Sankisa Farrukhabad Ki Jankari – संकिसा बौद्ध धर्म स्थली के बुद्ध विहार
Sankisa Farrukhabad में स्थित एक बौद्ध धर्म स्थल जहाँ कई सारे बौद्ध मन्दिर बने है जो कि अत्यन्त भव्य है यहाँ आपको म्यामार मन्दिर , जापानी मन्दिर , माँ विषहरी मन्दिर , अशोक स्तम्भ , कम्बोडियन बुद्ध विहार , अभिधम्मा बुद्ध विहार , शाक्य मुनि बुद्ध विहार , अनंत मेता बुद्ध विहार , महाथेरा धम्मालोको जैसे बहुत ही सुन्दर बौद्ध मन्दिर देखने को मिलेंगे |
इसके अलावा विश्व का सबसे ऊँचा अशोक पिलर भी यही स्थित है जिसे Sankisa Pillar भी कहते है यह 80 फीट ऊँचा है |
Sankisa Farrukhabad Ke Bare Me
संकिसा उत्तर प्रदेश के फरुखाबाद जिले में स्थित है परन्तु यह स्थल फर्रुखाबाद के बॉर्डर पे है अगर देखा जाय तो यह बौद्ध स्थल फर्रुखाबाद मैनपुरी एटा जिलो के बॉर्डर पे है कहा जाता है संकिसा वही स्थल है जहा भगवान बुद्ध ब्रम्हाजी और इन्द्रदेव के साथ स्वर्ग से धरती पर सोने की सीढियों से उतरे थे |
संकिसा काली नदी के किनारे पर स्थित है और यह बसंतपुर नाम के एक गाँव में है , भारतीय पुरातत्व विभाग ने संकिसा को बौद्ध स्थल स्वीकार किया हुआ है |
फाहयान जो की एक चीनी था वो भी Sankisa Farrukhabad आया था इसके अलावा कर्निघम ने भी इस स्थल का उल्लेख किया है यहाँ का जो मुख्य बौद्ध स्थल है मतलब जहाँ पर भगवान बुद्ध स्वर्ग से उतरे थे वो विवादित है |
कहा जाता है पहले यहां स्तूप या विहार था परन्तु आज इस स्थल पर एक मन्दिर है जो की बौद्ध धर्म से सम्बन्धित था , यहाँ विवाद यही है कि बौद्ध अनुयायी इसे अपना पवित्र स्थल मानते है और हिन्दू अपना |
फिलहाल तो इस पूरे क्षेत्र में बौद्ध धर्म से सम्बन्धित कई भव्य मन्दिर बने हुये है और हमें किसी विवाद से क्या लेना देना हमें तो बस भगवान के पवित्र स्थल पर जाना रहता है फिर वो किसी भी धर्म के हो इस्ससे फरक नहीं पड़ता मेरे व्यक्तिगर अनुभव के अनुसार यहाँ जो भी बौद्ध विहार , स्तूप , पिलर बने है वो बहुत ही उत्कृष्ट है आपको यहाँ एक बार अवश्य आना चाहिये |
बौद्ध धर्म स्थल संकिसा की भौगोलिक स्थित्ति
बिलकुल आपको इस स्थल की भौगोलिक स्थित्ति की जानकारी कर लेनी चाहिये आपको बता दे की यह स्थान वैसे तो जिला फर्रुखाबाद में है परन्तु यहाँ से मैनपुरी जिला मात्र 30 किलोमीटर ही रह जाता है वही फर्रुखाबाद यहाँ से लगभग 38 किलोमीटर होगा , एक और जिला एटा भी संकिसा के बॉर्डर पे है तो कुल मिलाके देखे तो संकिसा फर्रुखाबाद मैनपुरी और एटा के बॉर्डर पर है |
यहाँ कैसे पहुंचे
जैसे कि आपको बता ही दिया है की Sankisa Farrukhabad जिले है जो की उत्तर प्रदेश में है आइये थोड़ी दूरियों को किलोमीटर में जान लिया जाय
फर्रुखाबाद की लखनऊ से दूरी लगभग 170 किलोमीटर होगी अच्छा लखनऊ से यहाँ जाने के कई रास्ते है मैंने जो सबसे नजदीक है उसकी दूरी बताई है |
संकिसा से फर्रुखाबाद की दूरी लगभग 37 किलोमीटर है , संकिसा से मैनपुरी की दूरी लगभग 30 किलोमीटर है , संकिसा से लखनऊ की दूरी लगभग 210 किलोमीटर है , संकिसा से कानपुर की दूरी लगभग 175 किलोमीटर है |
Kannauj Itra Nagri भी यहाँ से ज्यादा दूर नहीं है , संकिसा से आगरा लगभग 162 किलोमीटर है |
अब बात करते है यहाँ पहुँचा कैसे जाए तो सबसे पहले बात करते है हवाई मार्ग की तो आपको बता दे की यहाँ का सबसे नज्दीकी एअरपोर्ट आगरा का है उसके बाद कानपुर फिर लखनऊ तो यदि आपको हवाई मार्ग से आना है तो पहले आगरा या कानपुर या लखनऊ आओ बाकि आगे क्या करना है वो आपको आगे पता लगेगा |
अब यदि आप रेल मार्ग से यहाँ आना चाहते हो तो यहाँ का नजदीकी रेलवे स्टेशन पखना है जहा से एक्का दुक्का ट्रेन ही है इसके अलावा आप फरुखाबाद रेलवे स्टेशन से यहाँ आ सकते हो |
यदि आप सड़क मार्ग से यहाँ आना चाह रहे हो तो आपको बता दे की यह बौद्ध स्थल भारत के सभी प्रमुख शहरों से कनेक्टेड है यहाँ आप बड़ी ही आसानी से आ सकते हो थोड़ी जानकारी दे दू यदि आप फर्रुखाबाद से आ रहे है तो आप मोहम्मदाबाद के रास्ते सराय होते हुये संकिसा आ सकते है आपको फरुखाबाद से बस मिल जाएगी टेम्पो मिल जाएँगी इसके अलावा मैनपुरी से भोगांव होते हुये भी सीधे यहाँ आ सकते हो |
इसके अलावा यदि आप एटा तरफ से आ रहे हो तो अलीगंज होते हुए संकिसा आ सकते हो बाकी आप कही भी हो सबसे पहले फरुखाबाद या मैनपुरी आइये फिर वहां से आपको संकिसा के लिए साधन मिल जायेंगे
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विशेष नोट – व्यक्तिगत सलाह देना चाहूँगा यदि आपका बजट एलाऊ करे तो आप फर्रुखाबाद या नजदीकी किसी भी शहर से आके एक गाड़ी रेंट पे ले ले और आराम से यहाँ आये ताकी एक मंदिर से दुसरे मंदिर जाने के लिए आपको ज्यादा पैदल चलना न पड़े |
संकिसा में कहाँ रुके
सबसे पहली बात तो यहाँ गिनी चुनी कुछ ही जगह है जहाँ आप दर्शन हेतु जा सकते है तो एक दिन का समय आपके लिए पर्याप्त होगा तो रुकने की कोई खास आवश्यकता नहीं है फिर भी इस स्थल पर बहुत से विदेशी लोग भी आते है तो कुछ होटल भी यहाँ पर है |
आप आराम से रुक सकते हो इसके अलावा संकिसा में एक सरकारी आवास गृह भी है जो की राही टूरिस्ट बगलों के नाम से जाना जाता है यहाँ का किराया डबल बेड का मात्र 500 रूपये है और डोरमेट्री का महज 150 रूपये एक बेड का है यहाँ की बुकिंग आप यूपी स्टेट टूरिज्म की वेबसाइट से ऑनलाइन कर सकते हो या फिर ऑफलाइन संकिसा में आकर भी आप रूम ले सकते हो |
बौद्ध धर्म स्थली संकिसा में घूमने की जगहे
रुकने का जुगाड़ हो गया पहुचने की सारी जानकारी हो गई अब आपको यह भी बता दू की यहाँ आप क्या क्या देख सकते हो तो आइये घुमते है आज Sankisa Farrukhabad –
माँ विशारी देवी या माँ विषहरी देवी
यही माँ विषारी देवी या माँ विषहरी देवी का जो मन्दिर है इसी को संकिसा का मुख्य धार्मिक स्थल मानते है बौद्ध धर्म अनुयायियों का ये कहना है की यह वही स्थल है जहाँ भगवान बुद्ध स्वर्ग से उतरकर धरती पे आये थे |
हालाँकि यह स्थान विवादित भी है और यहाँ पुलिस भी रहती है यहाँ किसी प्रकार की कोई भी खुदाई करना मना है , माँ विषहरी देवी का मन्दिर एक ऊँचे टीले पर बना हुआ है जहाँ की रास्ता बड़ी उबड़ खाबड़ है संभल कर जाइयेगा |
टीले पर जाकर आप देखोगे माँ विषहरी देवी का एक छोटा सा मन्दिर है और वहां मौजूद पेड़ो में ढेर सारी घंटिया बंधी हुई है और रंग बिरंगे झंडे लगे है जो की देखने में अति मनमोहक है पास में ही एक हनुमान जी का छोटा सा मन्दिर है |
आप जब टीले पर से नीचे देखोगे तो आपको बढ़िया द्रश्य दिखाई देंगे ऊपर का नजारा अत्यंत शांत रहता है आप यहाँ जरूर जाए और दर्शन भी जरूर करे |
अशोक गज स्तम्भ का अवशेष
माँ विसारी देवी के समीप ही सम्राट अशोक द्वारा बनवाया हुआ एक स्तम्भ भी मौजूद है जिसे लोहे के गेट से बंद कर दिया गया है यह एक संरक्षित स्थल है यहाँ बने स्तम्भ में एक हाथी बना हुआ होगा कभी परन्तु आज की तारिख में उस हाथी की सूंढ़ और पूँछ टूट चुकी है |
एक स्थानीय के अनुसार कुछ अराजक तत्वों ने ऐसा कार्य किया है इसी स्तम्भ के पास ही एक सफ़ेद रंग का छोटा सा बुद्ध जी का मन्दिर भी यहाँ आपको बौद्ध धर्म के अनुयायी अवश्य दिखाई देंगे |
माँ विषहरी देवी का मन्दिर और अशोक का प्राचीन गज स्तम्भ एक ही परिसर में बने है और यह परिसर घने वृक्षों से आच्छादित है तो यहाँ का मौसम बड़ा ही खुशनुमा रहता है आप इस स्तम्भ के दर्शन जरूर करे |
कम्बोडियन बुद्ध विहार
कम्बोडियन बुद्ध विहार माँ विसारी देवी मंदिर से लगभग 2 किलोमीटर आगे होगा आप इस स्थल पर जरूर जाइएगा क्यूंकि इसकी भव्यता देखने लायक है सबसे पहले इस मंदिर की टाइमिंग की बात कर ले आप यहाँ जब भी जाओ समय का विशेष ध्यान देना |
यह कम्बोडियन बुद्ध विहार सुबह 8 बजे 12 बजे तक खुलता है उसके बाद फिर दोपहर २ बजे से शाम 5 बजे तक खुला रहता है तो आप कोशिश करे की यहाँ सुबह 9-10 तक आ जाये |
इस विहार का प्रवेश मार्ग अति भव्य है जिसमें एक छोटा सा गेट है जिससे आकार हमें अन्दर आना है और सामने आप पाओगे कम्बोडियन बुद्ध विहार जिसमे दाए और बांये दो बेहद ही सुन्दर स्तम्भ बने है और मुख्य मन्दिर तो इतना सुन्दर है की आप इसकी तारीफ किये बिना नहीं रहेंगे |
आप सीढियों से होके मंदिर जायेंगे और सीढियों में आप दोनों तरफ सर्प आकार की आकृति देखोगे , अद्भुत शिल्पकला की परिभाषा है यह मंदिर |
इस मंदिर के अन्दर बुद्ध जी की एक मनमोहक प्रतिमा है और मंदिर की अन्दर की दीवारों पे बुद्ध जी से सम्बन्धित पेन्टिंग बनी हुई है जो बड़ी ही सजीव प्रतीत होती है ज्यादा क्या बताये आप इसे जरूर देखिएगा संकिसा आके कम्बोडियन बुद्ध विहार जरूर देखना चाहिए |
अशोक पिलर – Sankisa Pillar
कम्बोडियन बुद्ध विहार के बिलकुल ही सामने स्थित है एक ऐसा अशोक स्तम्भ जिसे विश्व का सबसे ऊँचा अशोक स्तम्भ होने का गौरव प्राप्त है इस पिलर के बनने की शुरुआत 27 नवम्बर 2012 से हुई थी और यह 14 मार्च 2015 को बनकर तैयार हो गया था |
यह स्तम्भ भी बहुत ही उत्कृष्ट है तो आप इसे भी अपनी लिस्ट में शामिल कर ले ये Sankisa Pillar भी शिल्पकला का एक बेजोड़ उदहारण है , इस पिलर की ऊंचाई 80 फीट है |
अभिधम्मा बुद्ध विहार
यह अभिधम्म बुद्ध विहास 80 फीट वाले अशोका पिलर के समीप ही स्थित है यह भी एक शांति प्रिय स्थल है जिसे यूथ बुद्धिस्ट सोसाइटी (वाईबीएस) ऑफ़ इंडिया संस्था देखती है इस विहार में बुद्ध जी की एक अति सुन्दर प्रतिमा लगी हुई है और सामने एक बड़ा सा हाल है जहाँ आप बैठ सकते है |
यहाँ वाइबीएस सीड चिकित्सालय भी है जिसका लोकार्पण 14वी दलाई लामा ने 3 दिसम्बर 2018 को किया था यह एक मेडिटेशन सेंटर भी है |
शाक्य मुनि बुद्ध विहार
शाक्य मुनि बुद्ध विहार कम्बोडियन मन्दिर से थोडा ही आगे है इस शाक्य मुनि बुद्ध विहार के खुलने की टाइमिंग सुबह 6 बजे से सुबह 11:30 है और शाम को 3 बजे से शाम 6 बजे तक है तो टाइमिंग का आप विशेष ध्यान दे वर्ना आप को यहाँ ताला ही मिलेगा बाकी यह भी एक साफ़ सुथरी शांत जगह है |
अनंत मेत्ता बुद्ध विहार
अनंत मेंत्ता बुद्ध विहार शाक्य मुनि बुद्ध विहार से थोड़ा सा आगे है हालाँकि हमको यहाँ ताला लटका मिला था फिर भी आप जब जाए तो ध्यान दे शायद खुला मिल जाए |
काली नदी
संकिसा में एक नदी भी है जिसे काली नदी के नाम से जानते है यह फर्रुखाबाद और मैनपुरी का बॉर्डर है नदी के एक तरफ फर्रुखाबाद है और दूसरी तरफ मैनपुरी अच्छा यह नदी अपने नाम के अनुरूप एकदम काले रंग की है पता नहीं क्यों इसका जल एकदम काला है |
वैसे यह कोई टूरिस्ट स्पॉट तो नहीं है फर भी हम ठहरे घुमक्कड़ हमे तो नदियों से बड़ा प्यार है हमको यह नदी बड़ी पसन्द आई इस नदी का जल एकदम साफ़ सुथरा अपने अंदाज में बहा जा रहा था आप यहाँ आ सकते है यहाँ आपको ठंडी ठंडी हवा और एक शांत वातावरण मिलेगा |
म्यामार बुद्ध विहार
म्यामार बुद्ध विहार भी एक भव्य बुद्ध विहार है सबसे पहले इसकी टाइमिंग जान लो म्यामार मंदिर के खुलने का समय सुबह 8 बजे से सुबह 11 बजे तक है फिर दोपहर 3 बजे से शाम 5 बजे तक है |
सबसे पहले आप अपने जूते चपल बाहर ही उतार दे फिर सामने सीढियों से मन्दिर के अन्दर प्रवेश करे इस बुद्ध विहार के अन्दर एक पिलर है जिसमे चारो तरफ बुद्ध जी की दिव्या प्रतिमा बनी है और सफाई भी अत्यधिक है अब मंदिर के बाहर की बात करे तो यह एक बेहद खूबसूरत शिल्पकला का एक अनूठा उदहारण सा लगता है |
म्यामार बुद्ध विहार के मुख्य मंदिर की छत गोलाकार है जो की अत्यधिक सुन्दर दिखाई देती है इसके अलावा मुख्य मंदिर के चारो कोनो पर एक घन्टे की आकृत्ति की डिजाईन सी बनी है अब हमें इस बात की जानकारी नहीं की वो क्या है परन्तु जो भी था बहुत ही आकर्षक है अब इस बुद्ध विहार प्रांगण में एक विशाल घंटा लगा है जो की देखने में बड़ा ही भव्य लगता है और यहाँ एक पिलर है वो भी देखने वाला है |
जापानी मन्दिर
म्यामार बुद्ध विहार के सामने ही बना है एक बेहद ही सुन्दर मन्दिर जो की सफ़ेद रंग का है इसे जापानी मन्दिर कहते है ऐसा एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया इस मंदिर के खुलने की टाइमिंग सुबह 8 से 12 और शाम को 3 से 5 है |
इस मन्दिर प्रांगण में एक हरा भरा पार्क भी है जहाँ आप बैठ सकते हो , मन्दिर के अन्दर अत्यंत साफ़ सफाई है और बुद्ध जी की एक सुन्दर खडी मुद्रा में प्रतिमा है बाकी जो भी है हर एक प्रतिमा पेंटिंग बुद्ध जी के जीवन से सम्बन्धित है यहाँ भी आपको आना चाहिये |
महाथेरा धम्मालोको बुद्ध विहार
महाथेरा धम्मालोको बुद्ध विहार को धम्मा लोको बुद्ध विहार प्रबन्ध समिति संचालित करती है यहाँ पर एक धम्म चक्र परिवर्तन पुस्तकालय भी है और एक वंदना हाल भी है जो की बड़ा ही साफ सुथरा है सामने बुद्ध जी की प्रतिमा है और दीवार पे प्रज्ञा बोधि वंदना , शील चेताय बंदना , त्रिशरण , पंचशील लिखा हुआ है आप बैठके ये सब पढ़ सकते है , महाथेरा धम्मालोको बुद्ध विहार में एक अशोक स्तम्भ भी बना है जिसका निर्माण 2015-16 में किया गया है |
Kaise Ghume Sankisa Farrukhabad – संकिसा घूमने की टिप्स
देखिये कुछ बाते ध्यान दीजिये जैसे Sankisa Farrukhabad में जो भी बुद्ध विहार है उनके खुलने की टाइमिंग अलग अलग है लेकिन फिर भी एवरेज देखे तो सुबह 8 बजे 11 बजे तक सारे विहार खुले रहते है तो कोशिश करे आप इसी समय आये या फिर दोपहर 3 से 5 बजे के बीच आये तो आपको समस्त बुद्ध विहार देखने को मिल जायेंगे |
अब आको ये बताते की पहले कहा जाओ कैसे क्या करो देखो अगर आप फर्रुखाबाद से आ रहे हो तो सबसे बहले बुद्ध द्वार संकिसा पर ही आप महाथेरा धम्मालोको बुद्ध विहार के दर्शन करे यहाँ मौजूद अशोक स्तम्भ को देखे फिर थोड़ी ही दूरी पर आपको जापानी मन्दिर दिखाई देगा इसे देख ले इसके सामने ही आपको म्यामार बुद्ध विहार दिखेगा इसे देखे इसके बाद आप लगभग आधा किलोमीटर चलेंगे तो आपको माँ विसारी देवी मंदिर और अशोक गज स्तम्भ मिलेगा यहाँ आप रुके और देखे इसे यही प्राचीन बौद्ध स्थल है |
अब माँ विसारी देवी या विषहरी देवी मंदिर से लगभग 1 या 1.5 किलोमीटर पर काली नदी है आप यहा रुक सकते है परन्तु यदि मंदिर बंद होने का टाइम हो रहा हो तो आप नदी को बाद में देखिएगा पहले कम्बोडियन बुद्ध विहार देखिये और इसके बाद इसके सामने 80 फीट का अशोक पिलर है जिसे Sankisa Pillar भी कहा जाता है इसे देखो और इसके आसपास ही आपको अभिधम्म बुद्ध विहास , शाक्य मुनि बुद्ध विहार , अनंत मेंत्ता बुद्ध विहार है यह सब भी देख लीजिये |
यदि समय कम पड़े तो एक सलाह दू सुबह की टाइमिंग में आप म्यामार मन्दिर , जापानी मन्दिर , महाथेरा धम्मालोको बुद्ध विहार और काली नदी देखिये फिर दोपहर में माँ विसारी देवी और अशोक गज स्तम्भ देखो क्यूंकि ये दिन भर खुला रहता है फिर शाम को 3 बजे से कम्बोडियन बुद्ध विहार , शाक्य मुनि बुद्ध विहार , अनंत मेंत्ता बुद्ध विहार देखो और लास्ट में 80 फीट अशोक पिलर और अभिधम्म बुद्ध विहार देख लो |
कुल मिलके आपको टाइमिंग वाले बुद्ध विहार का अधिक ध्यान देना है टाइमिंग वाले बुद्ध विहार में म्यामार मंदिर , जापानी मंदिर , कम्बोडियन बुद्ध विहार , शाक्य मुनि बुद्ध विहार , अन्नत मेंत्ता बुद्ध विहार है |
संकिसा फरुखाबाद से सम्बंधित प्रश्न –
संकिसा उत्तर प्रदेश में है |
संकिसा एक बौद्ध धर्म स्थलों है जहाँ पर गौतम बुद्ध से सम्बंधित कई मंदिर है |
Sankisa Farrukhabad me manyta hai ki yahan par Bhagvan Budh Bramhajee au Indra Dev ke sath Swarg se utre the .
संकिसा उतर प्रदेश राज्य के फरुखाबाद जिले में है |
म्यामार मन्दिर , जापानी मन्दिर , माँ विषहरी मन्दिर , अशोक स्तम्भ , कम्बोडियन बुद्ध विहार , अभिधम्मा बुद्ध विहार , शाक्य मुनि बुद्ध विहार , अनंत मेता बुद्ध विहार , महाथेरा धम्मालोको
निष्कर्ष
देखिये संकिसा उत्तर प्रदेश का एक बौद्ध धर्म स्थल है और यहाँ पर अनेक बौद्ध धर्म से सम्बन्धित बुद्ध विहार हो जो बड़े ही आकर्षक है यहाँ देश विदेश से पर्यटक आते रहते है इन बुद्ध विहारों में आप घंटे अत्यधिक पाएंगे क्यूंकि बौद्ध धर्म में घंटो का बड़ा महत्त्व है ये घंटे गुड वाइब्स देते है |
Sankisa Farrukhabad अभी भी बहुत कम ही लोगो को पता है तो कृपया इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करके इस जानकारी को सभी तक पहुंचाये |
वास्तव में इस स्थान के बारे में पहले कभी नहीं सुना जबकि हमारे पास ही है। अब जरूर जाएंगे।
बिलकुल जाये सर बस टाइमिंग का ध्यान रखके जाइएगा
Sankisa undoubtedly is a holy place for all Buddhists ,be it Theravadans or Mahayans. But the main problem is the lack of accomodations and reachability or lack of transportations .It is too remote and pilgrims are scared for the safety. I am sure more tourists and pilgrims will visit if the government makes the road pliable to them .
you are absolutely right sir