फर्रुखाबाद जिला में घूमने की जगहे – कैसे जाये , कहाँ रुके , फेमस फ़ूड
फर्रुखाबाद जिला उत्तर प्रदेश का एक ऐसा शहर जो अपने में एक विशाल इतिहास को समेटे हुये है यह शहर गंगा नदी के किनारे बसा हुआ है , इस शहर में स्थित काम्पिल्य का सम्बन्ध महाभारत रामायण काल और जैन धर्म से है , बौद्ध धर्म के लिए यहाँ संकिसा विश्व विख्यात धार्मिक स्थल है |
अगर हम फर्रुखाबाद के पर्यटन स्थल की बात करे तो यहाँ आप संकिसा , कम्पिल , माँ शीतला देवी मन्दिर , संतोषी माता का मन्दिर , जामा मस्जिद , चर्च , गुडगाँव देवी मन्दिर,नीब करोली आश्रम , मठिया देवी मन्दिर , पांडेश्वरनाथ मन्दिर आदि है इसके अलावा यहाँ की दालमोठ और आलू की खेती भी बड़ी प्रसिद्ध है |
फर्रुखाबाद जिला के बारे में
उत्तर प्रदेश के इस शहर की स्थापना मोहम्मद खां बंगश ने करवाई थी और यह नाम उन्होंने सम्राट फरुखशियर के नाम पर रखा था , इस जिले में तीन नदिया है एक गंगा दूसरी काली नदी तीसरी रामगंगा , फर्रुखाबाद के समीपवर्ती जिलो में मैनपुरी , हरदोई , शाहजहांपुर , बदायूं , एटा , कन्नौज है |
इस शहर में रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड दोनों ही है , पर्यटन के दृष्टिकोण से इस फर्रुखाबाद जिला में कई प्राचीन मन्दिर है यहाँ मस्जिदे भी है , गुरूद्वारे भी है चर्च भी है इसके अलावा भगवान बुद्ध की धार्मिक स्थली संकिसा भी यही है और काम्पिल्य जिसका नाता रामायण और महाभारत से है यह क्षेत्र भी यही है |
यह शहर मुख रूप से आलू की खेती के लिए जाना जाता है इसके अलावा यहाँ नमकीन भी बनाई जाती है और यहाँ जरदोजी का भी काम बड़े स्टार पे होता है जरदोजी मतलब लहंगा इत्यादि में कढाई का काम |
फर्रुखाबाद कैसे पहुंचे – How to reach Farrukhabad in Hindi
यह शहर उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख जिला है जिसकी प्रदेश की राजधानी लखनऊ से दूरी लगभग 180 किलोमीटर है और कानपुर से फर्रुखाबाद की दूरी लगभग 140 किलोमीटर है , ताज नगरी आगरा से फर्रुखाबाद की दूरी लगभग 200 किलोमीटर है |
~ यदि आप हवाई मार्ग से फर्रुखाबाद आना चाहते हो तो आपको बता दे कि यहाँ का नजदीकी एअरपोर्ट कानपुर का है जिसकी दूरी महज 126 किलोमीटर है इसके अलावा आप लखनऊ एअरपोर्ट और आगरा एअरपोर्ट से भी यहाँ तक आसकते हो |
~ यदि आप रेल मार्ग से आना चाह रहे है तो फर्रुखाबाद में एक रेलवे स्टेशन भी है लेकिन यहाँ से ज्यादा ट्रेन नहीं है तो यहाँ का सबसे नजदीकी बड़ा रेलवे स्टेशन बरेली है इसके अलावा आप शाहजहांपुर , कानपुर या लखनऊ तक भी ट्रेन से आ सकते हो |
~ यदि आप सड़क मार्ग से फर्रुखाबाद आने का विचार बना रहे हो तो यह शहर सड़क मार्ग से भारत के सभी प्रमुख शहरो से कनेक्टेड है यहाँ से आगरा , कानपुर , दिल्ली , लखनऊ आदि शहरो के लिए तो डाईरेक्ट बसे है इसके अलावा आप अपने साधन से भी बड़ी ही आसानी से यहाँ आ सकते है |
~ अच्छा शहर के अन्दर की घुमक्कड़ी के लिए यदि आप अपने साधन से है तब तो नो फिकर लेकिन यही आप बस ट्रेन इतादी से यहाँ आ गए हो तो फर्रुखाबाद जिला में आपको टेन्शन लेने की जरूरत नहीं है यदि आपके पास पर्याप्त बजट है तो आप एक कार बुक कर ले और मजे से घूमे बजट कम है तो आप एक ऑटो बुक कर ले और मजे से घूमे यदि और भी बजट कम है तो ऑटो टेम्पो बस का सहारा ले और मजे से ही घूमे |
कहा रुके Where to stay in Farrukhabad in Hindi
अब यह सवाल भी आम है और इसका जवाब भी आम ही है फर्रुखाबाद एक शहर है तो यहाँ आपको आपके बजट के अनुसार होटल मिल जायेंगे ज्यादा बड़ा शहर तो है नहीं तो यहाँ के ज्यादातर होटल औसत मूल्य के ही है बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन के पास तमाम होटल है कुछ धर्मशालाए भी है रुकने की यहाँ आपकी व्यवस्था बड़े आराम से हो जाएगी |
Places to visit in Jila Farrukhabad in Hindi – फर्रुखाबाद जिला के पर्यटन स्थल
माँ शीतला देवी मन्दिर बढपुर
सबसे पहले मै बस स्टैंड के नजदीक ही स्थित माँ शीतला देवी के मन्दिर में गया जो की फरुक्खाबाद का एक प्राचीन मन्दिर है और यह बढपुर नामक जगह पर है इसे बढपुर मंदिर भी कहते है , माँ शीतला देवी मन्दिर अत्यधिक भव्य और विशाल है , इस मन्दिर में मुंडन संस्कार जैसे कार्यक्रम हुआ करते है |
माँ शीतला देवी मन्दिर फर्रुखाबाद जिला का एक प्रख्यात मन्दिर है इस मन्दिर प्रांगण में अन्य छोटे छोटे मन्दिर भी है यहाँ नवरात्र में तो बहुत ही ज्यादा भीड़ होती है , इस मन्दिर में मुख्य द्वार पे प्रसाद की ढेरो दुकाने है आप प्रसाद खरीदकर प्रसाद वाली दूकान पे अपने जूते चप्पले इत्यादि उतरकर अन्दर प्रवेश करे |
अच्छा इस मंदिर के समीप ही एक माँ संतोषी देवी का मंदिर है जिसका भी एक भव्य गेट बना है जिसपे लिखा है जय संतोषी माता मन्दिर आप यहाँ रुक्के संतोषी माता के भी दर्शन जरूर कर ले |
सिटी चर्च फर्रुखाबाद जिला में घूमने की जगह
शहर में मध्य में नेहरु रोड पे ही बस स्टैंड से महज कुछ ही दूरी पर एक चर्च है जोकि देखने में अत्यंत सुन्दर लगती है परन्तु प्राप्त जानकारी के अनुसार यह सिर्फ रविवार को ही ओपन होती है यदि आप फर्रुखाबाद रविवार के दिन जाए तो इसे भी विजित कर सकते है यह एक सकून वाली जगह है |
जामा मस्जिद
सिटी चर्च के सामने ही फर्रुखाबाद जिला की एक जानी मणि मस्जिद है जिसे जामा मस्जिद कहते है यह मस्जिद अफेद रंग की एक भव्य मस्जिद है और जमीन से थोड़ी से उंचाई पर बनी है जिसके लिए आपको 8-10 सीढियां चढ़नी होंगी आप अपने चप्पल जूते नीचे सीढियों पर ही उतार दे और मस्जिद में जाये |
गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा फर्रुखाबाद का पर्यटन स्थल
इस शहर में कई गुरुद्वारे भी है जिनमे से एक है गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा जो की चोक में लोहाई रोड पर स्थित है व्यक्तिगत रूप से मै गुरुद्वारा पे मत्था टेकने जरूर जाता हूँ |
पांचाल घाट या घटिया घाट फर्रुखाबाद का गंगा घाट
यह शहर गंगा नदी के किनारे पर स्थित है तो जाहिर सी बात है कि यहाँ आपको गंगा घाट भी मिलेंगे तो यहाँ का प्रमुख घाट घटिया घाट (पांचाल घाट) के नाम से जाना जाता है , यहाँअत्यधिक भीड़ होती है , पांचाल घाट को ही घटिया घाट भी कहते है |
यहाँ के घाटों पर बहुत से लोग गंगा स्नान करने आते है , व्यवस्थाये भी यहाँ की औसत दर्जे की ठीक ठाक है घाट न ही ज्यादा गंदे है न ही बहुत ज्यादा साफ़ कुल मिलाके आप यहाँ स्नान कर सकते हो बहुत से लोग यहाँ अपनी झोपडी लगाकर रहते भी है |
गुडगाँव देवी मंदिर फर्रुखाबाद जिला में घूमने की जगह
फर्रुखाबाद से अलीगंज रोड पर शहर से बाहर यह प्राचीन मन्दिर स्थित है स्थानीय लोगो में इस मन्दिर का विशेष महत्त्व है , गुडगाँव देवी मंदिर का प्रांगण अत्यन्त विशाल है यहाँ एक छोटा सा पार्क भी बना हुआ है जिसमे कुछ झूले भी है |
इसके अलावा यहाँ एक गुरु धाम नाम से ईमारत है जिसमे ढेर सारे हाल कमरे बने हुये है जहाँ छोटे मोटे फक्शन जैसे सगाई , सत्संग इत्यादि भी होते रहते है |
यह मन्दिर मुख्यतः माँ मंगला गौरी देवी को समर्पित है , इस मंदिर में भक्तो के बैठने के लिए बढ़िया झोपडीनुमा डिजाईन का स्थान है जिसमे सीटिंग की भी व्यवस्था तो आप आराम से वहां बैठ सकते है |
काली माता मन्दिर फर्रुखाबाद का पर्यटन स्थल
गुडगाँव देवी मंदिर के समीप ही एक अन्य एतिहासिक मंदिर है जिसका सम्बन्ध महाभारत काल से इस काली माँ के मन्दिर में महाबली भीम की विशालकाय गदा गडी हुई है जिसका कुछ भाग तो जमीन के ऊपर है जो हमें दिखाई देता है बाकी की गदा जमीन के अन्दर है यदि आपके पास समय है तो आप यहाँ भी दर्शन कर ले |
कम्पिल फर्रुखाबाद का दर्शनीय स्थल
कम्पिल फर्रुखाबाद जिला का एक ऐसा तीर्थ स्थल है जहाँ महाभारत काल का द्रोपदी कुण्ड है रामायण काल का श्री रामेश्वर नाथ मन्दिर है सतयुग का कपिल मुनि आश्रम है और यहाँ एक 13 मंजिला मंदिर भी है इसके अलावा यह स्थल जैन धर्म के 13वी तीर्थंकर श्री विमलनाथ जे की जन्मस्थली भी है तो यहाँ जैन मंदिर भी है |
कम्पिल की अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करे – Kampil
संकिसा फर्रुखाबाद जिला में घूमने की जगह
जिला फर्रुखाबाद में स्थित संकिसा जो की मोहम्मदाबाद के समीप है एक बौद्ध धर्म स्थल है जहाँ कई सारे बुद्ध जी के अति सुन्दर मन्दिर है यहाँ के मुख्य मंदिरों में माँ विषहरी देवी मन्दिर , म्यामार मंदिर , जापानी मंदिर , कम्बोडिया मंदिर प्रमुख है |
संकिसा की सम्पूर्ण जानकारी के लिए आप यहाँ क्लिक करे – Sankisa Farrukhabad
माँ वैष्णो देवी मन्दिर
इस तरह का मन्दिर मैंने अपनी जिंदगी में पहली बार देखा यह फर्रुखाबाद जिला के भोलेपुर फतेहगढ़ में सहित है लेकिन मेरा दुर्भाग्य की मै करीब 1 बजे यहाँ आया तो मन्दिर बंद हो गया था और शाम को दुबारा 4 बजे इसे खुलना था खैर जाने दीजिये |
आइये बताते है आपको माँ वैष्णो देवी मंदिर की विशेषता तो यह मन्दिर एक हॉस्पिटल में है जी बिलकुल सही बोल रहा हु गर्रुखाबाद के भोलेपुर में तिवारी नर्सिंग होम जो की डॉक्टर राकेश तिवारी का है इस नर्सिंग होम की सातवी मंजिल पर माँ वैष्णो देवी का भव्य मंदिर है |
डॉक्टर साहब ने इस मन्दिर को बिलकुल कटरा वाले माँ वैष्णो देवी मंदिर की तरह बनवाने की कोशिश की है यहाँ भी आपको चढ़ाई का एहसास होगा बस ये चढ़ाई अस्पताल से होगी मुख्य मंदिर में माँ वैष्णो देवी माँ काली माँ सरस्वती माँ लक्ष्मी की प्रतिमाये स्थापित है |
नवरात्र में यहाँ आपको अत्यधिक भीड़ देखने को मिलती है तो आप इस अलग तरीके के मन्दिर के दर्शन जरूर करे मंदिर का पता तिवारी नर्सिंग होम भोलेपुर फतेहगढ़ है |
माँ वैष्णो देवी मन्दिर के समीप ही एक हनुमान जी का अति प्राचीन मंदिर है जिसमे बजरंगबली की एक विशालकाय प्रतिमा स्थापित है यह प्राचीन हनुमान मन्दिर भी फर्रुखाबाद के स्थानीय लोगो में विशेष महत्त्व रखता है खासकर मंगलवार के दिन यहाँ भक्तो का ताँता लगा रहता है |
नीब करोरी धाम फर्रुखाबाद का दर्शनीय स्थल
नीब करोरी धाम या आप नीम करोली धाम भी बोल सकते हो यहाँ पर महाराज जी का आश्रम और गुफा है दूर-दूर से लोग यहाँ पर आते है यह स्थल फर्रुखाबाद से मोहमदाबाद संकिसा वाले रोड पर है यहाँ एक गुफा में बाबा ने तपस्या की थी |
एक और मान्यता है कहते है की इस आश्रम में जो हनुमान जी की प्रतिमा है वह स्वयं बाबाजी ने ही अपने हाथो से बनाई थी , नीब करोरी धाम फर्रुखाबाद जिला का एक अति पावन धाम है और अत्यंत सुन्दरता से बनाया गया है तो कोशिश अरे आप यहाँ जरूर आये |
पांडाबाग़ मन्दिर या श्री पाण्डवेश्वरनाथ मन्दिर
श्री पाण्डवेश्वरनाथ मन्दिर मूल रूप से शिवजी को समर्पित है यह फर्रुखाबाद रेलवे स्टेशन से ज्यादा दूर नहीं है इस मन्दिर का सम्बन्ध महाभारत काल से है कहते है इसी स्थल पर पाण्डव कुछ दिन रुके थे , पाण्डवेश्वरनाथ मन्दिर अत्यंत भव्य और शानदार बना है इसका जो मुख्य मन्दिर है उसमे एक शिवलिंग स्थापित है वहा जो मंदिर का नाम लिखा है वह है श्री शिवाला पाण्डेश्वरनाथ महाराज मन्दिर |
इस मुख्य मंदिर के बिलकुल पीछे एक और भव्य मंदिर बना है जिसमे द्वादश ज्योतिर्लिंग स्थापित है इस द्वादश ज्योतिर्लिंग वाले मन्दिर की डिजाईन भी बेहद खूबसूरत है , श्री शिवाला पाण्डेश्वरनाथ महाराज मन्दिर में भक्तो के बैठने के लिए जगह जगह पर बेंच पड़ी हुई है आप आराम से यहाँ पर अपना समय व्यतीत कर सकते है और यहाँ के शांत दिव्य वातावरण का आनंद ले सकते है |
आपको बता दे कि यहाँ पर और भी कई छोटे छोटे मन्दिर बने हुये है जहाँ भी आप दर्शन कर ले कुल मिलाकर श्री पाण्डवेश्वरनाथ मन्दिर की संरचना अत्यधिक उत्कृष्ट है यहाँ का प्रांगण भी साफ़ सुथरा और सुन्दर है और इस मन्दिर की स्थानीय लोगो में मान्यता भी खूब है तो यहाँ तो आपको आना ही है |
मठिया देवी मन्दिर फर्रुखाबाद का पर्यटन स्थल
श्री पाण्डवेश्वरनाथ मन्दिर से थोड़ी ही दूरी पर फर्रुखाबाद जिला का एक और मन्दिर स्थित है जिसकी खासियत यह है की यह सड़क के बीचोबीच पे स्थित है वैसे तो यह मंदिर माता सिद्धदाती भगवती दुर्गा जी का है परन्तु इसे सब मठिया देवी के नाम से जाना जाता है , मठिया देवी मन्दिर में चारो तरफ अलग अलग देवी देवताओ की प्रतिमाये है यहाँ भी आप दर्शन करके भगवती मठिया देवी का आशीर्वाद जरूर ले |
ये तो मैंने आपको फर्रुखाबाद जिला के खास खास जगहों की जानकारी दे दी इसके अलावा इस शहर में कई गुरुद्वारे और मस्जिदे है मकबरे भी है लेकिन मकबरे बहुत ही जर्जर अवस्था में है अच्छा यहाँ एक सूर्य नारायण मंदिर भी है |
शहर फर्रुखाबाद के स्ट्रीट फ़ूड और शॉपिंग
उत्तर प्रदेश का फर्रुखाबाद जिला मुख्य रूप से आलू की खेती के लिये जाना जाता है इस लिए यहाँ पर आपको जगह जगह पर आलू पापड़ी मिलती है , यहाँ मिलने वाली आलू पापड़ी में जो पापड़ी होती है वो मैदा की होती है बाकी इसमें आलू प्याज टमाटर मसाले आदि डालकर स्वादिष्ट पापड़ी बना दी जाती है हालाँकि मुझे तो यह कोई बहुत खास नहीं लगी फिर भी यहाँ यह प्रसिद्ध है |
फर्रुखाबाद की नमकीन भी बड़ी पोपुलर है यहाँ नमकीन बनाई जाती है आपको इस शहर में कई जगहों पर नमकीन की बड़ी बड़ी दुकाने दिखाई देंगी जहाँ तमाम तरह की नमकीन की वेराइटी उपलब्ध है यहाँ के रेंज नमकीन की वही 140 रूपये पर केजी से शुरू होते है |
यहाँ की सेम के बीज की नमकीन भी बड़ी फेमस है और महँगी भी है यहाँ के स्थानीय लोगो से मुझे एक दुकान का नाम पता चला जो काफी पुरानी थी नाम दुकान का सूर्या नमकीन था और वही पास में ही एक किशन नमकीन भण्डार करके दुकान भी थी |
इसके अलावा फर्रुखाबाद जिला में तमाम रेस्टोरेन्ट आदि है जहाँ आप अपने हिसाब से खा पी सकते हो , अच्छा अब शापिंग की बात करे तो इस जनपद में आपको तमाम बड़े शोरूम जैसे विशाल मेगामार्ट , रेड चीफ , फर्स्ट क्राई , वी मार्ट आदि मिल जायेंगे बाकी यहाँ के नेहरू रोड की मार्किट भी बढ़िया है यहाँ आपको जरूरत का हर एक सामान मिल जायेगा |
फर्रुखाबाद जिला के मेले – रामनगरिया मेला
पांचाल घाट पर हर साल रामनगरिया मेले का आयोजन होता है यह एक बहुत ही बड़ा मेला होता है , कई किलोमीटर में यह मेला लगाया जाता है बहुत से लोग यहाँ एक महिना रुककर गंगा किनारे मढैया बनाकर कल्पवास में रहते है इस मेले में तमाम साधु सन्त लोगो के पंडाल लगते है जगह जगह पर कथा भागवत होती है |
रामनगरिया मेला लगभग एक महीने का होता है और यह माघ के महीने में आयोजित किया जाता है इसलिए इसे माघ मेला भी कहा जाता है यहाँ तमाम लोग एक महिना मढैया बनाकर कल्पवास में रहते है यह एक अद्भुत मेला है |
फर्रुखाबाद में घूमने से सम्बन्धित प्रश्न
फर्रुखाबाद जिला उत्तर प्रदेश राज्य में है |
फर्रुखाबाद का निर्माण नवाब मोहम्मद खान बंगश ने करवाया था |
फर्रुखाबाद की उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से दूरी लगभग 180 किलोमीटर है |
फर्रुखाबाद की उत्तर प्रदेश के शहर कानपुर से दूरीलगभग 140 किलोमीटर है |
फर्रुखाबाद जिला में घूमने के लिये संकिसा , कम्पिल , माँ शीतला देवी मन्दिर , संतोषी माता का मन्दिर , गुडगाँव देवी मन्दिर,नीब करोली आश्रम , मठिया देवी मन्दिर , पांडेश्वरनाथ मन्दिर आदि है |
आलू की खेती के लिये उत्तर प्रदेश का फर्रुखाबाद शहर प्रसिद्ध है |
फर्रुखाबाद में आलू की खेती , नमकीन , आलू पापड़ी फेमस है |
संकिसा |
फर्रुखाबाद में घटिया घाट / पांचाल घाट अत्यधिक प्रसिद्ध है |
फरूखाबाद का रामनगरिया मेला बहुत ज्यादा प्रसिद्ध है |
जी हां फर्रुखाबाद की कायमगंज तहसील से 10 किलोमीटर आगे कम्पिल में कपिल मुनि का आश्रम है |
फर्रुखाबाद घूमने का यात्रा कार्यक्रम | फर्रुखाबाद किस तरह से घूमे
सबसे पहले आप बस स्टैंड के समीप स्थित माता संतोषी देवी मंदिर और माता शीतला देवी के दर्शन करे उसके बाद निकल ले चर्च ककी तरफ वाही पास में जामा मस्जिद है आप यह मस्जिद देखके समीप में ही चौक में सूर्या नमकीन का स्वाद ले और पास में ही एक गुरुद्वारा है वहां जाये इसके बाद आप निकल ले गुडगाँव देवी मन्दिर की और इस मन्दिर के दर्शन करने के बाद आप जाये कायमगंज और कायमगंज से कम्पिल शाम को आप कम्पिल की समस्त धार्मिक स्थल देखे रात्रि विश्राम कायमगंज में करे यहाँ आपको होटल और धर्मशाला मिल जाएँगी |
अगले दिन सुबह कायमगंज से संकिसा निकल ले थोडा जल्दी निकलिएगा जिससे आप 8 बजे सुबह संकिसा पहुँच जाये संकिसा के समस्त मन्दिर देखके आप फर्रुखाबाद की तरफ आये औररास्ते में ही मोहमदाबाद नाम की जगह पर नीब करोरी बाबा आश्रम है वहा भी दर्शन कर ले फिर फर्रुखाबाद आकर फतेहगढ भोलेपुर का तिवारी नर्सिंग होम वाला माँ वैष्णो देवी मंदिर और वही पे प्राचीन हनुमान मंदिर के दर्शन करे |
अब आप फर्रुखाबाद जिला के रेलवे स्टेशन के समीप स्थित श्री पाण्डवेश्वर नाथ मंदिर के दर्शन करे और फिर वही पास में स्थित माँ मठिया देवी के भी दर्शन करे मैंने आपको मोटा मोटा आईडिया दे दिया बाकी आप अपने हिसाब से प्लान कर ले हा ध्यान दे मन्दिरों के खुलने के समय से ही प्लान बनाये |
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