ट्रेन यात्रा

ट्रेन यात्रा का एक कडवा मीठा अनुभव और सज्जन टीटी से मुलाकात

बात २०१७ की है जब मै लखनऊ में नोकरी करता था और रहने वाला हरदोई जिले का हु जो की लखनऊ से महज 100 किलोमीटर ही है तो हर शनिवार को ट्रेन से हरदोई भाग आता था एक बार हुआ यह कि काम थोडा ज्यादा था तो मुझे ऑफिस में देर तक रुकना पड़ा करीब रात के ९ बजे मै निकल पाया वैसे तो 6 बजे तक का ही ऑफिस था लेकिन उस दिन काम ज्यादा होने की वजह से मै रात ९ बजे निकला अब मुझे हरदोई अपने घर आना था तो जल्दी जल्दी लखनऊ रेलवे स्टेशन चारबाग की तरफ भागा भागा क्या ऑटो टेम्पो ढूंढी अब यहाँ भी किस्मत ख़राब उस दिन करीब 10-15 बाद एक ऑटो मिला खैर मै ऑटो में बैठ लिया |

राजा महल ओरछा धाम

ओरछा धाम और बरुआसागर की घुमक्कड़ी के मेरे किस्से

आपने मेरे साथ झाँसी को घूमा और रात में आकर मै अपने होटल रूम में सो गया सुबह 6 बजे उठकर और नहा धोकर ओरछा जाने के लिये रेडी हो गया वही सीपरी से ऑटो में बैठकर सुबह के सात बजे मै झांसी के बसड्डे पर था वहां जानकारी की तो पता चला की ओरछा के लिये टेम्पो जाते है तो बस मै देर न करते हुये टेम्पो मै बैठ लिया |

रेलवे स्टेशन के बाहर रानी लक्ष्मीबाई की प्रतिमा

जिला झांसी महारानी लक्ष्मीबाई का शहर की घुमक्कड़ी का यात्रा वृतान्त

झांसी शहर की मेरी घुमक्कड़ी के मजेदार किस्सों को पढिये लखनऊ से झाँसी का मेरा सफ़र साबरमती ट्रेन से शुरू हुआ था जो की रात 11 बजे लखनऊ से चलती है
झांसी जिसका नाम सुनते ही रानी लक्ष्मीबाई की वीरता याद आ जाती है मन में एक कुलबुलाहट सी हुआ करती थी कि एक बार झाँसी देखे वहां का किला देखे जहाँ से रानी लक्ष्मीबाई कूदी थी वह स्थल देखे खैर एक दिन मन में आया और लखनऊ से यहाँ की सीट रेलगाड़ी में बुक कर ली अकेले की तो अब मै अकेला ही झांसी घूमने जा रहा था और ये बात है जनवरी २०२२ की है |

भारत नेपाल सीमा बाबा सिद्धनाथ की और जाने का रास्ता

एक ऐसी विदेश यात्रा जो ई-रिक्शा और स्प्लेंडर बाइक से की गई – बाबा सिद्धनाथ नेपाल

गाड़ी वाले ने हमको कहाँ उतारा ये तो हमको जानकारी नहीं लेकिन हमको अब टनकपुर से नेपाल जाना था जी हा नेपाल यानी विदेश और करने थे दर्शन नेपाल के ब्रम्हदेव कंचनपुर जिले में स्थित बाबा सिद्धनाथ मंदिर के , पूर्णागिरि के दर्शन करने के बाद नेपाल स्थित बाबा सिद्धनाथ के दर्शन करने की मान्यता है तो अब था कौतुहल विदेश जाने का हम लोगो ने एक ई-रिक्शा वाले से जानकारी की कि भैया सिद्धबाबा के दर्शन करने जाना है कैसे जाया जाय तो उस सज्जन व्यक्ति ने समझाया की पहले आपको जाना होगा शारदा बैराज फिर वहां से पैदल ही आपको बैराज के पुल से होकर जाना पड़ेगा फिर आपको को मिलेंगे बाइक वाले जो आपको बाबा सिद्धनाथ तक ले जायेंगे |

ठूलीगाड टनकपुर के पास का व्यू

माँ पूर्णागिरि टनकपुर ट्रिप का यात्रा वृतान्त

सुबह सुबह मोबाइल बजने लगा देखा तो एक पुराने मित्र का कॉल था तो उससे बात की वो बोला कि चलोगे माँ पूर्णागिरि के दर्शन करने अब मुझमे तो घुमक्कड़ी का कीड़ा है तो मैंने तुरंत ही बोला की हा जरूर चलेंगे माँ के दर्शन करने तो बस थोड़ी और बात हुई फिर तय हुआ देर क्या करनी कल ही निकलते है मैंने बोला रुको जरा ट्रेन टिकट देखके फाइनल करता हु तो तुरन्त ही मैंने IRCTC खोली

Gauri Shankar Mandir Kannauj

Kannauj Attar Ka Shahar – यहाँ की गलियां भी महकती है और गट्टे में भी मिठास है

नाम तो बहुत सुना था और मेरे शहर से पड़ोस में है कन्नौज लेकिन कभी जाना नहीं हुआ था एक शाम को एकदम से सोचा क्यों न कन्नौज ही घूम आये पड़ोस में ही तो है तो बस कर ली तैयारी अरे तैयारी में क्या बस एक बोतल पानी सेनेटाईज़र मास्क आधार कार्ड बस , कन्नौज हमारे शहर हरदोई से महज 60 किलोमीटर है तो मैंने बस से जाने का तय किया और अगले ही दिन सुबह मै कन्नौज जाने वाली बस में था पड़ोस में एक व्यक्ति आके बैठ गए और थोड़ी ही देर में हमारी बस कन्नौज की और चल दी |

जो सज्जन पास बैठे थे उनसे मैंने थोड़ी हाई हेल्लो की तो पता चला की वो कन्नौज के ही निवासी है तो मैंने उनसे जानकारी मांगी की आपके शहर में क्या क्या घुमक्कड़ी की जा सकती है तो उन्होंने मुझे बाबा गौरी शंकर मन्दिर , फूलमती देवी मन्दिर , जयचंद का किला , मेहंदी घाट , माँ अन्नपूर्णा देवी मंदिर, , मखदूम जहानिया का नाम बताया अब मै ठहरा भुलक्कड़ तो ये सब मैंने मोबाइल में ही नोट कर लिया बस अब मै Kannauj Attar के शहर के आने का इंतज़ार करने लगा |

Ram Asrey Sweets Hazratganj Lucknow
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Bajpai Kachori Bhandar Aur Ram Asrey Sweets Lucknow Ka Swad

Ram Asrey Sweets Hazratganj Lucknow Aur Bajpai Kachori Bhandar Ye Dono Shop Uttar Pradesh Ki Rajdhani Lucknow me Hai . राम आसरे स्वीट्स और बाजपेयी कचौड़ी भण्डार ये दोनों स्वाद के ठिये लखनऊवासियों के लिए तो जाने माने है इसके अलावा जो भी घुमक्कड़ी भाई बंधु तहजीब के शहर जरूर जाए लखनऊ घूमने आये तो वो भी इन दोनों खाने के अड्डो पर भी जरूर जाए |

गोमेश्वर शिव मन्दिर लखनऊ यूपी
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गोमेश्वर शिव मन्दिर लखनऊ यूपी यह मन्दिर गोमती नदी के मध्य बना हुआ है

Lko Me Ghumne Ki Jagah में हम आपको शहर लखनऊ के एक ऐसे मन्दिर के दर्शन कराएँगे जो गोमती नदी के मध्य बना हुआ है इस मंदिर का नाम गोमेश्वर शिव मन्दिर है और रोचक बात ये की इस मन्दिर में जाने के लिए हमें नाव का सहारा लेना होता है कुल मिलाके आप कह सकते हो की हम इस शिव मंदिर तक नाव में बैठकर जायेंगे क्यूंकि यह गोमती के मध्य एक टापू पर है इस पोस्ट में हम आपको बताएँगे की इस शिव मन्दिर तक कैसे पहुंचे नाव का किराया क्या है और यहाँ क्या क्या है |

एक कप चाय

एक कप चाय और घुमक्कड़ी का रिश्ता – एक मजेदार चाय का वृतांत

एक कप चाय और घुमक्कड़ी का रिश्ता बहुत ही गहरा है दूसरो का तो पता नहीं लेकिन मेरी कोई भी घुमक्कड़ी बिन चाय के अधूरी है , और मेरी मानिये तो आप की घुमक्कड़ी की सारी थकान को चंद मिनटों में उड़न छू करने का दम रखती है सिर्फ एक कप चाय , यह पोस्ट एक वृतान्त की तरह ही है |

Vindhyachal Dham

विंध्यवासिनी मन्दिर की मेरी यात्रा का वृतान्त पढिये

dhyachal Dham जाने का विचार अचानक ही बना था चलिये शुरू करते है विन्ध्याचल धाम का यात्रा वृतांत , मै अपने गृह जनपद हरदोई में अपने मित्र लैपटॉप के साथ बैठा हुआ था वही कोई शाम के 7 बज रहे थे मई का महिना था मेरे एक जानने वाले है पेशे से वो टीचर है और लखनऊ के रहने वाले है तो उनका फ़ोन आया की कल बनारस चलोगे मै तो घूमने के लिये हमेशा तैयार ही रहता हु तो मैंने हां बोल दी तो उन्होंने बताया की कल शाम 6 बजे वरुणा एक्सप्रेस से चलना है मैंने कहा ठीक मै पहुच जाऊंगा अगले दिन मैंने बैग पैक किया और त्रिवेणी एक्सप्रेस से लखनऊ पहुच गया मई शाम को ४:20 बजे चारबाग रेलवे स्टेशन लखनऊ में था |