 12 वर्ष का समय और 1200 कारीगर का परिश्रम लगा था यह मंदिर भगवान सूर्य को समर्पित है यहाँ के स्थानीय लोग सूर्य भगवान को बिरंचि-नारायण भी कहते है |
कोणार्क के सूर्य मन्दिर को ब्लैक पगोडा के नाम से भी जाना जाता है जब आप कोणार्क जायेंगे तो वहां का रास्ता आपका मन मोह लेगा क्यूंकि यहाँ आप अपनी बस या टैक्सी में बैठे बैठे ही समुद्र का नजारा देखते चलेंगे |
यह मंदिर सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक दर्शको के लिए खुला रहता है और यह प्रत्येक दिन खुला रहता है |
यहाँ आप मुख्य गेट पर टिकट काउंटर से टिकेट लेंगे तत्पश्चात आप मंदिर परिसर में प्रवेश कर पाएंगे टिकट शायद भारतीयों के लिए 30-50 रूपये का है 18 वर्ष से कम उम्र के बचो के लिए टिकट पूर्णतया निशुल्क है और विदेशी पर्यटकों के लिए यह 500-600 रूपये का होना चाहिए क्यूंकि समय के साथ साथ टिकट का मूल्य भी बढ़ता जाता है |
कोणार्क के सूर्य मन्दिर में यदि आप चाहे तो गाइड भी ले सकते वहां गाइड आपको लगभग 250-300 रूपये में मिल जायेंगे वैसे यदि आप मंदिर के इतिहास को भली भांति जानना चाहते है तो गाइड अवश्य बुक कर ले |
इस ऐतिहासिक Konark Ka Surya Mandir की बनावट देखने लायक है यहाँ की अद्भुत शिल्पकला देखते ही बनती है यह मन्दिर सूर्य के रथ के आकार में बना हुआ है |
यह मन्दिर तीन मंडपों में बना हुआ है जो की क्रमशः गर्भगृह , जगमोहन मंडप , और नृत्य मंडप नाम से जाने जाते है परन्तु अब यहां पर एक ही मंडप बचा हुआ है बाकि दोनों ढह गए है |
अगर कोणार्क सूर्य मन्दिर की स्थापत्य कला की बात करे तो यह पूरा मंदिर रथ के अकार का बना हुआ है जिसमे सात घोड़े और 12 जोड़ी चक्र है ऐसा दिखाई देता है की यह एक रथ है और रथ में 12 जोड़ी पहिये है और उनको सात घोड़े खींच रहे है परन्तु अब यहाँ पर मात्र एक ही घोडा बचा हुआ है और जो ये पहिये है बताते है की समय जानने के लिए है यदि आप गाइड बुक करोगे तो वो आपको इस बात का प्रमाण भी दिखायेगा |
इस Konark Surya Mandir के प्रवेश मार्ग पर दो बड़े बड़े हाथी एक मानव को दबोचे हुए बने हुए है , इस मंदिर में सूर्य देवता की बाल्यावस्था , युवावस्था , प्रौढ़ावस्था की मुर्तिया है आप समझ गये होंगे कि कोणार्क का सूर्य मन्दिर क्यों प्रसिद्ध है |
चलिए अब Konark KA Surya Mandir की वास्तुकला पर थोड़ी चर्चा कर ली जाय यह मंदिर अद्भुत स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूमा है यहाँ कामसूत्र से ली गई कामुक मुद्राओ वाली मुर्तिया भी शिल्पकला का गज़ब का उदहारण है और यहाँ पर आपको भगवान , किन्नर , शिकार एवं युद्ध के चित्र , गन्धर्वो के चित्र , मानवो के चित्र , पशु पक्षियों के चित्र आदि बने हुए मिलेंगे और इतने सुन्दर शिल्पकला का यहाँ पर इस्तेमाल किया गया है बिलकुल ऐसा लगता है की हर एक चित्र अभी सजीव हो उठेगा सच में इस मंदिर की वास्तुकला पर्यटनो को विस्मृत कर देती है |
कोणार्क के बस अड्डे से यह मंदिर मात्र 06 किलोमीटर की दूरी पर है कोणार्क का सूर्य मन्दिर क्यों प्रसिद्ध है के बारे में आप इस लेख में पढ़ रहे है |
स्थानीय लोगो का मानना है कि कोणार्क सूर्य मंदिर में आज भी नृत्य मंडप से आत्माओ के नाचने से उत्पन्न हुई पायलो की आवाज सुनाइ देती है इसमें कितनी सच्चाई है यह तो मुझे नहीं पता परन्तु वहां के लोग इस बात को सच मानते है यहाँ की एक और खास बात कि इस मंदिर में पूजा नहीं होती इसके पीछे भी एक कहानी है वह कहानी की चर्चा हम अपनी किसी दूसरी पोस्ट में करेंगे |
इस Konark Ka Surya Mandir के बारे में एक और किदवंती है की इस सूर्य मंदिर के शिखर पर एक बड़ी सी चुम्बक रखी है जिससे जो भी पानी के जहाज इधर से निकलते है उनका संतुलन बिगड़ जाता और वो पानी के जहाजो को काफी नुकसान झेलना पड़ता था इसी कारण वश किसी मुस्लिम शासक ने यह चुम्बक निकलवा दिया था तभी से यह मन्दिर ध्वस्त होने लगा था |
समुद्र तट
कोणार्क का सूर्य मन्दिर तो एक धार्मिक स्थल है ही इसके अलावा आप कोणार्क में मनोरम बीच का भी लुत्फ़ उठा सकते हो कोणार्क से मात्र 03 किलोमीटर की दूरी पर रमणीय समुद्र तट है जिसे कोणार्क बीच के नाम से जाना जाता है आप कभी भी Konark Ke Surya Mandir के दर्शन करने आये तो इस मनोरम समुद्र तट पर पिकनिक मनाना न भूले , कोणार्क बीच पर सूर्योदय और सूर्यास्त का समय अत्यंत ही सुन्दर होता है |
पुरातात्विक संग्रहालय
कोणार्क का संग्रहालय भी आप देखना न भूले यदि आपको कलाकृतियों में रूचि है तो यह स्थल आपको बहुत पसन्द आयगा , यहाँ आपको कोणार्क सूर्य मन्दिर की कुछ टूटी हुई कलाकृतियाँ भी देखने को मिल जाएँगी |
रामाचंडी मन्दिर
जब आप पुरी से कोणार्क के सूर्य मन्दिर जाते हो तब रास्ते में ही आपको यह प्रसिद्ध रामचंडी मन्दिर मिलेगा यहाँ आप अवश्य दर्शन का लाभ ले इस पावन रामाचंडी मंदिर दर्शन के बाद आप ठीक इसी मंदिर के पीछे चले जाये वहां आपको रामाचंडी बीच मिलेगा यहाँ आप पिकनिक मना सकते यहाँ के नज़ारे अत्यंत मनोरम है यहाँ पर आप समुद्र में बोटिंग का भी आनंद ले सकते है |
अब आप चंद्रभागा बीच भी जा सकते हो यह भी एक समुद्र तट है आप यहाँ का भी लुत्फ़ उठा सकते हो इस स्थल पर ज्यादा भीड़ नहीं होती है यदि आप चाहे तो यहाँ के समुद्र में स्नान का मजा भी ले सकते है |
कुरमा बौद्ध स्थल
यह विख्यात बौद्ध स्थल कोणार्क सूर्य मंदिर से 7-8 किलोमीटर की दूरी पर स्थितहै , यह स्थल भी खासा महत्वपूर्ण धार्मिक स्थान है जिसका वर्णन कुछ बौद्ध ग्रंथो में पाया गया है अतः आप इस कुरमा बौद्ध स्थल का दर्शन जरूर करे |
कोणार्क कब जाये
कोणार्क में सबसे ज्यादा गर्मी अप्रैल से लेकर जून तक रहती है और सर्दी अक्टूबर से लेकर फरवरी तक रहती है यहाँ पर मानसून जुलाई- सितम्बर में पड़ता है मेरे हिसाब से पर्यटकों के लिए कोणार्क जाने का सबसे अच्छा समय सर्दी का मतलब अक्टूबर से लेकर फरवरी तक का है वैसे आपकी मर्जी आप चाहे जब जाये |
निष्कर्ष – Conclusion
तमाम किदवंती तमाम ऐतिहासिक बाते और कुछ अनसुलझे रहस्यों को संजोये हुए Konark KA Surya Mandir आज भी भारत के शान का विषय बना हुआ है . यहाँ की शानदार , अद्वितीय , उत्कृष्ट नाख्खाशी बेजोड़ शिल्पकला हर पर्यटक आश्चर्यचकित कर देती है |
अच्छा यहाँ कोई पूजा नहीं की जाती है ऐसा इसलिए की जिन कारीगरों ने इसे बनाया था उनमे से एक मुख्य कारीगर ने किसी कारणवश आत्महत्या कर ली थी तभी से इसे अपशगुन माना गया और यहाँ पूजा ही नही हुई खैर जो भी हो यह Konark Surya Mandir वास्तव में बहुत ही उम्दा धरोहर है ,दोस्तों कैसी लगी कोणार्क का सूर्य मन्दिर क्यों प्रसिद्ध है की पोस्ट आप कमेन्ट करके अवश्य बताये |
रोचक जानकारी कोणार्क सूर्य मंदिर के अलावा भी कई टूरिस्ट स्थल बताये गए है ये बात अच्छी है
thanku sir keep reading