Meenakshi Temple Madurai History Hindi | मिनाक्षी मन्दिर का इतिहास
Meenakshi Temple Madurai History की पोस्ट में हम जानेंगे तमिलनाडु प्रदेश के एक शहर मदुरई के एक विख्यात मन्दिर के इतिहास के बारे में इस मंदिर का नाम मीनाक्षी मन्दिर है |
हम यह भी जानेंगे कि मीनाक्षी मन्दिर किसने बनवाया कब बनवाया और हम इस मन्दिर की सभी पौराणिक ऐतिहासिक कहानियो के बारे में भी जानेंगे |
इस पवित्र मंदिर में माता पार्वती को श्रद्धालु देवी मीनाक्षी के रूप में पूजते है और वही भगवान शिव को यहाँ सुन्दरेश्वर के रूप में पूजा जाता है तो इस मन्दिर को हम मीनाक्षी सुन्दरेश्वर मन्दिर के नाम से भी जानते है |
यहाँ की विशेषता यह भी है की यहाँ एक साथ भगवान शिव और माँ पार्वती की पूजा की जाती है तो आइये जानते है Meenakshi Temple History in Hindi को |
मीनाक्षी मन्दिर का इतिहास- Meenakshi Temple Madurai History
मदुरई के इस प्रसिद्ध मन्दिर के बारे में कई सारी पौराणिक कथाये प्रचलित है हम उन सभी कथाओ को इस पोस्ट में जानेंगे तो आइये शुरू करते है और अपने ज्ञान को बढ़ाते है –
पाण्ड्य राजा मलयध्वज से सम्बन्धित कहानी – Meenakshi Temple Madurai History In Hindi About Pandya Raja MalayDhvaj
यह पौराणिक कथा अत्यधिक प्रचलित है राजा मलयध्वज जो की पांड्य वंश के राजा थे और इनकी पत्नी कंचनमाला थी इनके कोई भी सन्तान नहीं थी इसलिए ये दोनों राजा रानी परेशान रहते है |
संतान प्राप्ति हेतु इन दोनों ने अथक तप किया और इस तप के परिणामस्वरुप माँ पार्वती एक तीन वर्षीय बालिका के रूप में यज्ञ कुंड की अग्नी में प्रकट हुई थी और उसी बालिका का नाम मीनाक्षी रखा गया था मीनाक्षी नाम रखने का कारण यह था की उस बालिका के नेत्र अत्यन्त सुन्दर थे |
बाद में राजा ने मिनाक्षी को ही अपने राज्य का अगला उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था कहा जाता है कि देवी मीनाक्षी ने बहुत ही अच्छे तरीके से पांड्य राज्य पर शासन किया राजकुमारी मीनाक्षी ने कई शक्तिशाली राज्यों को अपने राज्य में मिलाया था |
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इनकी ख्याति सम्पूर्ण विश्व में हो गई थी फिर कुछ समय बाद भगवान शंकर सुन्दरेश्वर के रूप में प्रथ्वी पर आये और ये शिवजी का सुन्दरेश्वर रूप अति मनमोहक था इन्होने राजकुमारी मिनाक्षी से विवाह किया |
कहा जाता है यह विवाह सम्पूर्ण विश्व में बहुत ही प्रसिद्ध हुआ था इस विवाह में देवी-देवता तक सम्मिलित हुए थे आज भी मदुरई में इस विवाह को चिथिरई तिरुविजा के नाम से मनाते है |
कहा जाता है की वर्तमान में जहाँ पर मंदिर बना है उसी स्थान से देवी मीनाक्षी और भगवान सुन्दरेश्वर ने स्वर्ग की और प्रस्थान किया था |
देवराज इन्द्र से सम्बन्धित पौराणिक कथा – मिनाक्षी मन्दिर का इतिहास
एक अन्य लोक कथा के अनुसार देवताओ के राजा इंद्र अपने कुछ बुरे कर्मो से निजात पाने के लिए तीर्थयात्रा पे थे जब इन्द्रदेव मदुरई आये और वहां के शिव लिंग के समीप पहुंचे |
तो उन्हें ऐसा एहसास हुआ की उनका बोझ कोई और उठा रहा है तब इंद्र जी ने उसी स्थान पर शिवलिंग को पुनः प्रतिष्ठापित किया था तो इस हिसाब से हम बोल सकते है कि मीनाक्षी मंदिर का निर्माण इन्द्र देव ने करवाया , Meenakshi Temple Madurai History में यह लोक कथा भी कई जगह सुनने में आती है |
मीनाक्षी मन्दिर किसने बनवाया
देखिये अगर हम बात करे पांडियन वंश की तो जो जानकारी मिलती है उसके हिसाब से राजा सदावर्मन कुलशेखर पांडियन ने भगवान शिव के आदेशानुसार इस मन्दिर का निर्माण करवाया था और शिवजी ने राजा कुलशेखर को मंदिर बनवाने का आदेश स्वप्न में दिया था |
इसके अलावा एक जानेमाने हिन्दू साधू ने सातवी शताब्दी से पहले ही मिनाक्षी मंदिर का उल्लेख किया था फिर 16वी शताब्दी में एक अन्य नाम आता है विश्वनाथ नायक का जिन्होंने इस मंदिर का दुबारा निर्माण करवाया था और इसका विस्तार भी किया था |
इस मंदिर को कई क्रूर शासको ने लूटा भी था तमाम सोना अन्य वस्तुए वे शासक लूटकर ले गए थे , इसके अलावा अगर इन्द्रदेव वाली लोक कथा की माने तो इस पावन मन्दिर का निर्माण इंद्रदेव ने करवाया था जो की देवताओ के राजा है |
मिनाक्षी मंदिर के इतिहास सम्बन्धित प्रश्न –
मिनाक्षी मंदिर तमिलनाडु राज्य के मदुरै शहर में है |
मीनाक्षी मंदिर भगवान् सुन्दरेश्वर और मीनाक्षी देवी को समप्रित है भगवान् सुन्दरेश्वर भोलेनाथ रोप में पूजे जाते है और मीनाक्षी देवी को माँ पारवती के रूप में पूजा जाता है |
मीनाक्षी मंदिर को राजा सदवार्मन कुलशेखरन पांडियन के करवाया था और पौराणिक कथा के अनुसार इन्द्रदेव ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था | इस मंदिर का पुनर्निर्माण राजा विश्वनाथ नायक ने करवाया था |
इस मंदिर का निर्माण पांडियन सम्राट सदावर्मन ने सन 1190 – 1205 इसवी के मध्य हाथ और इसके बाद सोलहवी शताब्दी में इसका दुबारा निर्माण राजा विश्वनाथ नायक ने किया था |
मीनाक्षी देवी माँ पार्वती का ही स्वरुप है |
Meenakshi Temple Madurai History Janne ke liyeaapko Raja MalayDhvaj Aur Rani Kanchanlata ki katha ko janna Hga Jo aapko isi Post me mil jayegi
मदुरै का प्रमुख मंदिर मिनाक्षी सुन्दरेश्वर मंदिर है |
भगवान् शंकर सुन्दरेश्वर के रूप में प्रथ्वी पर आये थे और देवी मिनाक्षी से शादी की थी |
तमिलनाडु
मिनाक्षी अम्मान मंदिर |
मिनाक्षी मन्दिर का इतिहास राजा मलयध्वज और रानी कंचनलता से जुड़ा हुआ है जिसकी समस्त कथा हमने पोस्ट में बताई है |
निष्कर्ष
देखिये Meenakshi Temple Madurai History में हमने आपसे जितनी भी लोक कथाये और इतिहास के बारे में बात की इनसे से ज्यादातर स्थानीय लोककथाये है जिनका प्रमाण नहीं है लेकिन हा ये सभी कथाये हिन्दुओ की आस्था को दिखाती है |
मैंने यह समस्त जानकारी कुछ किताबो एवं इन्टरनेट के माध्यम से रिसर्च करके लिखी है बाकी इस मंदिर को आप तभी समझ पाओगे जब एक बार इसकी वास्तुकला को अपनी आँखों से देखोगे वाकई में अद्भुत है |
Please confirm that the ladies allow to wear Salwar suit in Madurai Temple
yes