हरिद्वार दर्शन की सम्पूर्ण जानकारी कैसे पहुंचे कहाँ रुके कहाँ घूमे
हरिद्वार दर्शन करना सच में एक दिव्य अनुभव है इस शहर के लिए कई बाते है जैसे हरिद्वार सप्तपुरियो में से एक है , हरिद्वार चार धाम यात्रा का प्रवेश मार्ग है , हरिद्वार में शक्तिपीठ भी है , हरिद्वार का प्राचीन नाम मायापुरी था , हरिद्वार में कुम्भ के मेले का आयोजन होता है |
हरिद्वार दर्शन – हरिद्वार में घूमने की जगह – हरिद्वार पर्यटन स्थल
यह पवित्र शहर भगवान विष्णु और भगवान शिव की नगरी है जब यहाँ पहुचे तो हमने जो समझा उस हिसाब से हरिद्वार आधुनिक मन्दिर प्राचीन मन्दिर एक से बढ़कर एक गंगा घाट और भव्य आश्रमों का मिश्रण है |
देवभूमि के नाम से प्रसिद्ध यह शहर अपने आप में एक धर्म ग्रन्थ है , माँ गंगा जी यहाँ का सबसे बड़ा आकर्षण है और हो भी क्यों न हरी की पौडी जैसे पवित्र घाट इसी धरा पर है वही दूसरी तरफ माँ मनसा देवी माँ चंडी देवी जैसी देविया भी इसी धरा पर है जो अपने भक्तो की मन्नते पूरा करती है |
वही शांतिकुंज जैसे आश्रम भी हरिद्वार में अपना ज्ञान बिखेर रहे है और कनखल में दक्ष महादेव मन्दिर जैसे पवित्र मन्दिर हरिद्वार दर्शन में मुख्य भूमिका निभाते है , हरिद्वार पर्यटन स्थल में बहुत सी धार्मिक जगहे है |
हरिद्वार कैसे पहुचे – How To Reach Haridwar in Hindi
हरिद्वार उत्तराखण्ड राज्य का एक जनपद है जिसकी भारत की राजधानी नई दिल्ली से दूरी लगभग 214 किलोमीटर है , इस शहर में पहुचना अत्यन्त आसान है भारत के हर एक प्रमुख शहर से तीर्थ नगरी हरिद्वार के लिए साधन उपलब्ध है |
~ यदि आप हरिद्वार वायुमार्ग से जाना चाहते है तो हम आपको बता दे यहाँ का सबसे नजदीकी एअरपोर्ट जॉली ग्रान्ट एअरपोर्ट है जो की देहरादून में स्थित है एअरपोर्ट की हरिद्वार से दूरी लगभग 40 किलोमीटर है और एअरपोर्ट से आपको तमाम साधन जैसे टैक्सी या बस आपको मिल जायेंगे , जॉली ग्रांट एअरपोर्ट का IATA कोड DED है |
~ यदि आप हरिद्वार रेलमार्ग से आना चाहते है तो हरिद्वार शहर में रेलवे स्टेशन है जहाँ देश भर के लगभग सभी प्रमुख जिलो से ट्रेन चलती है आप बड़े आराम से ट्रेन से यहाँ पहुच सकते है |
~ यदि आप हरिद्वार दर्शन सड़क मार्ग से करना चाहते है तो आपको बता दे की यह शहर बहुत ही अच्छी तरह से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है कई शहरी जैसे लखनऊ , दिल्ली , मथुरा , शिमला , देहरादून से यहाँ के लिए नियमित बसे उपलब्ध है |
हरिद्वार दर्शन करने का उचित समय – Best Time to Haridwar Visit in Hindi
वैसे तो हरिद्वार दर्शन आप साल भर में किसी भी समय कर सकते है लेकिन फिर भी यहाँ बारिश और गर्मी की छुट्टियों मतलब मई जून में जाने से बचे कुल मिलाके आप यहाँ मई जून जुलाई अगस्त इन महीनो में जाने से बचे |
अच्छा गर्मी की छुट्टी में हम आपको इसलिये मना कर रहे है क्यूंकि उस समय यहाँ पर अत्यधिक भीड़ होती है तो जब भीड़ है तब असुविधा जरूर होगी तो आप कोशिश करे सितम्बर अक्टूबर नवम्बर फरवरी मार्च अप्रेल में जाये हमने दिसम्बर और जनवरी इसलिये छोड़े है क्यूंकि इन महीनो में यहाँ सर्दी बहुत पड़ती है
हरिद्वार दर्शन में ठहरे कहा – Where To Stay In Haridwar in Hindi – Haridwar me Kaha Ruke
हरिद्वार दर्शन को लेकर लोग बहुत ही ज्यादा परेशान रहते है ठहरने के लिए होटल कहाँ ले कैसा ले आदि तो सबसे पहले तो हम कहेंगे आप धर्मशाला खोजिये वैसे रेलवे स्टेशन के समीप अनगिनत धर्मशालायें है जहाँ आपको 500 रुपये में एक बढ़िया कमरा मिल जायेगा |
शांतिकुंज ठहरने के लिए एक अच्छा विकल्प है रेलवे स्टेशन के समीप गुजराती समाज धर्मशाला , मुल्तान भवन , के के रेणुका धर्मशाला है बाकी भूपतवाला में भी कई धर्मशालाए है निष्काम सेवा ट्रस्ट, तायल धर्मशाला , अग्रवाल भवन आदि|
हरिद्वार दर्शन के प्रमुख पर्यटन स्थल – Best Places to Visit in Haridwar in Hindi
हमने ऊपर यह जानकारी कर ली की यहाँ कैसे और कब आये और कहाँ रुके अब यह जानेंगे की यहाँ आकर कहा-कहा घूमने जाये कहाँ कहाँ हरिद्वार दर्शन करने जाये हम यहाँ आपको क्रम से सभी हरिद्वार पर्यटन स्थल बताने की कोशिश करेंगे –
हरी की पौड़ी – Hari Ki Paudi Haridwar in Hindi
हरी की पौड़ी हरिद्वार का सबसे मुख्य गंगा घाट है हमारी माने तो आप जब भी देवभूमि हरिद्वार दर्शन को आये तो सबसे पहले हरी की पौडी घाट पर जाकर गंगा स्नान कर अपने को शुद्ध करे , इस स्थल को ब्रम्हकुण्ड भी कहते है मान्यता है की यहाँ भगवान विष्णु स्वयं स्नान करने आते थे हालाँकि हरी की पौडी के पास एक विष्णु घाट भी है |
हरी की पौड़ी हरिद्वार पर शाम को होने वाली गंगा आरती में अवश्य शामिल हो क्यूंकि गंगा आरती हरिद्वार के हरी की पौडी घाट क एकअलग अनुभव है जिसे देख आप भक्ति भाव में खो जायेंगे शाम को श्रद्धालु गंगा नदी में दिए जलाकर छोड़ते है ये दिए गंगा जी में बहते हुए बड़े मनोरम दिखलाई देते है |
अच्छा हरी की पौड़ी हरिद्वार आकर आप गंगा मन्दिर भी अवश्य जाए यह मन्दिर घाट के समीप ही बना हुआ है आप हरी की पौड़ी घाट पर घंटो बैठकर माँ गंगा के स्वच्छ जल को निहार सकते है हमारे अनुसार आप सुबह यहाँ सुबह गंगा स्नान करे और दुबारा शाम को आकर गंगा आरती के दर्शन करे |
हरी की पौड़ी हरिद्वार के नजदीक ही आप भीमगोड़ा नामक स्थल पर भी जा सकते है कहा जाता है की जब पाण्डव भीम की पत्नी द्रौपदी को प्यास लगी थी और आसपास किसी प्रकार का कोई पीने लायक पानी नहीं था तब भीम जी ने अपने घुटनों को टेका जिसे उस जगह एक गड्ढा हो गया और उसमे से पानी निकलने लगा तो आप यहाँ भी जा सकते है |
विष्णु घाट भी हरिद्वार पर्यटन स्थल का एक मुख्य आकर्षण का केंद्र है मान्यता है कि इस घाट पर स्वयं भगवान विष्णु जी ने स्नान किया था यह भी हरी की पौडी घाट से थोड़ी ही दूरी पर है इस घाट से आप पैदल पैदल गंगा के किनारे ठहलते हुए हरी की पौड़ी पहुच सकते है |
माँ मनसा देवी मन्दिर – Maa Mansa Devi Mandir Haridwar
हरिद्वार दर्शन का सबसे ज्यादा मुख्य धार्मिक स्थल और माँ मनसा देवी की अनुकम्पा का जीता जागता उदहारण है यह मन्दिर जो की बिलवा पर्वत पर है , यहाँ जाने के लिए हमारे पास दो साधन है एक तो पैदल मार्ग और दूसरा उड़न खटोला आपकी जैसी श्रद्धा वैसे जाये |
अच्छा पैदल मार्ग भी दो तरह का है एक में सीढियां बहुत ही ज्यादा है लेकिन दूरी कम और दुसरे रास्ते में सीढियां कम है परन्तु दूरी ज्यादा है , इन रास्तो में आपको प्रसाद की दुकाने खाने पीने की दुकाने और बैठने के लिए भी व्यवस्था है यहाँ आपको बन्दरों से थोडा सा सतर्क रहना चाहिए |
मनसा देवी पार्वती का ही रूप है जिसका शाब्दिक अर्थ इच्छा होता है अपने नाम के अनुरूप माँ मनसा अपने भक्तो की मनसा मतलब इच्छा को पूरा करती है , माँ मनसा देवी को कश्यप ऋषि की पुत्री और नाग वासुकी की बहन बताया गया है |
अच्छा माँ मनसा देवी मन्दिर प्रांगण में माँ वैष्णवी देवी मन्दिर , चामुंडा देवी मन्दिर , श्री पशुपतिनाथ आदि मन्दिर है , यहाँ आप लहंगा पहन के फोटो भी खिचवा सकते हो लहंगा आपको फोटो स्टूडियो वाले ही उपलब्ध कराते है और यह लहंगा कुछ अलग सा होता है |
माँ मनसा देवी मन्दिर में श्रद्धालु अपनी इच्छा का एक धागा यहा स्थित एक पवित्र पेड़ में बांध देते है और इच्छा पूरी होने पर इसे खोलने भी आते है |
चंडी देवी मन्दिर – हरिद्वार में घूमने की जगह
यह मन्दिर नील पर्वत पर है और यहाँ तह पहुचने के लिए आपको मनसा देवी की ही भान्ति दो साधन है एक पैदल मार्ग और दूसरा उड़न खटोला जिसे रोपवे भी कहा जाता है चंडी देवी मन्दिर परिसर में अन्नपूर्णा देवी मन्दिर , जय माँ भद्र काली मन्दिर , काल भैरव मन्दिर , संकट मोचन हनुमान मन्दिर एवं अन्य छोटे छोटे मन्दिर भी है |
माँ चंडी देवी से थोड़ी ही चढ़ाई पर माँ अंजना देवी मन्दिर है यहाँ भी आप अपना मत्था टेक ले इस मन्दिर परिसर में नागेश्वर शिव मन्दिर , संतोषी माता मन्दिर , हनुमान जी मन्दिर है अच्छा यहाँ से आपको नील पर्वत का एक बेहतरीन सुन्दर नज़ारा दिखाई पड़ता है जो की हरिद्वार दर्शन करने आये पर्यटकों को बड़ा लुभाता है , माँ अंजना हनुमान जी की माता थी |
माँ मनसा देवी माँ चंडी देवी के लिए उड़न खटोला रोपवे का शुल्क
आप हरिद्वार दर्शन में माँ मनसा देवी और माँ चंडी देवी तो जरूर जायेंगे अच्छा इन दोनों पवित्र मंदिरों में रोपवे की व्यवस्था भी है बस आपके साथ यदि छोटे बच्चे है तो उड़न खटोले पर बच्चो को पकड़ कर बैठे |
उड़न खटोले से हरिद्वार शहर और माँ गंगा देखना एक रोमांचकारी अनुभव है , चलिए अब शुल्क देख लिया जाय माँ मनसा देवी और चंडी देवी का एक संयुक्त टिकट 314 रुपये का है जिसमे आप दोनों देवियों के दर्शन रोपवे से कर पाओगे |
यदि आप सिर्फ चंडी देवी की रोपवे का टिकट चाहते है तो यह 193 रुपये का है वैसे माँ मनसा देवी की अपेक्षा माँ चंडी देवी की चढ़ाई ज्यादा है तो हो सके तो आपप चंडी देवी में रोपवे का टिकट अवश्य ले |
माया देवी मन्दिर – हरिद्वार पर्यटन स्थल
माया देवी मन्दिर हरिद्वार का अत्यंत प्राचीन मन्दिर है और यह एक शक्तिपीठ भी है आप हरिद्वार दर्शन को कभी भी आये देवी माया के दर्शन अवश्य करे यह स्थल हरिद्वार रेलवे स्टेशन से 2-3 किलोमीटर ही होगा |
यहाँ की कहावत है की माँ सती के इस मन्दिर में भक्तो की सारी मन्नते पूरी होती है , मन्दिर प्रांगण में बहुत से शिवलिंग बने हुये है और एक कान्हा जी का सुन्दर झुला है इसके अलावा एक अत्यंत बड़ा सा त्रिशूल भी है , अच्छा एक स्थानीय व्यक्ति के अनुसार चंडी देवी , मनसा देवी और माया देवी को मिलाकर एक त्रिभुज का निर्माण होता है |
सप्तऋषि आश्रम – हरिद्वार में घूमने की जगह
यह पवित्र स्थल भारत के सात ऋषियों के लिए जाना जाता है यह एक शान्त और धार्मिक स्थल है , कहा जाता है कि प्राचीन काल में सात ऋषिवर ( भारद्वाज , विश्वामित्र , अत्री , वशिष्ठ , कश्यप , गौतम , जमदग्नि ) इसी जगह पर पूजा पाठ करते थे |
सप्त ऋषि आश्रम के बारे में एक और पौराणिक कथा है कि यहाँ पर सातों ऋषियों को पूजा करने में कोई दिक्कत न हो इसीलिए माँ गंगा ने अपने आप को सात धाराओ में विभाजित कर लिया था |
आश्रम परिसर में कई मन्दिर है जिनके आप दर्शन कर सकते है लेदेके देखा जाय तो यहा आप अवश्य जाये , हरिद्वार पर्यटन स्थल का यह स्थल भी पर्यटकों को अपनी और खींच लेता है |
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भारत माता मन्दिर – हरिद्वार पर्यटन स्थल
मैंने अपने जीवन काल में अभी तक जितने मन्दिर देखे न सबमे भारत माता मन्दिर एक अनूठा मन्दिर है कभी भी आप हरिद्वार दर्शन को जाये तो इस मन्दिर के दर्शन अवश्य करे , भारत माता मन्दिर हमें अपने देश भारत से बहुत ही अच्छी तरफ से रूबरू कराता है |
यह 6 खंडो में बना हुआ है जिसमे आप अलग – अलग खण्ड पर अलग अलग महापुरुषों , भगवान के दर्शन कर पाओगे कुल मिलाके भारत माता मन्दिर धर्म , देश , संस्कृति आदि का मिश्रण है |
यहाँ आपको लिफ्ट का टिकट लेना है जो की मात्र 2 रुपये का और आप लिफ्ट से सबसे उपरी खण्ड पर पहुँच जाओगे फिर आप एक एक खण्ड को अच्छी तरह देखते हुए नीचे आते जाओगे यहाँ सफाई भी उत्तम है |
हरिद्वार पर्यटन स्थल –Bharat Mata Mandir Haridwar A Complete Guide
माता वैष्णो देवी गुफ़ा मन्दिर ( माता लाल देवी मन्दिर ) – हरिद्वार का दर्शनीय स्थल
भारत माता मन्दिर से कुछ ही दूरी पर स्थित यह मन्दिर जम्मू के कटरा में स्थित माँ वैष्णो देवी की तर्ज पर बनाया गया है परन्तु यहाँ की गुफाये आर्टिफीसियल है फिर भी इस मन्दिर के दर्शन आप अवश्य करे यहाँ आपको 12 ज्योतिर्लिंग और हाथी मत्था की चढ़ाई देखने को मिलेगी |
इसके अलावा यहाँ आप माता को चढाने के लिए हलवा प्रसाद ले सकते है जो की आपको 10 रुपये में एक दोंना मिल जायेगा , इस गुफ़ा मन्दिर में आपको अमरनाथ गुफ़ा के भी दर्शन मिल जायेंगे , हरिद्वार दर्शन की लिस्ट में इस मन्दिर का नाम भी लिख ले |
भूमा निकेतन – हरिद्वार में घूमने की जगह
माता वैष्णो देवी गुफा मन्दिर से थोड़ी ही दूरी पर उसी रोड पर एक और साफ़ सुथरा भव्य स्थल है जिसे लोग भूमा निकेतन कहते है हरिद्वार दर्शन में यह स्थल भी खास है यहाँ यदि आप मोबाइल ले जाना चाहते है तो आपको गोसेवा के लिए 31 रुपये का दान देना होगा |
इस पवित्र स्थल पर हमें 108 शालिग्राम दिखे जिन्हें हमने जीवन में पहली बार देखा था भूमा निकेतन में भी गुफा है वैसे इस स्थल की झांकिया देखते ही बनती है खासकर भगवान कृष्ण के जीवन काल की झांकियां आपका मन मोह लेंगी |
तुलसी मानस मन्दिर ( श्रीराम मन्दिर )
भूमा निकेतन से जैसे ही आप थोड़ा आगे जाओगे आपको एक बेहद भव्य मन्दिर दिखाई देगा जो की भगवान श्री राम का है यह मन्दिर देखते ही बनता है गज़ब की नक्खाशी की गई है यहा इस मन्दिर के झूमर सच में भव्यता को प्रदर्शित करते है |
अच्छा राम मन्दिर की सबसे अच्छी बात कि इस मन्दिर की दीवारों पर रामायण की चौपाईयां लिखी हुई है हरिद्वार में घूमने की जगह में राम मन्दिर का एक विशेष महत्त्व है |
शिवानन्द धाम
अब आप श्री राम मन्दिर से थोड़ा और आगे जायेंगे तो आपको हरिद्वार दर्शन का अगला पड़ाव शिवानन्द धाम दिखाई देगा यह प्रसिद्ध धाम झाँकियो के लिए जाना जाता है यह भी गुफाये और अन्य गुफ़ा वाले मंदिरों की अपेक्षा शिवानन्द धाम की गुफ़ा में अंधेरा ज्यादा रहता है |
यहाँ टिकट भी है जो की मात्र 5 रुपये का है , शिवानन्द धाम की गुफाओ में आपको बाण गंगा , बाबा बर्फानी अमरनाथ , माता अर्धकुमारी योनी गुफ़ा में भोलेनाथ आदि पावन स्थल दर्शन करने को मिल जायेंगे |
इण्डिया टेम्पल -हरिद्वार पर्यटन स्थल का एक धार्मिक जगह
भगवान श्री साकेत बिहारी ट्रस्ट द्वारा संचालित इण्डिया टेम्पल भी झाकियों के लिए जाना जाता है यहाँ की चलती फिरती झाकियां आपका मन मोह लेंगी अच्छा इस मन्दिर में कोई भी गुफ़ा नहीं है |
इण्डिया टेम्पल में भंडारा , गो सेवा , बिजली एवं सफाई , अन्न क्षेत्र के नाम पर एक ३ रुपये का टिकट भी है यह मन्दिर बिलकुल शिवानन्द धाम के समीप है हरिद्वार दर्शन के लिए आप इण्डिया टेम्पल को भी महत्त्व दे |
पावन धाम / कांच का मन्दिर / शीश महल
हरिद्वार दर्शन को आये है और पावन धाम ना जाये यह तो बेईमानी सी होगी सच में एक अद्भुत , अविस्मरणीय स्थल है पावन धान इसे आप कांच मन्दिर और शीश महल नाम से भी जानते हो पूरा मन्दिर कांच का बना एक साफ़ सुथरा स्थल है |
यहाँ बना हुआ योध्या अर्जुन का रथ ( जिसके सारथी श्री कृष्ण भगवान थे ) बहुत ही सुन्दर है यहाँ आप आये देखिये इसकी भव्यता पावन धाम में चारो तरफ कांच ही कांच है तो आपको अपने प्रतिबिम्ब बहुतायत दिखाई देंगे सेल्फी के शौक़ीन लोगो के लिये भी यह स्थल बढ़िया है |
पावन धाम से निकलकर थोडा सा आगे जायेंगे तो एक और दिव्य एवं भव्य स्थल है वहां आपको राम सेतु के पत्थर के दर्शन हो जायेंगे जो की पानी में तैरता हुआ दिखाई देगा जबकि इसका वजन 21 किलो 800 ग्राम है |
दक्ष महादेव मन्दिर – हरिद्वार पर्यटन स्थल का एक धार्मिक स्थल
हरिद्वार के कनखल में स्थित यह एक प्राचीन मन्दिर है जो की पूर्ण रूप से शिव जी को समर्पित है यहाँ भक्तो का ताँता लगा रहता है मन्दिर परिसर में ही रेस्टोरेन्ट , प्रसाद की दुकाने , खिलोनो की दुकाने , बच्चो के झूले आदि है |
यह मन्दिर दक्ष प्रजापति मन्दिर और दक्षेश्वर महादेव मन्दिर नाम से भी जाना जाता है , कनखल भोलेनाथ की ससुराल है यही पास में एक गंगा घाट भी है जहाँ आप स्नान के लिए जा सकते है हरिद्वार में घूमने की जगह में दक्ष महादेव के इस प्राचीन मन्दिर का उल्लेख होना अति आवश्यक था |
हरिहर आश्रम ( पारद शिवलिंग और रुद्राक्ष का पेड़ )
हरिहर आश्रम एक पवित्र और शांत जगह है यहाँ आप श्री पारदेश्वर महादेव मतलब पारद शिवलिंग के दर्शन कर सकते हो इसके अलग इस आश्रम परिसर में एक दिव्य रुद्राक्ष का पेड़ भी है जिसके चारो और 12 ज्योतिर्लिंग बने हुए है |
इनके आलावा इस परिसर में श्री महा मृत्युन्जय मन्दिर जो की बड़ा ही शानदार बना हुआ है इस मन्दिर में एक नंदी जी की बड़ी सी प्रतिमा भी है , अच्छा यहाँ के मुख्य आकर्षण प्रद शिवलिंग का वजन लगभग 150 किलो है पारद शिवलिंग और रुद्राक्ष का पेड़ हरिद्वार दर्शन का अहम् हिस्सा है |
पायलट बाबा आश्रम – हरिद्वार पर्यटन स्थल
पायलट बाबा का आश्रम हरिहर आश्रम से थोड़ी ही दूरी पर है ब्याक्तिगत रूप से कहू तो मुझे यह अत्यंत भव्य आश्रम लगा एकदम शांत वातावरण में स्थित यह आश्रम शहर के शोर शराबे से दूर है और यहाँ की प्रतिमाये , झाकियां सच में अद्भुत है |
यदि आपके पास समय हो तो एक दो घंटे के लिए इस आश्रम में भी आये , महायोगी पायलट बाबा आश्रम हरिद्वार में लगी भारत माता और महादेव की प्रतिमा सच में देखने लायक है वैसे तो पूरा आश्रम ही शानदार प्रतिमाओ से सुसज्जित है |
यहाँ आप जब भी आये कृपया एक कोई भी आई डी प्रूफ साथ में लाये और गर्मियों में यहाँ सुबह 7 से 12 बजे तक और दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे तक ही आये वही सर्दियों में सुबह 8 बजे से 12 बजे तक और फिर दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजे तक ही आये |
शान्तिकुंज
पण्डित श्री राम शर्मा जी की देन है गायत्री परिवार का मुख्यालय शांतिकुंज यह एक बहुत बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है और यह स्थल ऋषिकेश मार्ग पर है जो लोग धार्मिक है वो इस स्थल पर अवश्य जाये शांतिकुंज में लोगो को रहने का मुफ्त में व्यवस्था और यहाँ के मुख्य आकर्षण अखण्ड ज्योती , गायत्री माता का मन्दिर है |
यहाँ रोजाना अध्यात्म से सम्बंधित तरह तरह के शिविर आयोजित होते रहते है कुल मिलकर हमारे अनुसार यहाँ जीवन जीने की कला सिखाई जाती है |
हरिद्वार की खरीददारी और खानपान – Best Food Shopping in Haridwar in Hindi
आये है हरिद्वार दर्शन को लो जी बात करने लगे खरीददारी की ये तो गलत बात अरे भाई हम है घुमक्कड़ तो जिस शहर जाते ज्यादा से ज्यादा उसके बारे में जानने की कोशिश करते है आइये खरीददारी की बात हो जाए देखिये |
हरिद्वार की लगभग बाजारे हरी की पौडी के इर्द गिर्द ही है यहाँ की मुख्य बाजारों में बड़ा बाज़ार , अपर रोड बाज़ार , मोती बाज़ार है अच्छा एक और मार्किट है जहाँ आप जा सकते है वो है कनखल की बाज़ार इन सारी बाजारों में आपको शाल , लकड़ी से बने खिलोने या सजावटी सामान , कपडे , स्वेटर , पूजा का सामान आदि उचित दामो पर मिल जायेगा कृपया मोलभाव जरूर करे |
अब खानपान तो आप कोशिश करे हरिद्वार में पूरी सब्जी जरूर खाए आप हरी की पौड़ी पर मोहन जी पूरी वाले या चोटीवाला रेस्टोरेंट में यह स्वाद ले सकते है , यहाँ लस्सी जरूर पिए और पौडी पर ही मथुरा जी की प्राचीन लाल पेडे की दूकान है वहा से पेडे अवश्य ले |
अपर रोड पर कोतवाली के सामने भगवती छोले भण्डार के यहाँ छोला भटूरा अवश्य चखे , जैन चाट भण्डार की आयुर्वेदिक चाट जरूर खाये|
Itinerary – यात्रा कार्यक्रम – हरिद्वार कैसे घूमे
आपको हमने हरिद्वार में घूमने की जगह के लगभग समस्त दार्शनिक स्थलों के बारे में ऊपर बता ही दिया है अब हम आपके लिए एक यात्रा कार्यक्रम भी बना रहे जिसमे हम सुबह से यात्रा की शुरुआत करेंगे आप जब भी पहुचे उस हिसाब से अपना प्लान बनाइएगा यहाँ से आपको कुछ सहयोग जरूर मिल जायेगा –
पहला दिन – सबसे पहले आप हरी की पौड़ी आ जाये यहाँ गंगा स्नान करे और पास में ही स्थित भीमगोड़ा , विष्णु घाट , माया देवी मन्दिर के दर्शन करे इतना कर लेने के बाद आप मनसा देवी रोपवे काउंटर पर आकर माँ मनसा देवी और माँ चंडी देवी का संयुक्त टिकट लेकर दोनों देवियों के दर्शन करे |
इतने में आपको दोपहर के 2-3 बज जायेंगे अब आप अपने होटल / धर्मशाला में आकर कुछ खा पीकर आराम करे , इसके बाद आप शाम को 5 बजे दुबारा हरी की पौडी आये और गंगा आरती में शामिल हो गंगा आरती देखने के बाद आप वही बड़ा बाज़ार और अपर रोड की शौपिंग करे और वही के स्ट्रीट फ़ूड का लुत्फ़ ले फिर जब थक जाए तब अपने रूम पर जाकर आराम करे और सो जाये |
दूसरा दिन – चलिए नहा धो के नाश्ता करके हरिद्वार दर्शन को तैयार हो जाइये और चाहे तो ऑटो बुक कर ले या शेयर्ड ऑटो से जाये हम आपको जो लिस्ट दे रहे है वो सब मन्दिर लाइन से ही है एक के दर्शन करे तुरंत दुसरे मन्दिर में जाये
शांति कुंज – सप्त ऋषि आश्रम – भारत माता मन्दिर – माँ वैष्णो देवी गुफ़ा मन्दिर – भूमा निकेतन – श्री राम मन्दिर – शिवानन्द धाम – इण्डिया टेम्पल – पावन धाम
इतना सब देखने के बाद आप खा पीकर अपने रूम पर जाकर आराम करे , अब शाम को आप कनखल जाए वहां दक्ष महादेव मन्दिर , पायलट बाबा आश्रम , हरिहर आश्रम ( पारद शिवलिंग और रुद्राक्ष पेड़ ) देखिये |
इसके अलावा भी हरिद्वार में कई मन्दिर और आश्रम है यदि आपके पास समय हो तो आप और भी जगहों पर जाये वैसे मेरे हिसाब से असली घुमक्कड़ी वही जो पूरा शहर घूमे|
हरिद्वार में घूमने की जगह से सम्बन्धित प्रश्न –
हरिद्वार उतराखण्ड राज्य में है |
हरिद्वार में गंगा नदी है |
हरिद्वार का सबसे प्रमुख घाट हरि की पौड़ी है |
आप साल भर में कभी भी हरिद्वार दर्शन को आ सकते है लेकिन मेरा व्यक्तिगत सुझाव यही रहेगा कि आप यहाँ भीसण गर्मी में आने से बचे तो सितम्बर अक्टूबर नवम्बर फ़रवरी मार्च बेस्ट है | बाकी सितम्बर से लेकर मई तक आप यहाँ आ सकते है |
हरिद्वार हिन्दू धर्म का एक पवित्र स्थल है यहाँ हरि की पौड़ी जैसे पवित्र घाट है पुराने मन्दिर है माँ गंगा है कुम्भ भी यहाँ होता है इन्ही कारणों से हरिद्वार प्रसिद्ध है |
यहाँ हर प्रकार के साधन मौजूद है आप अपने बजट के हिसाब से ऑटो , ई रिक्शा , कार से घूम सकते है कहाँ कहाँ घूमना है यह मैंने पोस्ट में बताया हुआ है |
अरे क्यों परेशां है आप आइये तो सही यहाँ आपको ढेरो होटल ढेरो धर्मशालाए मिलजाएँगी आप अपने बजट के हिसाब से देख कर कोई भी साफ सुथरी जगह को बुक कर लेंगे |
लगभग 3 किलोमीटर और हम किसी बीमार व्यक्ति को यह यह चढ़ाई करने की सलाह नहीं देंगे यहाँ पर उड़न खटोला की व्यवस्था है आप उससे भी जा सकते है |
लगभग 800 सीढियां है यहाँ भी रोपवे की व्यवस्था है |
लगभग 4-5 घंटे
लगभग 10-11 घन्टे
कोई क्या बहुत सी ट्रेन्स है आपको फिकर करने की जरूरत नहीं बहुत सी ट्रेन्स है |
आप हरिद्वार रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड से ऑटो बुक करे उसे बोल दे की मनसा देवी जाना है वप आपको उस स्थल पर उतार देगा जहाँ से मनसा देवी की पैदल यात्रा या रोपवे यात्रा शुरू होती है |
हरी की पौडी , माँ मनसा देवी मन्दिर , माँ चंडी देवी मन्दिर , भारत माता मन्दिर , पावन धाम , वैष्णो देवी मंदिर , शांतिकुंज , शिवानन्द धाम , दक्ष महादेव मन्दिर , पायलट बाबा आश्रम , इण्डिया टेम्पल , हरिहर आश्रम , सप्तऋषि आश्रम आदि |
लगभग 6 किलोमीटर है ऋषिकेश की तरफ जाओ तब शांतिकुंज पड़ता है |
निष्कर्ष
यह देवभूमि मायापुरी हरिद्वार मन्दिरों , गंगा के घाटो , आश्रमों की नगरी है और पूज्यनीय स्थल है यहाँ आपका ज्यादा खर्चा भी नही होता क्यूंकि यहाँ रुकना सस्ता है करण यहाँ बहुत सारी धर्मशालाओ का होना है |
हमने आपको हरिद्वार दर्शन से सम्बंधित लगभग समस्त जानकारी मुहैया करने का प्रयास किया है बहुत से पर्यटन के केंद्र हमारे द्वारा कवर नही हो पाए कृपया इसके लिए क्षमा प्रार्थी हूं |
स्वच्छ गंगा स्नान के लिए हरिद्वार एक बढ़िया विकल्प है तो क्या सोच रहे बना लीजिये मन और आइये हरिद्वार में घूमने की जगह की यह पोस्ट यदि आपको पसंद आई हो तो कृपया इसे अपने दोस्तों में शेयर जरूर करे |
Hi .Sir happy Diwali
Aapne bahut acchi jaankari di hai haridwar ke bare aap bahut accha article likhate ho … Thanks…
आभार आपका
nice article,
Such good information and very useful. I really enjoyed this article and also interested, Thanks for sharing the information with us.
thanks