Humayun Tomb History in Hindi – हुमायूँ के मकबरे का इतिहास
Humayun Tomb History – हुमायूँ का मकबरा दिल्ली में स्थित है और यह मुग़ल शासक हुमायूँ का मकबरा है इस पोस्ट में हम इस मकबरे के इतिहास से सम्बन्धित बात करेंगे और हुमायूँ का मकबरा किसने बनवाया कब बनवाया जैसे प्रश्नों के उत्तर भी जानेंगे |
इसे एक बात ज्यादा खास बनाती है वह है यह मकबरा भारतीय उपमहाद्वीप का पहला उद्यान मकबरा था इसका निर्माण मुग़ल वास्तुकला में हुआ है , इस मकबरे में हुमायूँ की कब्र के अलावा और भी कई राजशी व्यक्तियों की कब्रे है |
Humayun Tomb History -हुमायूँ के मकबरे का इतिहास
हुमायूँ का मकबरा दिल्ली के पुराने किले पास है और दिल्ली का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जो भी दिल्ली घूमने आता है उसकी लिस्ट में हुमायूँ का मकबरा भी शामिल रहता है हालाँकि आज के दिन यह मकबरा लाल किला , कुतुबमीनार से काफी कम प्रसिद्ध है |
सन 1556 में हुमायूँ की मृत्यु हुई थी और उस समय हुमायूँ दिल्ली के पुराने किले में दफना दिया गया था फिर किन्ही कारणवश तकरीबन 9 साल बाद हुमायूँ के मकबरे का निर्माण का कार्य शुरू हुआ तब हुमायूँ को पुराने किले से लाकर इस मकबरे में दुबारा दफनाया गया था |
Humayun Tomb History
हुमायूँ का मकबरा कब बनाया गया था
यह मकबरा 1565 से बनना शुरू हो गया था और सन 1572 में यह बनकर तैयार हो गया था इस मकबरे को बनाने में लगभग 8 साल लग गए थे , यह मकबरा यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साईट में भी शामिल है |
हुमायूँ का मकबरा किसने बनवाया
यह मकबरा सम्राट अकबर के आदेश पर एक फ़ारसी वास्तुकार ने बनवाया था जिसका नाम मीराक मिर्ज़ा घियाथ था इस कार्य में हुमायूँ की पत्नी ने वास्तुकार की मदद की थी | हुमायूँ की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी को सदमा लग गया था वो काफी दुखी हुई थी तभी उन्होंने अपने शौहर की याद में मकबरा – ए – हुमायूँ बनवाने का प्रयास किया |
इस मकबरे के वास्तुकार मीरक मिर्जा साहब की मृत्यु मकबरे के अधूरे काम के मध्य हो गई थी तो बाकी का काम इन्ही के पुत्र सैय्यक मुहम्मद इब्र ने किया था |
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वास्तुकला
आइये अब हुमायूँ के मक्बरे के वास्तुकला को थोडा सा जान लेते है तो यहाँ पर जो सबसे प्रमुख ईमारत बनी है वही हुमायूँ का मकबरा है और यहाँ पर सिर्फ हुमायूँ की ही कब्र ही नहीं अपितु उनकी बेगम सहित बहुत सी कब्रे है , इस मकबरे में कई छोटे छोटे स्मारक भी बने हुये है |
इस मकबरे की दीवारों पर की गई कलाकृतियाँ बहुत ही सुन्दर है इस मकबरे में ज्यादातर चूना और पत्थर का उपयोग किया गया है और इसे लाल बलुआ पत्थरो से बनाया गया है इसकी जो दीवारे है उन पर सफ़ेद रंग का संगमरमर लगा हुआ है |
इस मकबरे की जो सबसे खास बात है वह इसका चार बाग़ गार्डन जो की उस समय का पहला ऐसा मकबरा था जिसमे यह चार बाग़ गार्डन हो लगभग 30 एकड़ में बना यह चारबाग़ शैली का गार्डन बहुत ही सुन्दर दिखाई देता है |
यह उद्यान बहुत ही भव्य है इसमें चार भाग में पैदल पथ है और दो भाग में जल नलिकाए है अरे ऐसे क्या लिखू जब आप जाओगे तब देखोगे इसकी गज़ब की वास्तुकला , इस मकबरे में एक हम्माम भी है जिसका उप्योह पहले स्नान हेतु किया जाता था |
आज यह मकबरा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीन है यह मुग़ल वास्तुकला से प्रेरित मकबरा है अगर हम इस मकबरे के खास खास जगहों की बात करे तो हुमायूँ के मकबरे में स्थित ईसा खान का मकबरा , नीला गुम्बद , चारबाग , अरब सराय , हुमायूँ के नाई का मकबरा आदि खास है |
यदि हम इस मक्ब्रेकी लोकेशन की बात करे तो यह दिल्ली में निजामुदीन रेलवे स्टेशन से महज 4 किलोमीटर की दूरी पर है आप हज़रात निजामुदीन मेट्रो स्टेशन से भी यहाँ आ सकते है |
तो अब यदि आप दिल्ली से है या दिल्ली घूमने आते है तो एक बार हुमायूँ का मकबरा भी देख सकते है |
पुरानी दिल्ली में हज़रत निजामुदीन एरिया में |
अकबर और हुमायूं की बेगम के आदेश अनुसार वास्तुकार मीराक मिर्ज़ा घियाथ ने इसे बनवाया |
पोस्ट पढ़िए आपको मकबरे से सम्बंधित समस्त इतिहास मिलेगा |
1565 से बनने का कार्य शुरू हुआ था और 1572 में यह मकबरा बन गया था |
मीराक मिर्ज़ा घियाथ |
हमीदा बानो
हुमायूँ की मृत्यु सन 1556 में हुई थी उस समय हुमायूँ की दिल्ली के पुराने किले में दफना दिया गया था फिर अकबर और हुमायूँ की बेगम ने 1565 से मकबरा बनवाने का कार्य शुरू किया जो की 1572 में बन गया तब हुमायूँ को इस नए मकबरे में दफनाया गया था |
Humayun Tomb History की यह सभी जानकारी हमने इतिहास की पुस्तकों और इन्टरनेट की मदद से ली है कोई त्रुटी हो तो माफ़ करियेगा |