History of Kumbhalgarh Fort in Hindi

5 Comments

  1. कुम्भलगढ़ का इतिहास जानकर अच्छा लगा | बहुत कम शब्दों में येह की जानकारी आप ने दी जो की आसन नहीं होता है | महाराजा कुम्भा की इस दुर्ग की निर्माण में ही 15 वर्ष लगे थे | औल्नीय प्रयास !!

  2. नमश्कार मैं ऋतिक जैन सूरत का रहने वाला हूँ| आज मैंने इस ब्लॉग पर अपनी विचार धारा को व्यक्त करने की कोशिश करी है| कुम्भलगढ़ किले का निर्माण सन 1459 में 13 मई के दिन राजा राणा कुम्भा ने करवाया था। यह मेवाड़ किला बनास नदी के तट पर स्थित है। पर्यटक बड़ी संख्या में इस किले को देखने आते हैं क्योंकि यह किला राजस्थान राज्य का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण किला है। यह विशाल किला 13 लंबे और मजबूत मीनार से घिरा हुआ है। कुम्भलगढ़ किला अरावली की पहाड़ियों में 36 किमी में फैला हुआ है। इसमें महाराणा फ़तेह सिंह द्वारा निर्मित किया गया एक मंदिर भी है। ऐसा कहा जाता है की एक पंडित ने कहा था की इस किले को बचाने के लिए किसीको अपने मन-अनुसार जान देनी होगी तभी महाराणा सिंह ने अपनी जान देने का निर्णय किया और ३६ किलोमीटर तक चलने के बाद वह रुके और वही पर उनका सर धड़ से अलग कर दिया गया और जहा पर उनका सर गिरा वही पर उनका मंदिर बनाया गया| लंबी घुमावदार दीवार दुश्मनों से रक्षा के लिए बनवाई गई थी, और ऐसा माना जाता है कि लंबाई के मामले में इसका स्थान ‘ग्रेट वाल ऑफ़ चाइना’ के बाद दूसरे पे आता है।

    1. बहुत ही सटीक और उपयुक्त जानकारी जो की ब्लॉग के लिए अत्यधिक काम की है आभार आपका

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