ललिता देवी मन्दिर नैमिषारण्य जहाँ पूरी होती है हर मनोकामना
ललिता देवी मन्दिर नैमिषारण्य एक ऐसा मन्दिर है जहाँ पर हर एक भक्त की मनोकामना पूरी होती है , यह पावन स्थल उत्तर प्रदेश राज्य के सीतापुर जिले से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर है , माँ को माता सती के 108 शक्तिपीठो में से एक शक्तिपीठ भी माना गया है |
ललिता देवी मन्दिर नैमिषारण्य
इस स्थल के बारे में प्रसिद्ध है कि यहाँ जो भी श्रद्धालु एक बार मत्था टेकने जाता है उसकी मनोकामना को माता रानी पूरा करती है इसी कारण ललिता देवी मन्दिर नैमिषारण्य में सालो भक्तो की भीड़ बनी रहती है खासकर नवरात्र के दिनों में तो यहाँ पैर रखने की जगह ही नही होती कहने का मतलब नवरात्र में इस स्थल पर अत्यधिक भीड़ होती है |
कैसे पहुचे माँ ललिता देवी मन्दिर नीमसार
यहाँ पहुचना बहुत ही आसान है यह उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से लगभग 85 किलोमीटर , सीतापुर से लगभग 35 किलोमीटर पर स्थित है |
यदि आपको वायुमार्ग से आना है तो आप लखनऊ के एअरपोर्ट से आ सकते हो उत्तर प्रदेश की राजधानी से आपको बस भी मिल जाएगी और चाहे तो आप अपनी कोई गाड़ी भी बुक कर सकते है |
रेलवे से आने के लिए आप या तो लखनऊ पहुचे या सीतापुर या हरदोई और उसके बाद इन तीनो शहरों से नीमसार के लिए आपको बस मिल जाएगी |
कहा रुके
यदि आप माँ ललिता देवी मन्दिर नैमिषारण्य दर्शन करने आये है तो आपको यहाँ रुकने की वैसे तो कोई आवश्यकता नहीं है आप बड़े आराम से एक दिन में दर्शन करके जा सकते है फिर भी यदि किन्ही कारणोंवश आपको रुकना पड़े तो आप घबराये नहीं नैमिषारण्य एक बड़ा तीर्थ स्थान है यहाँ आपको बहुत सी अच्छी धर्मशालाये और होटल मिल जायेंगे आप अपने बजट के अनुसार कोई भी होटल / धर्मशाला में रुक सकते है |
माँ ललिता देवी से जुड़ी कुछ पौराणिक कहानियाँ
हर एक मन्दिर की अपनी एक कहानी होती है इसी प्रकार समस्त मनोकामनाओ को पूरा करने वाली जगत की जननी माँ ललिता देवी की भी कुछ पौराणिक कथाये है आइये जान लेते है –
पवित्र तीर्थ स्थल नैमिषारण्य की सम्पूर्ण जानकारी
एक कथा के अनुसार जब माता सती ने राजा दक्ष के यज्ञ में अपने शरीर का त्याग किया था तब शिवजी अत्यन्त क्रोधित और दुखी हुये थे माता सती के शरीर को लेकर वो दुःख से विचरण करने लगे थे जिससे की स्रष्टि के कई तरह के कार्य बाधित होने लगे |
तब भगवान विष्णु ने जग के कल्याण के लिए माता सती के शरीर के 108 टुकड़े किये जो सम्पूर्ण पृथ्वी में इधर-उधर गिरे ये टुकड़े जहा जहाँ गिरे उस स्थल को शक्तिपीठ का नाम दिया गया , मान्यताओं अनुसार इस पवित्र स्थल पर माता का ह्रदय गिरा था |
अब एक दूसरी पौराणिक कथानुसार भगवान ब्रम्हा जी ने देवी सती को यहाँ प्रकट होने का आदेश दिया था अतः देवी यहाँ माँ ललिता देवी के रूप में प्रकट हुई और अपने भक्तो की सेवा में तत्पर हो गई |
कही कही मैंने सुना है की इसी मन्दिर के पास में ही चक्रतीर्थ है जहाँ भगवान् ब्रम्हा जी ने चक्र छोड़ा था उस चक्र की शक्ति को सन्तुलित बनाये रखने हेतु माता सती यहाँ आई |
ललिता देवी मन्दिर नैमिषारण्य से जुड़ी कुछ रोचक बाते
- नीमसार में जब भी आप आये सबसे पहले चक्रतीर्थ में स्नान करके आप माँ ललिता देवी मन्दिर आये यहाँ माँ के पावन रूप के दर्शन करे आप जैसे ही मन्दिर की तरफ आओगे आपको रास्ते में बहुत सारी प्रसाद की दुकाने मिल जाएँगी वहां आप अपने चप्पल जुते उतार दे प्रसाद ले और प्रसाद माँ को अर्पित करे |
- ध्यान दे यहाँ आपको थोड़ा होशियार रहने की जरूरत है क्यूंकि यहाँ थोड़ी से लूट खसोट ज्यादा है हो सके तो यहाँ के पण्डित लोगो के चक्कर में कम ही पड़े |
- माँ ललिता देवी मन्दिर के पड़ोस में ही पंचप्रयाग नाम का एक सरोवर है कहा जाता है की यह अत्यधिक पवित्र है तो आप यहाँ भी हाथ पैर धुल सकते है |
- यहाँ पर माता को त्रिपुर सुन्दरी के नाम से भी जाना जाता है |
- आप इस पवित्र मन्दिर में अपनी मनोकामना पूरी करने हेतु एक धागा बाँध सकते हो और जब आपकी मनोकामना पूरी हो जय तब यहाँ वापस आकर धागा आपको खोलना होगा |
ललिता देवी मन्दिर नैमिषारण्य से सम्बन्धित प्रश्न
यह मन्दिर नैमिषारण्य में है जो की उत्तर प्रदेश राज्य के सीतापुर जिले में है |
51 शक्तिपीठ में जो ललिता देवी शक्तिपीठ है वह तो प्रयागराज में है अब नाम एक ही है मान्यता नैमिषारण्य की माँ ललिता देवी की बहुत ज्यादा है तो आप इसे शक्तिपीठ मान सकते है |
माँ ललिता देवी मन्दिर
निष्कर्ष
आज 29 सितम्बर 2019 को नवरात्र आरम्भ हुए हमेशा की तरह मै आज जब पूजा करने बैठा तो दुर्गा शप्तसती की पवित्र किताब को देखने लगा उसमे मैंने एक श्लोक देखा जो की देवी कवच के अंतर्गत है |
श्लोक की एक पंक्ति ” ह्रदये ललिता देवी उदरे शूलधारिणी ” से ख्याल आया की क्यों ना माँ ललिता देवी मन्दिर नैमिषारण्य की महिमा अपने पाठको तह पहुचाई जाय तभी इस पोस्ट को लिख डाला खैर माँ ललिता देवी के दरबार में जो भी भक्त सच्चे ह्रदय से कुछ मांगता है माँ उसको निराश नहीं करती है |
Hi dear …
Aapne lalita Mata ki jaankari bahut acchi tarah se di hai aapko information Dene ke liye bahut bahut thanks …..
Thanks