Jaipur me Ghumne ki Jagah- जयपुर दर्शनीय स्थल
Jaipur me Ghumne ki Jagah- जयपुर दर्शनीय स्थल
Jaipur me Ghumne ki Jagah की इस पोस्ट में सबसे पहले जयपुर को जानते है , जयपुर एक ऐसा शहर जो की भारत की तमाम ऐतिहासिक धरोहरों को संजोये हुए है अपने देश के गौरवमय इतिहास को यदि आपको महसूस करना हो तो जयपुर जिसे PINK CITY ( गुलाबी शहर ) भी कहा जाता है आपके लिए एक अच्छा विकल्प है , यदि हम जयपुर दर्शनीय स्थल की बात कर रहे है तो इस शहर में बहुत से महल , किले आदि है जिनके बारे में हम आपको आगे की पोस्ट में बताएँगे |
राजस्थान राज्य की राजधानी जयपुर टूरिज्म के लिए काफी जाना जाता है इस PINK CITY ( गुलाबी शहर ) का निर्माण सन 1727-28 में महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने करवाया था या यूँ कहे की बसाया था इसीलिये इस शहर का नाम उन्ही राजा जयसिंह के नाम पर जयपुर पड़ गया |
यह नगर अत्यन्त हरियाली को समेटे हुए है और तीन तरफ से अरावली पर्वत श्रंखलाओ से घिरा हुआ है अच्छा Jaipur me Ghumne ki Jagah के हिसाब से यह शहर पूरा ऐतिहासिक है यहाँ आपको बड़े बड़े शानदार अचम्भित कर देने वाली वास्तुकला से निर्मिल महल , किले , अनेको संग्रहालय , बाग बगीचे आदि देखने को मिल जायेंगे सीधी सी बात है यहाँ आपको राजसी ठाठ बाठ का एहसास होगा तो इतिहास के शौक़ीन लोगो के लिए जयपुर किसी जन्नत से कम नहीं है |
जयपुर कैसे पहुचे
जयपुर भारत का एक काफी प्रसिद्ध शहर है जयपुर पहुचना बहुत ही आसान है यह शहर भारत के सभी शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है –
- यदि आप वायुमार्ग से PINK CITY JAIPUR जाने की सोच रहे है हम आपको बता दे यह शहर भारत के समस्त बड़े शहरो से जुड़ा हुआ है , यहाँ का हवाई अड्डा सांगानेर जयपुर इंटरनेशनल एअरपोर्ट नाम से जाना जाता है और यह शहर से लगभग 13-14 किलोमीटर की दूरी पर है , इस एअरपोर्ट का IATA कोड JAI है |
- यदि आप रेल मार्ग का रुख कर रहे है तो इसमें भी यह शहर आपको निराश नहीं करेगा अपने देश के विभिन्न शहरो से जयपुर के लिए ट्रेन चलती है आप सीधे यहाँ पहुच सकते है यहाँ का रेलवे का कोड JP है |
- सड़क मार्ग से भी यहाँ पहुचना बड़ा आसान है क्यूंकि देश के राष्ट्रीय राजमार्ग से जयपुर जुड़ा हुआ है कई शहरों से यहाँ के लिए सीधी बस सेवाए उपलब्ध है |
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जयपुर में कहाँ रुके
यह शहर राजाओ महाराजाओ का था तो यहाँ की हर एक चीज में अलग ही शानो शौकत है यहाँ रुकने के लिए एक से बढ़कर एक रिसोर्ट , होटल , हवेली आदि है जो आपको बहुत सी डीलक्स सुविधाए देंगी आप अपने हिसाब से मतलब अपने budget के हिसाब से होटल्स चुन सकते है अच्छी तरह से होटल्स के रेट चेक करके ही बुक करे क्यूंकि यहाँ महगाई ज्यादा है |
अच्छा अब यदि आपका बजट कुछ कम तो कहाँ रुके होटल्स तो ज्यादातर महंगे है यहाँ के अरे भाई चिंता न करिए जयपुर की एक और अच्छी बात है की यहाँ पर कुछ धर्मशालाए भी है जो आपको आपके budget में बड़ी आसानी से मिल जाएँगी जिनमे श्री पंचायती धर्मशाला , खंडेलवाल धर्मशाला , श्री मोदी चैरिटेबल धर्मशाला आदि प्रमुख है |
यहाँ आपको यूथ हॉस्टल भी मिल जायेगा जिसकी कीमत लगभग 850 रूपये से शुरू होगी ज्यादा जानकारी आप इनकी वेबसाइट से प्राप्त कर सकते है |
यदि आप चाहे तो राजस्थान टूरिज्म की सरकारी वेबसाइट से भी होटल बुक कर सकते है वहां भी आपको अच्छे होटल मिल जायेंगे , Jaipur me Ghumne ki Jagah जब भी जाये वहां 4-5 दिन रुके जरूर जिससे की पूरा जयपुर आप जान पाये |
Jaipur me Ghumne ki Jagah – जयपुर में घूमने की जगहे
आप जैसे ही जयपुर में प्रवेश करोगे आप अचम्भित हो जाओगे कि क्या कोई शहर इतना रॉयल भी हो सकता है आपको यहाँ जगह जगह पर सपेरे दिखाई देंगे और राजस्थानी लोकल लोगो की अलग वेशभूषा आपको आकर्षित करती है कही कही आपको सजे धजे हाथी , घोड़े दिखाई पड़ेंगे सबसे ज्यादा तो आनंद राजस्थानी लोगो का सेवा भाव से आता उनकी बोली बडी प्यारी लगती है |
बहुत कुछ है घुमने लायक इस PINK CITY में इस लेख में हम कोशिश करेंगे की ज्यादा से ज्यादा पर्यटन स्थलों के बारे में बता सकू परन्तु फिर भी कोई न कोई स्थल रह ही जायेगा क्या करे है ही इतने ज्यादा दार्शनिक स्थल यहाँ पर चलिए शुरू करते है Jaipur me Ghumne ki Jagah के बारे में जानने की –
रामनिवास बाग
रामनिवास बाग जयपुर का एक बड़ा उत्कृष्ट स्थान है इसको सन 1868 में महाराजा सवाई राम सिंह द्वितीय ने बनवाया था इस स्थल पर हमको राजस्थान की लोक संस्कृति की झलक देखने को मिलती है इस रामनिवास बाग में एक चिड़ियाघर भी है और इस बाग में आपको पौधाघर , खेल का बड़ा ही प्रसिद्ध मैदान , केंद्रीय संग्रहालय देखने को मिल जायेंगे |
अच्छा रामनिवास बाग में जो केन्द्रीय संग्रहालय में बना हुआ है इस गज़ब की ईमारत को ब्रिटेन के राजकुमार (जिनका नाम अलबर्ट था ) ने बनवाया था बनवाया क्या था इसकी नीव रखी थी इसीलिए इसे अल्बर्ट हाल का नाम दिया गया यहाँ पर आपको हस्तकला एवं पुरातव उपयोगिता के नमूनों का एक विशाल संग्रह देखने को मिल जायगा |
Jaipur me Ghumne ki Jagah में रामनिवास बाग सांस्कृतिक गतिविधियों में दिलचस्पी रखने वाले पर्यटकों के लिए काफी अच्छी जगह है |
सिटी पैलेस
यह गौरवपूर्ण राजसी ईमारत PINK CITY जयपुर के बीच स्थित है यह ईमारत यहाँ की सबसे भव्य इमारतों में से एक है यहाँ की नक्खाशीदार मेहराब भूरे रंग के संगमरमर के स्तम्भ पर टिके हुए जो की देखते ही बनता है , सिटी पैलेस में एक विशाल संग्रहालय है जिसमे राजपूतो के शस्त्रों का संग्रह है शानदार तलवारे यहाँ की शान को और बढ़ा देती है इस पैलेस की भव्यता की जितनी भी तारीफ की जय कम ही होगी यहाँ की दीवारों पर राजस्थानी कार्य पद्धति की कारीगरी और चित्रकारी , राज परिवार के पोशाको की चित्रकारी देखते ही बनती है |
सिटी पैलेस में दीवान-ए-खास , दीवान-ए-आम , म्यूजियम , आर्ट गैलरी , चन्द्र महल जो की सात मंजिल का है और ठीक चन्द्र महल के सामने गोविन्द देव मंदिर एक अलग ही छाप छोड़ता है तो कभी भी जयपुर आये बिलकुल भी सिटी पैलेस को मिस न करे ऐसा दूसरा पैलेस कही भी नहीं मिलेगा |
सरगा सूली (इसरललाट)
Jaipur me Ghumne ki Jagah के क्रम को आगे बढ़ाते हुए चलते है अब सरगा सूली यह एक टावर है और कहा जाता है की जयपुर यह इसरलाट सबसे ऊँची ईमारत है इसका निर्माण महाराजा इश्वरी सिंह ने करवाया था इसका निर्माण रजा ने अपनी जीत को मनाने के लिए किया था यह जयपुर में त्रिपोलिया गेट के पास है |
रामबाग पैलेस
रामबाग पैलेस की कहानी कुछ इस तरह है की पहले तो ये एक बाग हुआ करता था जिसे किसी महारानी की दासी को उपहार स्वरुप दे दिया गया था कहा जाता है या समूचे विश्व का अकेला ऐसा महल है जिसका व्यक्तिगत पोलो ग्राउंड है |
जंतर मंतर (वेधशाला )
हमारे देश के राजा महाराजा काफी पढ़े लिखे थे ये जो जंतर मंतर वेधशाला है इसका निर्माण महाराजा सवाई जयसिंह ने करवाया था और ये महाराजा एक उत्तम खगोलशास्त्री व महान गणितज्ञ भी थे ,Jaipur me Ghumne ki Jagah में जंतर मंतर का भी अहम् योगदान है महाराजा जयसिंह को खगोल विज्ञान में कुछ खास दिलचस्पी थी इस वेधशाला एक धूपघडी भी है और यहाँ पर एक ऐसा यन्त्र भी रखा हुआ है जिससे तारो की दूरी नापी जाती है उस समय महाराजा ने ऐसे ऐसे उपकरण बनाये जिनसे हम तारो की स्थिति व उसके पास होने वाली गतिविधियों पर नजर रख सके यहाँ का रामयंत्र भी काफी जाना माना यन्त्र है सच में महाराजा जयसिंह ने उस समय में भी अपनी काबिलियत के बलबूते समूचे विश्व में भारत की शान को बढाया है यह वेधशाला सिटी पैलेस के समीप ही है |
गुड़िया संग्रहालय
जयपुर में घूमने का यह स्थान भी पर्यटन के लिए एक अद्भुत स्थल है यहाँ पर एक से बढ़कर एक मन को मोह लेने वाली गुड़ियों का संकलन है यह स्थान जयपुर की पुलिस स्मारक के नजदीक ही है वैसे यहाँ बच्चे बड़े बूढ़े जाते तो सब है पर यदि आपके साथ कोई बच्चा है तो आप गुड़िया घर अवश्य जाय |
हवा महल
हवा महल Jaipur me Ghumne ki Jagah का एक ऐसा पर्यटन स्थल जो आज की दिनांक में जयपुर की आन बान शान बन चुका है हवा महल भारत की एक अनोखी ऐतिहासिक धरोहर है इस स्थल को राजा सवाई प्रताप सिंह ने बनवाया था यह महल पांच मंजिला है इसमें अर्ध अष्टकोण के झरोखे और उनमे लगी बहुत ही बारीक जालियां बहुत सुन्दर लगती है हवा महल पांच मंजिल का है परन्तु यहाँ सीढियां एक भी नहीं है यहाँ आपको ऊपर जाने के लिए ढलान का इस्तेमाल करना होता है कहा जाता है की इस स्थल से राजपूत महिलाये ठंडी ठंडी हवा का आनंद लेती थी और पूरे शहर को देखती थी और बाहर से कोई इन महिलाओ को देख भी नहीं पाता था तो दोस्तों यह भी एक अजूबा ही है ऐतिहासिक अजूबा इसे जरूर देखे |
जयगढ़ किला
जयगढ़ किला भी जयपुर की गरिमा को बढ़ाता है यह स्थल जयपुर शहर से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर अरावली रेंज की एक पहाड़ी पर स्थित है इस किले की सबसे बड़ी शान ‘जयबाण’ तोप है जो कि अपने देश की सबसे बड़ी तोपों में से एक है इस किले में शस्त्रागार , बाग -बगीचे , तोपों का ढलाई घर , मंदिर आदि है कुछ लोग इसे विजय किला भी कहते है इसकी संरचना भी देखने लायक है |
नाहरगढ़ किला
नाहरगढ़ किला को कुछ लोग सुदर्शन गढ़ के नाम से भी जानते है यह जयगढ़ के पीछे वाली पहाडियों पर बना हुआ है यहाँ से जयपुर शहर आप देख सकते है इस किले का निर्माण शहर की सुरक्षा के लिए किया गया था , राजा नाहर सिंह के नाम पर इसका नाम नाहरगढ़ पड़ा |
नाहरगढ़ जैविक उद्यान भी एक विशेष पर्यटन स्थल है यह स्थल अनेको किस्म की वनस्पतियों और जीव-जन्तुओ के लिए जाना जाता है इसका भी आप लुत्फ़ उठा सकते है |
नाहरगढ़ किले के अन्दर जयपुर वैक्स म्यूजियम भी है जहां पर प्रसिद्ध व्यक्तियों की मोम की मूर्तिया रखी हुई है यह भी आपको जरूर देखना चाहिए |
जल महल
जल महल जयपुर में मानसागर झील के बीचो बीच बना हुआ है यह स्थल अरावली पर्वत की श्रंखलाओ के गर्भ में बना हुआ है यहाँ पर पर्यटक खिचे चले आते है इसको महाराजा जयसिंह द्वितीय जी ने बनवाया था , जल महल के कई और भी नाम है जैसे रोमांटिक महल , आई बाल Jaipur me Ghumne ki Jagah में जल महल भी अति महत्वपूर्ण दार्शनिक स्थल है |
इस महल में एक लाख से भी ज्यादा वृक्ष लगे हुए है यहाँ से आपको पहाड़ और झील दोनों दिखाई देते इसीलिए सैलानियों के लिए यह खास आकर्षण है जल महल जाने के लिए जो रास्ता है क्या बताये आनंद ही आ जाता अद्भुत नाव और महल के रास्तो की शानदार सजावट मन को मोह लेती है |
गलताजी
गलताजी जयपुर शहर से लहभग 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक पावन तीर्थ स्थान है एक पुरानी किदवंती के अनुसार प्रतापी ऋषि गलत ने इस स्थान पर कठोर तप किया था इसीलिए इस स्थान का नाम गलताजी पड़ गया यहाँ सूर्य देव का एक छोटा सा मंदिर भी है यह स्थान तीर्थ स्थल के साथ साथ अत्यंत हरा भरा और मनोहर है यहाँ पर एक सुन्दर सा झरना भी है जो पर्यटकों को काफी लुभाता है |
यहाँ एक पावन कुंड भी है मान्यता है कि इस कुंड में स्नान करने से सारे पापो का खात्मा होता है इस स्थल पर बहुत ज्यादा बंदर पाए जाते है इसीलिए इसको बंदरो का मंदिर नाम से भी जाना जाता है , गलताजी Jaipur me Ghumne ki Jagah का एक धार्मिक स्थल है |
मोती डूंगरी
मोती डूंगरी स्थान एक पहाड़ी पर बना हुआ किला है यहाँ का आकर्षण का केंद्र लक्ष्मी नारायण मंदिर है जो की अपनी शानदार नक्खाशी के लिए प्रख्यात है लक्ष्मीं नारायण मंदिर को बिड़ला मंदिर के नाम से भी जाना जाता है यह सफ़ेद संगमरमर से बना एक अत्यंत सुन्दर मंदिर है यह मंदिर मोती डूंगरी के नीचे बना हुआ है , मोती डूंगरी में भगवान गणेश का भी एक प्रसिद्ध मंदिर है इस स्थल के मंदिरों की वास्तुकला श्रेष्ठ है |
समोद
समोद का Jaipur me Ghumne ki Jagah में विशेष योगदान है यहाँ पर श्री वीर हनुमान मंदिर है यह एक पूज्यनीय स्थल है जो की जयपुर शहर से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है समोद को लोग श्री बालाजी के नाम से भी जानते है |
आमेर का किला
जयपुर शहर की एक और ऐतिहासिक धरोहर है आमेर का किला इसे अम्बर किला भी कहा जाता है यह किला जयपुर से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर है इस किले को राजा मान सिंह ने बनवाया था वैसे राजा जयसिंह प्रथम ने इसे पूरा करवाया था इसको बनाने में लाल रंग के पत्थरों सका उपयोग किया गया है |
शीश महल इसी किले में स्थित है और शायद शीश महल का नाम अपने सुना होगा यह एक कांच का बहुत ही भव्य महल है , आमेर का किला एक पहाड़ी पर बना हुआ है इस किले में कई महल बने हुए है जो की अपनी कला कौशल के लिए विख्यात है |
इस किले में घूमने के लिए आपके पास एक अच्छा विकल्प है हाथी की शाही तरीके से सवारी ये हाथी की सवारी आपको समस्त दुर्ग के दर्शन कराएगी यह किला भी अपनी एतिहासिक बनावट के लिए जाना जाता है , अम्बर का किला चार प्रमुख वर्गों में बता हुआ है गणेश पोल , सिला देवी मंदिर , दीवान-ए-खास, दीवान-ए-आम|
सुख निवास भी यहाँ का आकर्षण का केंद्र है , आमेर के किले में सबसे ज्यादा राजपूत शाशको की जीवन शैली को दिखाया गया है |
सिसोदिया रानी का महल व बाग
Jaipur me Ghumne ki Jagah में सिसोदिया रानी का महल का जिक्र करना बहुत जरूरी था यह जयपुर-आगरा वाले मार्ग पर जयपुर से लगभग 8-9 किलोमीटर की दूरी पर है इसका निर्माण राजकुमारी सिसोदिया ने करवाया था परन्तु कुछ जगह मैंने पढ़ा है की इसे राजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने रानी सिसोदिया के लिए बनवाया था खैर इस महल की जितनी तारीफ करे कम ही होगी यहाँ की दीवारों पर अनेको कलात्मत चित्र बने हुए है रास लीला की भी चित्रकारी आपको देखने को मिल जाएगी यहाँ के फव्वारे मन को मोह लेते है |
दिगम्बर जैन मंदिर
यह पावन मंदिर PINK CITY से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर सांगानेर में स्थित है इस मंदिर की जयपुर में बड़ी ख्याति है कहा जाता है की यह अति प्राचीन मंदिर है यह मंदिर सात मन्जिल में बना हुआ है और समस्त मंदिर में लाल रंग के पत्थर का इस्तेमाल किया गया है |
स्टेच्यु सर्किल
यह कोई बहुत बड़ा पर्यटन स्थल तो नहीं है परन्तु इस स्टेच्यु सर्किल का महत्त्व बहुत ज्यादा है समस्त जयपुर का निर्माण करवाने वाले महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय के सम्मान में सी-स्कीम जगह पर एक शानदार और विशालकार मूर्ति बनवाई गई है इसके चारो तरफ एक हरा भरा पार्क है इसे देखकर काफी अच्छा लगता है क्यूंकि ये सही मायने में महाराजा को श्रधांजलि है |
गैन्टोर की छतरियां
यहाँ पर छतरी शब्द का मतलब समाधि से है यह वही ऐतिहासिक स्थल है जहां प्रतापी राजा जयसिंह द्वितीय के अलावा तमाम शाशको की समाधियाँ बनी हुई है, इस स्थल की नक्खाशी अतुलनीय है |
अक्षरधाम मंदिर
जयपुर का जितना महत्त्व अपने एतिहासिक इमारतों के लिए है उतना ही यहाँ के मंदिर का भी है Jaipur me Ghumne ki Jagah में स्वामी नारायण अक्षरधाम मंदिर बेमिशाल है जिस प्रकार PINK CITY JAIPUR के महल अपनी उत्कृष्ट नक्खाशी के लिए विख्यात है उसी तरह यह मंदिर भी अपनी बेजोड़ नक्खाशी से पर्यटकों का मन मोह लेता है |
खरीददारी और व्यंजन – Shopping And Food
देखा आपने ऊपर हमने आपको Jaipur me Ghumne ki Jagah के बारे में विस्तार से बताया अब जब घूम रहे हो आप तो कुछ इस शहर की शोपिंग और खानपान की भी बात कर ली जाय –
इस शहर में आप हाथ से बने आसन और कालीन , जयपुरी रजाई , हस्तशिल्प के सजावटी सामान , संगमरमर की मूर्तियाँ , कपडे , ब्लू पॉटरी आदि खरीद सकते है यहाँ की प्रसिद्ध मार्केट परकोटे की बाजार , सिटी पैलेस के पास की त्रिपोलिया बाजार , बापू बाजार , जौहरी बाजार , चांदपोल , पुरोहित जी का कतला आदि है |
भारतीय कॉफ़ी हाउस यहाँ का एक शानदार रेस्टोरेन्ट है जयपुर में आपको बहुत सारे ढाबे मिल जायेंगे जिनका स्वाद लजीज होगा श्रीखंड , दाल बाटी चूरमा , प्याज कचोरी , चना दाल पराठा आदि जयपुर के प्रमुख व्यंजन है |
जयपुर कब जाये
देखिये जयपुर घूमने का सबसे उपयुक्त मौसम सितम्बर से लेकर मार्च तक का रहता है बाकी अप्रैल मई जून में तो यहाँ पर भयंकर गर्मी पड़ती है |
निष्कर्ष – Conclusion
मै महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय को दिल से धन्यवाद देता हू क्यूँकी यही वो व्यक्ति थे जिनके परिश्रम स्वरूप हमको भव्य , गौरवपूर्ण , रईसाना , रॉयल गुलाबी शहर जयपुर मिला जिसकी प्रशस्ति में जितना भी लिखू कम ही होगा मेरे पास तो इतने शब्द ही नहीं है की जयपुर की तारीफ कर सकू |
दोस्तों कुल मिलाके हम यह कह सकते है की Jaipur me Ghumne ki Jagah के बारे में जानना अनिवार्य था क्यूँकी भारतवासियों के लिए यह पर्यटन स्थल के साथ साथ गौरव भी है | आशा करता हु की जयपुर पर्यटन की यह पोस्ट आपको पसंद आई होगी कृपया इस पोस्ट को शेयर जरूर करे और यदि आपका कोई सुझाव है तो हमे कमेन्ट करके जरूर बताये |
Descriptive post about jaipur tourism
thanku again sir for liking my article
में जयपुर परिवार के साथ घूमने के लिये जा रहा हूँ। वहां लोकल में कौन सा वाहन उपयुक्त रहेगा और सस्ता भी
सर जी ऑटो बुक करिए बेफिक्र घूमिये