History of Omkareshwar – ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग का इतिहास पौराणिक कथा
History of Omkareshwar – सबसे पहले यह जान लीजिये कि 12 ज्योतिर्लिंग में से एक ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग भारत के मध्य प्रदेश के खंडवा क्षेत्र में नर्मदा नदी के मन्धाता शिवपुरी द्वीप पर स्थित है , इस पवित्र ज्योतिर्लिंग से जुड़ी कई पौराणिक कथाये है जिनके बारे में आज की यह पोस्ट है |
History of Omkareshwar in Hindi
हम आपको इस पोस्ट में ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग से जुड़ी हुई सभी पौराणिक कथाओ History of Omkareshwar को विस्तृत में बताएँगे उससे पहले आप थोडा सा इस ज्योतिर्लिंग के बारे में जान लीजिये देखिये यह ज्योतिर्लिंग खंडवा जिले में है और जिला मुख्यालय से लगभग 70 किलोमीटर दूर है वही मध्य प्रदेश के इन्दोर से ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग महज 85 किलोमीटर है और खंडवा इन्दोर दोनों ही रेलवे स्टेशन है तो आप आराम से यहाँ आ सकते है |
एक और महतवपूर्ण बात यहाँ पर ओम्कारेश्वर और ममलेश्वर दो शिवलिंग है और इन दोनों को एक ही ज्योतिर्लिंग माना जाता है हिन्दू धर्म में ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग का अत्यधिक महत्त्व है इसके साथ साथ यहाँ बहने वाली नर्मदा नदी का भी विशेष महत्त्व है , माँ नर्मदा में स्नान करना भी पुण्य का कार्य है |
अब बात करते है History of Omkareshwar की देखिये यदि हम ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग के इतिहास की बात करे तो इससे जुड़ी कई पौराणिक कथाये हमको सुनने को मिलती है आइये हम एक एक करके इन कथाओ को जान लेते है –
शिव भक्त कुबेर से जुड़ी हुई पौराणिक कथा – Omkareshwar History in Hindi
आप सभी कुबेर देवता को जानते है जो कि हिन्दू धर्म में धन के देवता कहे जाते है कहा जाता है कि इस मंदिर में कुबेर जी ने शिव भगवान की घोर तपस्या की थी इसी तपस्या से शिवजी ने प्रसन्न होकर कुबेर देव को धनपति बनाया था कहते है की कुबेर देव के स्नान हेतु शिवजी ने अपनी जटाओ से कावेरी नदी को उत्पन्न किया था और कावेरी नदी आगे जाकर नर्मदा नदी में मिलती है इस जगह को ही कावेरी- नर्मदा संगम कहते है |
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नारद मुनि और विन्ध्याचल पर्वत से जुड़ी कथा – Omkareshwar History in Hindi
आप सब नारद मुनिको तो जान्तेहिहाई वह सम्पूर्ण संसार में भ्रमण किया करते थे एक बार नारद मुनि भ्रमण करते हुये विन्ध्याचल पर्वत पर पहुँचते है , तो विन्ध्याचल पर्वत ने नारद मुनि का स्वागत किया और बोला कि मेरे पास हर एक चीज है समस्त सम्पदा मेरे पास है मै सर्वगुण सम्पन्न हूँ , नारद मुनि विन्ध्याचल पर्वत की घमण्ड से भरी बातो को सुनकर एक लम्बी सांस ली और शान्त भाव से खड़े रहे |
अब विन्ध्याचल पर्वत बोला हे मुनिवर आपको मेरे पास ऐसी कौन सी कमी दिखाई दी है जो की आपने इतनी लम्बी सांस ली इस पर नारद मुनि बोले मै मानता हु तुम्हारे पास हर एक सम्पदा है लेकिन तुम सुमेरु पर्वत से ज्यादा ऊँचे नहीं हो इतना बोलकर नारद मुनि वहां से चले गये और विन्ध्याचल पर्वत मन ही मन बड़ा दुखी हुआ |
अब क्या था विन्ध्याचल पर्वत ने शिवजी की तपस्या करनी शुरू कर दी और एक शिवलिंग स्थापित किया और लगातार ६ महीने तक घोर ताप किया शिवजी प्रसन्न होकर वहां प्रकट हुये और बोले मै तुमसे प्रसन्न हु तुम जो वरदान चाहो वो मांग लो , विन्ध्याचल पर्वत बोला हे भगवन आप मुझे बुद्धि का वरदान दे जो कि मेरे कार्य सिद्ध करने वाली हो तो भोलेनाथ ने कहा ठीक है मै तुम्हे वरदान देता हु तुम जिस प्रकार का कार्य करना चाहते हो वह सिद्ध हो |
यही पर सभी देवता और ऋषि मुनि भी आ गए और भगवान शिव से निवेदन करने लगे कि आप यही पर सदैव के लिए विराजमान हो जाये , शिवजी अत्यधिक प्रसन्न हुये और सभी की बात का मान रखा और वाही विराजमान हो गये तभी से यह ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग प्रसिद्ध है |
राजा मान्धाता से जुड़ी हुई पौराणिक कथा – History of Omkareshwar in Hindi
एक पौराणिक कथा के अनुसार राजा मान्धाता ने इसी पर्वत पर भगवान शिव की तपस्या की थी जिसके फलस्वरूप भगवान शिव बहुत ही प्रसन्न हुये और उन्होंने अपने दिव्य दर्शन राजा मान्धाता को दिये फिर वरदान में राजा मान्धाता ने शिवजी से वाही पर विराजमान होने का आग्रह किया जिसे शिवजी ने स्वीकार कर लिया तभी से यह ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग है इस जगह को इसीलिए ओंकार- मान्धाता भी कहते है |
इन लोक कथाओ के अलावा भी कई कथाये प्रचलित है जैसे कह्तेही एक बार अक्षसो और देवताओ के मध्य भयंकर युद्ध हुआ था जिसमे देवता पराजित हो गए थे फिर सभी देवता भगवान शिव की शरण में आये उन्होंने इसी पर्वत पर शिवजी की पूजा-अर्चना की जिससे शिवजी काफी प्रभावित और प्रसन्न हुये और ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग के रूप में यही पर विराजमान हो गये और राक्षसों का विनाश किया |
तो आपने देखा कि इस ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग के बारे में कई पौराणिक कथाये है , History of Omkareshwar में आपने कई कथाये पढ़ी यह सभी कथाये मैंने इन्टरनेट और हिन्दू धार्मिक ग्रंथो की सहायता से आप तक पहुंचाई है इनमे कोई त्रुटी हो तो कमेन्ट के माध्यम से अवश्य बताये |
Omkareshwar History in Hindi
मध्य प्रदेश |
kai kathaye hai jaise Raja mandhata ki kahani , Kuber Dev ki Kahani , Narad Muni aur Vindhyachal parvat ki Kahani .
जी हाँ |
१. राजा मान्धाता से जुड़ी कथा
२. कुबेर देवता से जुड़ी कथा
३. नारद मुनि और विन्ध्याचल पर्वत से जुड़ी कथा
विस्तृत में कथा पढने के लिये यह पोस्ट को पूरा पढिये |