12 Jyotirling Ke Naam – 12 ज्योतिर्लिंग के नाम
12 Jyotirling Ke Naam और उनके बारे में हम आज संक्षिप्त में जानेंगे तो बोले बम बम भोले , भारत के १२ ज्योतिर्लिंगों पर भक्तो का तांता लगा रहता है दूर दूर से लोग हमारे देश के गौरव इन पावन ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने आया करते है और अपने ईष्ट के दर्शन करके धन्य हो जाते है चलिए देर न करते हुए अब आते है अपनी मुख्य पोस्ट पे आज हम प्रयास कर रहे है आपको द्वादश ज्योतिर्लिंगों से रूबरू कराने का |
12 Jyotirling Ke Naam – १२ ज्योतिर्लिंग के नाम
सबसे पहले बात कर ली जाय आखिर ये 12 Jyotirling Ke Naam है क्या तो पौराणिक मान्यताओ अनुसार जिन जिन स्थान पर भगवान शिव प्रकट हुए उन पवित्र स्थानों को ही द्वादश ज्योतिर्लिंग कहा जाता है | हम आपको अपनी इस पोस्ट में संक्षेप में जानकारी देंगे ये 12 ज्योतिर्लिंग के नाम निम्नवत है –
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग
सोमनाथ का भव्य मंदिर गुजरात राज्य के प्रभास क्षेत्र में स्थित है ,प्रभास क्षेत्र को अव काठियावाड़ भी कहा जाता है यह पवित्र मन्दिर समुद्र के किनारे पर स्थित है इसको प्रथम ज्योतिर्लिंग का दर्जा प्राप्त है , यह अत्यंत प्राचीन एतिहासिक मंदिर है इस मंदिर को बाहरी शासको ने कई बार क्षतिग्रस्त किया है , |
सोमनाथ पहुचने का सबसे बढ़िया विकल्प वेरावल रेलवे स्टेशन है जो सोमनाथ से महज 7 किलोमीटर की दूरी पर है , अगर हम रुकने की बात करे तो आप वेरावल और सोमनाथ दोनों जगह रुक सकते है यहाँ होटल , धर्मशालाओ की कमी नहीं है |
मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग
यह आंध्र प्रदेश राज्य के कुरनूल क्षेत्र में कृष्णा नदी के तट पर श्रीशैलम पर्वत पर अपनी भव्यता के साथ स्थित है , इस मंदिर को दक्षिण का कैलाश बोला जाता है मान्यताओ अनुसार इस मंदिर के दर्शन मात्र से मनुष्य अपने सारे पापो से मुक्त हो जाता है |
यहाँ पहुचने के लिये आप का पास रेल एक अच्छा विकल्प है यहाँ का सबसे पास का रेलवे स्टेशन मरकापुर और और फिर मरकापुर से श्रीशैलम के लिये कई साधन है , अगर रुकने की बात करे तो आप श्रेशैलम में रुक सकते है वहां आपको रीकने के तमाम विकल्प मिल जायेंगे |
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग
यह तीर्थ स्थान मध्य प्रदेश राज्य में उज्जैन जिले में क्षिप्रा नदी के किनारे बसा हुआ है जो इस ज्योतिर्लिंग को महाकाल नाम से भी जाना जाता है यहाँ भारतीय पर्व कुम्भ मेला का आयोजन होता है, उज्जैन अवंतिका नाम से भी जाना जाता है ,उज्जैन के महाकालेश्वर मन्दिर की भस्म आरती पूरी दुनिया में जानी जाती है जिसे देखने श्रद्धालु दूर दूर से यहाँ आते है |
यहाँ पहुचना अत्यंत आसान है क्यूंकि उज्जैन एक बड़ा शहर है आप बड़े आराम से यहाँ आ सकते है रही रुकने की बात तो उसकी भी आपको चाइना करने की कोई जरूरत नहीं है क्यूंकि महाकालेश्वर ट्रस्ट आपको कम कीमत पर अच्छे कमरे मुहैया कराता है , 12 Jyotirling Ke Naam में महाकालेश्वर का नाम भी विख्यात है |
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ऊँकारेश्वर ज्योतिर्लिंग
यह मध्य प्रदेश राज्य में मालवा क्षेत्र में नर्मदा नदी के एक द्वीप पर है यह ज्योतिर्लिंग स्वयं भू भी है यहाँ शदर्शनार्थी पहले नर्मदा नदी के पवित्र जल से स्नान करते है तत्पश्चात भगवान शंकर की पवित्र ज्योतिर्लिंग के दर्शन करते है , इस मंदिर का मंडप देखने लायक है |
ओम्कारेश्वर परिक्रमा का भी विशेष महत्त्व है यह परिक्रमा लगभग 16 किलोमीटर की है और आसान है आप कई छोटे बड़े मंदिरों को देखते हुये यह परिक्रमा कर सकते हो 12 Jyotirling Ke Naam में ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग की परिक्रमा का भी एक विशेष योगदान है |
यहाँ पहुचने का सबसे बढ़िया विकल्प इंदौर है जहाँ से इस मंदिर की दूरी लगभग 75 किलोमीटर है आप इंदौर से आकर एक ही दिन में इस मन्दिर के दर्शन करके वापस लौट सकते है फिर भी यदि आप शाम की आरती देखना चाहो तो यहाँ रुकने के भी उचित प्रबंध है होटल भी है और धर्मशालाये भी आप अपने हिसाब से जो चाहे देख सकते है |
केदारनाथ ज्योतिर्लिंग
यह धाम उत्तराखंड राज्य में रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है यह हरिद्वार से लगभग 247 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है , केदारनाथ द्वादश ज्योतिर्लिंग में से एक है और इसकी महिमा अपरम्पार है हर साल यहाँ लाखो श्रद्धालु दर्शन करने आते है आपको बाबा केदारनाथ के दर्शन करने के लिए लगभग 14 किलोमीटर की अत्यंत दुर्गम पैदल यात्रा करनी पड़ती है आप चाहे तो पालकी , घोड़े, खच्चर का भी इस्तेमाल कर सकते है यदि आपका बजट अच्छा है तो यहाँ आपको हेलीकॉप्टर की सेवा भी मिल जाएगी वैसे देखा जाय ओ 12 Jyotirling Ke Naam का यह नाम किसी भी परिचय का मोहताज नहीं है |
भीमाशंकर ज्योतिर्लिग
यह सुप्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महारास्ट्र राज्य में पुणे जिले में सह्यादी पर्वत पर भीमा नदी के किनारे बसा हुआ है इसकी भी अपनी एक अलग पहचान है , इसे मोटेश्वर महादेव भी बोला जाता है |
यहाँ पहुचने के लिए आप सबसे पाहे जहाँ भी हो पुणे पहुच जाये फिर पुणे से लगभग 125 किलोमीटर की दूरी पर भीमाशंकर है आगे का रास्ता आप बस या किसी भी गाड़ी से कर सकते है , रही बार रुकने की तो आप भीमाशंकर में रुक भी सकते है यहाँ आपको होटल , और धर्मशाला भी मिल जायेंगे |
बाबा विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग
यह उत्तर प्रदेश राज्य में पावन गंगा नदी के किनारे बसा हुआ है यह एक विश्व विख्यात मंदिर है जो अपनी अति प्राचीन संस्कृति को सजोये हुए है , बनारस गंगा नदी के किनारे बसा हुआ है यहाँ के गंगा घाट दुनिया भर में प्रसिद्ध है , 12 jyotirling ke naam के अंतर्गत आने वाले इस नाम को लोग काशी विश्वनाथ नाम से भी जानते है |
यहाँ पहुचने के लिए कुछ सोचना ही नहीं अवै जहाज से आओ चाहे रेलगाड़ी से चाहे बस से बस आपको वाराणसी आना है और वाराणसी हवाई , रेल और रोड मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है , अच्छा यहाँ मजा तो तब ही आएगा जब आप दो तीन दिन रुकेंगे तो चिंता न करिये बनारस में रुकने के लिए बहुत से होटल बहुत सी धर्मशाला और खुद मन्दिर का ट्रस्ट मौजूद है |
त्रयम्ब्केश्वर ज्योतिर्लिंग
यह महाराष्ट्र राज्य के नासिक जिले के पंचवटी नामक स्थान पर शोभायमान है यह गोदावरी नदी के किनारे बसा हुआ है और गोदावरी का उद्गम स्थान भी यही है भगवान शिव का यहाँ त्रयम्ब्केश्वर रूप अति मनोहर है |
वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग
यह स्थान झारखण्ड राज्य के देवघर क्षेत्र में स्थित है इस ज्योतिर्लिंग को वैद्यनाथ धाम भी कहा जाता है कुछ लोग इसको “कामना लिंग” नाम से भी जानते है क्यूंकि पौराणिक मान्यतानुसार यहाँ श्रधालुओ की मान्यता पूरी होती है |
नागेश्वर ज्योतिर्लिंग
यह ज्योतिर्लिंग गुजरात राज्य के द्वारका स्थान पर स्थित है इस स्थान की भारत के चार धाम में से एक धाम द्वारकापुरी से दूरी महज 33 किलोमीटर है , यहाँ भगवान शिव नागो के देवता के रूप में विराजमान है |
रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग
यह पवित्र धाम तमिलनाडु राज्य में रामनाथपुरम जिले में स्थित है यह एक द्वीप है जो की चारो और से बंगाल की खाड़ी और हिन्द सागर से घिरा हुआ है | यहाँ स्थित ज्योतिर्लिंग द्वादश ज्योतिर्लिंग में से एक मानी गई है 12 Jyotirling ke Naam में रामेश्वरम का भी एक उचित स्थान है |
रामेश्वरम में रेलवे स्टेशन है तो यहाँ पहुचना आसान है लेकिन मान लीजिये आपके शहर से रामेश्वरम तक सीधे ट्रेन नहीं जाती है फिर भी आप चिंता न करे और मदुरै पहुचे वहां से आपको रामेश्वरम के लिए बस मिल जाएगी , चलिए रुकने की समस्या का भी निस्ताकरण कर लिया जाय देखिये मेरे हिसाबन यहाँ रुकने के तीन विकल्प है एक तो होटल दूसरा धर्मशाला और तीसरा मंदिर ट्रस्ट के भक्त निवास में आपको जहाँ समझ आये वाही आप रुकिए |
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग
इस मंदिर को श्री घुश्मेश्वर , गिरीश्रेश्वर आदि नामो से भी जानते है यह महाराष्ट्र राज्य के औरंगाबाद जिले के नजदीक है यह ज्योतिर्लिंग अत्यंत प्राचीन है , इस प्रसिद्ध मन्दिर का निर्माण देवी अहिल्याबाई होलकर ने करवाया था यह, 12वा ज्योतिर्लिंग है , यहाँ दर्शन करने से भक्तो की समस्त मनोकामनाये पूरी होती है , इस अंतिम ज्योतिर्लिंग के साथ हमारी 12 Jyotirling Ke Naam की लिस्ट भी पूरी होती है |
ये तो हो गया एक छोटा सा द्वादश ज्योतिर्लिंग का परिचय हर एक ज्योतिर्लिंग का अपने एक विशेष धार्मिक महत्त्व होता है और समस्त भगवान् शिव से सम्बंधित है और मनोकामना पूर्ण करने वाले है इस पोस्ट का उद्देश्य 12 jyotirling ke naam की सूची आप सभी तक पहुचाना था बाकी शिव की इच्छा से जहाँ जहाँ पहुचता जाऊंगा उसकी सम्पूर्ण जानकारी आपको देता जाऊंगा , बोलो जय भोले नाथ की |
ज्योतिर्लिंग से सम्बन्धित प्रश्न |
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प्रश्न 1 – ज्योतिर्लिंग कितने है ? |
उत्तर – ज्योतिर्लिंग 12 है तभी इन्हें द्वादश ज्योतिर्लिंग कहते है | |
प्रश्न 2 – सभी 12 ज्योतिर्लिंग किस भगवान को समर्पित है ? |
उत्तर – द्वादश ज्योतिर्लिंग भगवान शिव को समर्पित है | |
प्रश्न 3 – ज्योतिर्लिंग शब्द का द्वादश ज्योतिर्लिंग में क्या महत्त्व है ? |
उत्तर – धार्मिक मान्यताओ के अनुसार भगवान शिव के जो १२ ज्योतिर्लिंग है उन सभी में भगवान शिव ज्योति के रूप में रहते है तभी इन्हें ज्योतिर्लिंग कहा जाता है | |
प्रश्न 4 – पहला ज्योतिर्लिंग कौन सा है ? |
उत्तर – गुजरात राज्य के काठियावाड़ में स्थित सोमनाथ ज्योतिर्लिंग को प्रथम ज्योतिर्लिंग होने का दर्जा प्राप्त है | |
प्रश्न 5 – दूसरा ज्योतिर्लिंग कौन सा है ? |
उत्तर – श्री शैल मल्लिकार्जुन कुरनूल आंध्र प्रदेश | |
प्रश्न 6 – उत्तराखण्ड में कौन सा ज्योतिर्लिंग है ? |
उत्तर – केदारनाथ |
प्रश्न 7 – उत्तर प्रदेश में कौन सा ज्योतिर्लिंग है ? |
उत्तर – उत्तर प्रदेश में श्री काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग है | |
प्रश्न 8 – ज्योतिर्लिंग और शिवलिंग में क्या अंतर है ? |
उत्तर – शिवलिंग जो है उन्हें या तो मनुष्य ने स्थापित किया है स्वयंभू है और ज्योतिर्लिंग सभी स्वयंभू है | |
प्रश्न 9 – भस्म आरती किस ज्योतिर्लिंग में होती है ? |
उत्तर – भस्म आरती मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में होती है | |
प्रश्न 10 – ज्योतिर्लिंग का मतलब क्या है ? |
उत्तर – देखिये ज्योतिर्लिंग भगवान शंकर का प्रतिनिधित्व करते है इज्योतिर्लिंग शब्द का अर्थ उज्जवल प्रकाश के प्रतीक से है |
12 ज्योतिर्लिंग ke बारे मे acchi जानकारी वैसे हमारी salah h की केदारनाथ मे हो हो सके तो घोड़े khacchar ka प्रयोग ना करें kyunki Poora शरीर टूट जाता hai inki सवारी से
Information badhiya btai hai
Thanky Keep reading
bahut badhiya jankari diye hai
kabhi baba moka de ki me bhi unke sabhi jyotirling ke darshan kar pau
har har mahadev
Jee Bilkul